जानिये पंजाब के इस 'सौदागर' की खास कहानी, विदेश की नौकरी छोड़ लौटे और अब लोगाें के जीवन में भी घाेल रहे मिठास
पंजाब के इस सौदागर की कहानी बेहद खास है और लोगों को राह दिखाने वाली है। वह मलेशिया में अच्छी खासी नौकरी करते थे लेकिन पंजाब लौट आए। वह गन्ने की खेती कर गुड़ बनाते हैं और लोगों के जीवन में मिठास घोल रहे हैं। उनका गुड़ हाथोंहाथ बिकता है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sat, 05 Dec 2020 04:10 PM (IST)
प्रिंस सलारिया, मामून (पठानकोट)। आपने अमिताभ बच्चन अभिनीत बॉलीवुड फिल्म सौदागर देखी होगी। इस फिल्म के नायक की तरह की पठानकोट के गांव गोसाईपुर के सरदार अवतार सिंह के बनाए गुड़ की धूम है। अवतार अपने खेतों में गन्ने की खेती करते हैं और फिर खुद ही उससे गुड़ बनाकर बेचते हैं। लोगों को उनके गुड़ का स्वाद इतना भाता है कि सारा कुछ समय में ही बिक जाता है और लोगों की डिमांड खत्म नहीं होती।
मलेशिया से गांव लौटे अवतार सिंह गन्ने की खेती कर खुद बनाते हैं गुड़ अवतार सिंह मलेशिया में अच्छी खासी नौकरी करते थे, लेकिन उनको यह रास नही आई और गांव लौट आए। यहां लौट कर उन्होंने स्मार्ट खेती और स्मार्ट कारोबार करना शुरू किया। इसके बाद बन गए गुड़ के 'सौदागर'। अवतार ने गांव आकर अपने खेतों में गन्ने की खेती शुरू की और उससे गुड़ बनाकर बेचने का काम शुरू किया। आज वह दूसरों के के साथ खुद की जिंदगी की जिंदगी में मिठास घोल रहे हैं। पठानकोट से सटे गांव गोसाईपुर वह अब गुड़ के कारोबार में जाना पहचाना नाम हो गए हैं। उनके देसी गुड़ की मांग पठानकोट ही नहीं बल्कि पंजाब, अन्य राज्यों और विदेश में भी है।
गुड़ बनाते अवतार सिंह। (जागरण)
मलेशिया में बिताए आठ सालअवतार सिंह ने मलेशिया में आठ वर्ष नौकरी की। वह एक निजी कंपनी में काम थे, लेकिन वहां उन्हें काम व लाइफस्टाइल अच्छा नहीं लगा। ऐसे में खुद के कारोबार करने की इच्छा जागी, हालांकि यह उनके लिए आसान नहीं था। परिवार की जिम्मेदारी व नए काम को शुरू करने में सफलता को लेकर भी संशय था, लेकिन वह मजबूत इरादों के साथ गोसाईपुर आए और गन्ने की खेती व गुड़ के कारोबार में रम गए।
डेढ़ क्विंटल गुड़ का प्रतिदिन का उत्पादनगन्ने के लिहाज से पठानकोट की जमीन अच्छी मानी जाती है। ऐसे में अवतार सिंह ने भी गांव आकर अपनी चार किल्ले की जमीन में गन्ने की खेती शुरू की। इसके साथ ही खुद गन्ने के रस से गुड़ बनाने का कार्य करने लगे। आज वह रोज डेढ़ क्विंटल गुड तैयार कर रहे हैं और यह हाथोंहाथ बिक जाता है। स्थिति है कि उनके पास कई ग्राहक बिना गुड़ लिए वापस लौटते हैं। इस सीजन में अब तक करीब पांच लाख रुपये की आय हो चुकी है। उन्होंने चार लोगों को रोजगार भी दिया है।
गुड़ बनाने में जुटे अवतार सिंह। (जागरण)
लुधियाना से सीखी बारीकियांअवतार सिंह ने बताया कि उनके लिए गन्ने की खेती व गुड़ तैयार करने का कारोबार नया था। ऐसे में वह प्रशिक्षण के लिए कृषि विभाग के आयोजित कैंप में गए और गुड़ बनाने की बारीकियां सीखीं। उनके लिए दिक्कत यह थी कि गन्ने के रस को गर्म करने के बाद गुड़ जल्दी ठंडा नहीं होता था। इस पर उन्हें विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि संगमरमर का चाक बनाकर गुड़ को इसमें डाले।
इसके साथ ही अवतार ने बेलने के पास एक पाइप लगा रखी है, जिससे गन्ने का रस एक होदी में डाला गया है। इसमें गेटवाल खोलने से होदी से गन्ने का रस एक कराटे में डाला जाता है। वहां पर गर्म होने से गन्ने के रस को तीसरे कराटे में डाला गया है। इस प्रक्रिया में गुड़ जल्दी बनता है फिर उसके बाद इसे संगमरमर के बने बड़े चाक में डाला जाता है। चाक बड़ा होने के कारण गुड़ जल्दी ठंडा हो जाता है और गुड़ भी अच्छा तैयार होता है।
अपने सहयोगियों के साथ गुड़ बनाने में जुटे अवतार सिंह। (जागरण)
विदेश में भी मांगअवतार के देसी गुड़ की मांग विदेश में भी है। वह 70 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से गुड़ बेचते हैं। उनके हाथों का बना गुड़ जर्मनी, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, दुबई, इंग्लैंड आदि के देशों में हर साल जाता है। यहां पर बसे भारतीय उनसे गुड़ की मांग करते हैं और खुद या किसी के हाथों व पार्सल से इसे मंगवाते हैं।
यह भी पढ़ें: पंजाब में बिचौलियों का खेल: बाजार में 50 तक बिक रहा आलू, किसान की जेब में जा रहे 16 से 20 रुपये
बिना केमिकल के देसी गुड़ में है कई खासियत अवतार सिंह बताते हैं कि उनका शुद्ध देसी है व इसमें कोई केमिकल नहीं डाला जाता है। इससे यह स्वादिष्ट होने के साथ ही सेहतमंद होता है। तभी इस गुड़ की मांग भी अधिक है। उनका कहना है कि नौजवान पीढ़ी अपने गांव या कस्बे में रहकर भी पारंपरिक कार्य कर अच्छा रोजगार पा सकते हैं। सरकारी नौकरी या विदेश जाने की चाहत की बजाय खेतीबाड़ी से जुड़ें।
यह भी पढ़ें: हिसार में 80 साल की सास को बहू ने घर से निकाला, कपड़े गली में फेंके, वीडियो वायरल हुआ तो गिरफ्तार
यह भी पढ़ें: Agricultural laws: हरियाणा के इन प्रगतिशील किसानों से जानिये तीन कृषि कानूनों के फायदे
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए