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हाय रे सिस्टम! अंधेरे में गुजरी रात, सुबह उठे तो पानी के लिए भी मोहताज; पठानकोट में 5 हजार परिवारों पर फूटी आफत

Water Crisis in Pathankot पठानकोट के वार्ड 45 और 46 के निवासियों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। 30 घंटे तक बिजली गुल रहने के कारण पेयजल आपूर्ति बाधित रही। लोगों को पानी की बोतलें खरीदकर काम चलाना पड़ा। वार्ड पार्षद स्वर्ण सिंह बांटा ने अपनी जेब से पानी के टैंकर भेजकर लोगों की प्यास बुझाई।

By Purshotam Sharma Edited By: Rajiv Mishra Updated: Wed, 11 Sep 2024 03:57 PM (IST)
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पार्षद ने अपना टैंकर लगवाकर बुझाई लोगों की प्यास
जागरण संवाददाता, पठानकोट। शहर के वार्ड नंबर-45 व 46 के पांच हजार परिवारों को मंगलवार की रात अंधेरे में गुजारनी पड़ी। रातभर वार्डवासी बिजली कर्मियों को फोन करते रहे परंतु वह हर बार आने का आश्वासन देने के बावजूद भी नहीं आए। इतना ही नहीं बाद में बिजली कर्मियों व अधिकारियों ने अपना स्विच ऑफ कर दिया। रातभर लाइट न आने के कारण सुबह पेयजल सप्लाई भी बाधित रही।

जिनके घरों में इनवर्टर लगे हैं वह भी जबाव दे गए। लोगों की दिनचर्या भी बुरी तरह से प्रभावित होकर रह गई। जिसके चलते लोगों वार्डवासियों का कहना है कि आठ साल हो गए उन्हें निगम का हिस्सा बने परंतु उन्हें जो सप्लाई मिल रही है वह ग्रामीण एरिया के अनुसार आ रही है। ऐसे में थोड़ा सा फाल्ट पड़ते ही दोनों वार्डों की बिजली गुल हो जाती है।

जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह करीब छह बजे वार्ड नंबर-45 के अधीन आते भरोली खुर्द व 46 के भरोली कलां में लाइट बंद हो गई। जिसके बाद लोगों ने दिन भर बिजली कर्मियों व सरना सब डिवीजन के एसडीओ से लगातार संपर्क किया।

एसडीओ ने पहले कहा कि थोड़ी देर में आ जाती है। लेकिन, शाम तक लाइट नहीं आई। जिसके बाद लोगों ने फोन किया तो उनका जबाव था कि बिजली कर्मियों की हड़ताल है। इसके बाद कुछेक लोगों ने एक्सईएन सिटी डिवीजन से बात की।

जिन्होंने अपने स्तर पर प्रयास करके लाइट शुरु करवा दी। लेकिन, 10 मिंट बाद ही वार्ड नंबर-46 को सप्लाई करने वाले ट्रांसफार्मर का एक फेज उड़ गया। जबकि, दूसरे फेज की लाइट डिम हो गई। रात भर लाइट न आने के कारण गर्मी में लोगों का जीना मुश्लिक कर दिया। जिसके चलते लोगों में पावरकाम के प्रति गहरा रोष पाया जा रहा है।

वार्ड 45 के लोगों ने रोया दुखड़ा

वार्ड नंबर-45 के शम्मी ठाकुर, रवि कुमार, निशांत सड़माल, विनोद कुमार, नरेश कुमार, सुरेश कुमार आदि ने बताया कि बड़ी हैरानी की बात है कि शहरी एरिया में आने के बावजूद भी उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कहा कि मंगलवार सुबह 6 बजे से बंद हुई सप्लाई बुधवार दोपहर 12 बजे के बाद आई। कहा कि इस दौरान लाइट न होने के कारण लोगों को पानी की सप्लाई नहीं मिली। रात को भी लोगों को अंधेरे में ही रात बितानी पड़ी।

वार्ड 46 के लोगों ने जताया रोष

वार्ड नंबर-46 के भोली देवी, लीलो देवी, काजल, अकाली दल बादल के वार्ड प्रधान हरीष कुमार हैप्पू, सोना देवी, रमन कुमार, कुलदीप कुमार, सचिन वालिया, लखविद्र सिंह, संजीव कुमार, भीम सिंह, साहिल शर्मा, विक्की शर्मा, गोबिद्र व रविद्र कुमार आदि ने कहा कि आठ साल पहले ये गांव निगम का हिस्सा बने थे। सोचा था कि उन्हें अब बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्हें जो बिजली सप्लाई मिल रही है वह भी शहरी सुविधा के तहत नहीं मिल रही। इन आठ वर्षों की अवधि में अगर कुछ मिला है तो टैक्सों का बोझ। वार्डवासियें ने बताया कि 30 घंटे लाइट बंद रहने के कारण लोगों को पानी की सप्लाई नहीं मिली। जिसके चलते लोग बूंद-बूंद को तरस गए। कहा कि कई परिवारों ने पानी की बोतलें खरीदकर काम चलाया। सुबह बच्चों को स्कूल भेजने में भारी दिक्कतें पेश आई।

वार्ड पार्षद ने अपना टैंकर लगवाकर बुझाई लोगों की प्यास

बिजली बंद होने के कारण पेश आ रही परेशानियों को देखते हुए वार्ड नंबर-46 के पार्षद स्वर्ण सिंह बांटा ने कहा कि काफी देर तक बिजली विभाग के अधिकारियों से बात की। उन्होंने कहा कि लाइट आ जाएगी। परंतु लाइट नहीं आई। कहा कि लाइट न आने के कारण वार्ड में लोगों को पानी के लिए भारी दिक्कतें पेश आ रही थी। जिसे देखते हुए उन्होंने अपनी जेब से पानी के टैंकर भेज कर लोगों की प्यास बुझाई। वार्ड पार्षद स्वर्ण सिंह बांटा ने भी पावरकाम की कार्यप्रणाली को लेकर रोष जताया है। कहा कि शीघ्र ही बिजली की समस्या को लेकर शिष्टमंडल के साथ एक्सईएन अर्बन डिवीजन से मिलेंगे और उन्हें इसके स्थाई समाधान को लेकर बात करेंगे।

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