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छठे वेतन आयोग की सिफारिशें शिक्षकों और पेंशनभोगियों पर लागू करने की मांग

सहायता प्राप्त स्कूलों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन भी नहीं मिल रही है। इस संबंध में वर्तमान सरकार के विधायकों और मंत्रियों को कई बार मांग पत्र दिए जा चुके हैं लेकिन इसके बावजूद सरकार सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों और पेंशनभोगियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 21 Aug 2022 05:22 PM (IST)
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छठे वेतन आयोग की सिफारिशें शिक्षकों और पेंशनभोगियों पर लागू करने की मांग

संवाद सूत्र, पठानकोट: पंजाब राज्य सहायता प्राप्त शिक्षक और अन्य कर्मचारी संघ राज्य कार्यकारिणी की बैठक आर्य ग‌र्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रधान मधु सलारिया की देखरेख में हुई। प्रधान मधु सलारिया और सचिव सुशील सिंह ने कहा कि सरकार ने न ही सहायता प्राप्त स्कूलों पर छठा वेतन आयोग लागू किया है, न ही इन स्कूलों के पेंशनभोगियों पर आयोग की सिफारिशें लागू की गई हैं और न ही वेतन अनुदान जारी किया गया है। पंजाब के एडिड स्कूलों को अब तक सभी वेतन आयोग पंजाब की सभी पिछली सरकारों द्वारा दिए गए हैं, क्योंकि सहायता प्राप्त स्कूलों के कर्मचारियों की कानूनी स्थिति अनुसार सरकारी स्कूलों से समानता दी गई है। सहायता प्राप्त स्कूलों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन भी नहीं मिल रही है। इस संबंध में, वर्तमान सरकार के विधायकों और मंत्रियों को कई बार मांग पत्र दिए जा चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद सरकार सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों और पेंशनभोगियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।

उन्होंने कहा कि सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों व पेंशनभोगियों से संबंधित कार्यों में बड़ी समस्या आडिट स्टाफ की कमी के कारण आ रही है। समय पर वेतन भी नहीं दिया जा रहा है और न ही पेंशन का क्रियान्वयन हो रहा है। उन्होंने डीपीआई (स) ने मांग की कि उनके कार्यालय में लंबित कार्यों को अविलंब पूरा किया जाए।

डीपीआई कार्यालय के कारेस्पोंडेंस के अनुमोदन से प्रबंधन समितियों, डीईओ (एस) से कई विद्यालयों को वंचित किया गया है। उन्हें दिए गए अधिकार पत्र को रद करने के कारण छह महीने का उनका वेतन जारी नहीं हुआ है।

उन्होंने शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा से मांग की कि सहायता प्राप्त स्कूलों की मांगों को लेकर यूनियन के साथ जल्द पैनल बैठक की जाए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार और विभाग उनकी ओर कोई ध्यान नहीं देते हैं और 10 दिन में मांगें नहीं मानी गई तो तीव्र संघर्ष शुरू किया जाएगा। सरकार के चुनावी घोषणा पत्र में भी पंजाब के एडिड स्कूलों को दिल्ली में सहायता प्राप्त स्कूलों के बराबर बनाने का वचन दिया गया है।