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बर्खास्त बीएसएफ कांस्टेबल ने किया था कारोबारी के बेटे का अपहरण, पुलिस ने 8 घंटे में सुलझा दिया मामला

पठानकोट के मोहल्ला शाह कालोनी निवासी कारोबारी बादल भंडारी के बेटे माहिर का अपहरण कर लिया गया था। किडनैपर्स ने स्कूल से लौटते वक्त अगवा कर लिया था। पठानकोट पुलिस ने बच्चे को सकुशल खोज निकाला है। पुलिस फिलहाल आरोपितों की तलाश कर रही है। बच्चे की मां ने कहा पुलिस के कारण ही उनके बेटे को नया जीवन मिल पाया है।

By Purshotam Sharma Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 01 Sep 2024 12:34 PM (IST)
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माहिर की घर वापसी पर आरती उतारती मां सीमा

जितेंद्र शर्मा, पठानकोट। पठानकोट के मोहल्ला शाह कालोनी निवासी कारोबारी बादल भंडारी के छह वर्षीय बेटे माहिर के अपहरण के मात्र आठ घंटों के भीतर ही पुलिस ने मामले को सुलझा लिया।

जिला पुलिस ने हिमाचल पुलिस के साथ मिल कर शुक्रवार देर रात बच्चे को हिमाचल प्रदेश के नूरपुर से कार सहित बरामद कर लिया, जबकि आरोपित कार को छोड़ कर अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए।

आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस दे रही है दबिश

पुलिस ने दोनों आरोपित अमित राणा व उसके साथी सोनी के खिलाफ थाना डिवीजन नंबर-2 में मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस द्वारा आरोपितों को काबू करने के लिए दबिश दी जा रही है। एसएसपी पठानकोट दलजिंदर सिंह ढिल्लों शुक्रवार रात करीब 12 बजे स्वजनों को उनके बेटे को सौंपने उनके घर गए। माहिर की मां सीमा ने आरती उतारकर बेटे का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पुलिस के कारण ही उनके बेटे को नया जीवन मिल पाया है।

बच्चे को अगवा कर मांगे थी 2 करोड़ की फिरौती

मालूम हो कि शुक्रवार शाम तीन बजे माहिर स्कूल से छुट्टी के बाद अपने घर जा रहा था। अपहरणकर्ताओं ने घर से 10 कदम की दूरी से ही उसे अगवा कर लिया। माहिर के साथ उसकी बड़ी बहन भी उसके पीछे-पीछे आ रही थी। जब तक बहन शोर मचाती, आरोपित कार लेकर घटनाक्रम से फरार हो चुके थे।

आरोपितों ने परिवार से बच्चे को छोड़ने के एवज में दो करोड़ रुपये की मांग रखी थी। पिता बादल भंडारी ने पुलिस का धन्यवाद किया और बेटे माहिर को कहा कि ये असली हीरो हैं, जिसके कारण उन्हें नया जीवन मिला है।

खुद को मरा साबित करने की साजिश रच चुका है अमित राणा

पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपित अमित राणा को बीएसएफ से डिसमिस किया गया है। वह पेशेवर क्रिमिनल है। जांच के दौरान पाया गया कि अमित राणा ने कुछ समय पहले ही खुद को मरा साबित कर लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने की साजिश रची थी।

अमित ने योजना बनाई थी कि उसकी मौत से जो पैसा आएगा, वे उसकी परिवार को मिल जाएगा और वह पैसा लेकर हिमाचल को छोड़कर किसी अन्य जगह पर निकल जाएगा। बाद में साजिश का खुलासा होने पर पुलिस ने अमित राणा को गिरफ्तार कर लिया था। इसी प्रकार के एक अन्य मामले में ही उसे सेना से डिसमिस किया गया था।

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डीआइजी बार्डर रेंज सहित जिले के तीन अधिकारी होंगे सम्मानित

अपहरण की गुत्थी आठ घंटे में ही सुलझाने पर डीजीपी पंजाब ने जिला पठानकोट के तीन अधिकारियों सहित चार को डिस्क अवार्ड से सम्मानित करने का ऐलान किया है। मामले को सुलझाने में अहम रोल अदा करने के लिए डीआइजी बार्डर रेंज अमृतसर सतिंद्र सिंह, एसएसपी दलजिंदर सिंह ढिल्लों, डीएसपी धार एलएस रंधावा व थाना डिवीजन नंबर-2 प्रभारी शौहरत मान का नाम शामिल है।

जैसे ही पुलिस को घटनाक्रम की जानकारी मिली तो सभी थाना प्रभारियों और डीएसपी रैंक के अधिकारियों की बैठक बुलाकर इस मामले को यथाशीघ्र हल करवाने के लिए प्लानिंग तैयार की गई। पुलिस ने इसे अपने परिवार का मामला समझते हुए काम शुरू किया। चूंकि आरोपित हिमाचल की ओर निकले थे, जिस कारण हिमाचल पुलिस को भी सूचित किया गया। पंजाब व हिमाचल पुलिस के आपसी सहयोग के कारण ही घटना के कुछ घंटों के बाद ही सफलता मिल गई। जब उनसे आरोपितों को काबू करने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि फिलहाल आरोपितों की पहचान कर ली गई है। पुलिस की ओर से उन्हें काबू करने के लिए छापेमारी की जा रही है। जल्द ही आरोपितों को काबू करके सारे मामले का खुलासा किया जाएगा।

दलजिंदर सिंह ढिल्लों, एसएसपी, पठानकोट

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