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Pathankot News: दस हजार से अधिक लड़कियों को प्रशिक्षण दे आत्मनिर्भर बना चुकी हैं आशा भगत

आशा भगत को समाज सेवा का शौक उन्हें बचपन में था। स्कूल टाइम के समय भी वह जरूरतमंदों की सेवा करतीं। यही जुनून उनमें शादी के बाद भी कायम रहा। शादी के बाद वुमेन वेलफेयर सोसायटी का गठन कर इस नेक काम में जुटी हुई हैं।

By Vinod kumarEdited By: Updated: Mon, 26 Sep 2022 04:07 PM (IST)
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पठानकोट की आशा भगत लड़कियों को रोजगार परक प्रशिक्षण मुहैया करवा रही हैं।
जासं, पठानकोट। शहर की एक तिहाई आबादी की जिंदगी को आर्थिक तौर पर ताकत देने में जुटी हैं आशा भगत। खासकर उस तबके की जिस पर सरकार की नजरें भी बड़ी मुश्किल से इनायत होती हैं। अब तक वे दस हजार से अधिक लड़कियों को रोजगार परक प्रशिक्षण मुहैया करवा कर उनकी जिंदगी को संवार चुकी हैं।आज शहर का शायद ही कोई मोहल्ला होगा जहां उनकी दो-चार शिष्याएं व्यवसाय नहीं चला रहीं हों। पठानकोट ही क्यों हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों से भी बड़ी संख्या में महिलाएं उनसे प्रशिक्षण लेने पहुंचती हैं।

आशा भगत ने यह हुनर करीब पंद्रह साल पहले सीखा था। समाज सेवा का शौक उन्हें बचपन में था। स्कूल टाइम के समय भी वह जरूरतमंदों की सेवा करतीं। यही जुनून उनमें शादी के बाद भी कायम रहा। शादी के बाद वुमेन वेलफेयर सोसायटी का गठन कर इस नेक काम में जुटी हुई हैं। वह सिर्फ महिलाओं को आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि सशक्त बनाने में भी अग्रिम रहती हैं। उनके जज्बे को देखकर जिला के कई प्रशासनिक अधिकारी उन्हें सम्मानित कर चुके हैं। वह मुख्य रूप से महिलाओं को ब्यूटीशियन व सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण देती हैं।

इसके अलावा लड़कियों को आत्मरक्षक बनाने के लिए संस्था का गठन कर उन्हें कराटे वगैरह का प्रशिक्षण भी दिलवाती हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर वह अपनी रक्षा खुद कर सकें। आशा भगत का मानना है कि जनसंख्या के दबाव को नियोजित करना सामयिक जरूरत है। पठानकोट के अतिरिक्त उनसे प्रशिक्षित महिलाएं अन्य शहरों में बसने के बाद वहां व्यवसाय में जुटी हैं।

आशा भगत ने साल 1982 में बीए की पढ़ाई दौरान ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण लिया था। समाज में कुछ करने की इच्छा थी। 1985 में 5-6 लड़कियों को प्रशिक्षण से अभियान शुरू किया। कुछ ही महीनों में प्रशिक्षण के लिए लाइनें लगने लगीं। इन दिनों आशा भगत लड़कियों को वेस्ट हो चुके सामान को दोबारा किस प्रकार इस्तेमाल में लाया जा सकता है आदि के बारे में विशेष ट्रेनिंग दे रही हैं। आशा भगत इस भाव से गदगद है कि वह समाज को कुछ देने के लायक हैं।

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