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पूर्व भाजपा मंत्री का बड़ा दावा- नवजोत सिंह सिद्धू की जल्द होगी घर वापसी, यहीं होगा उनका उद्धार, ये रहा राजनीतिक सफर

पंजाब के एक पूर्व भाजपा मंत्री ने नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ईमानदार नेता हैं। भाजपा में ही उद्धार होगा। वह जल्द बड़ा फैसला लेंगे और पार्टी ज्वाइन करेंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Tue, 06 Oct 2020 10:26 AM (IST)
क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू। फाइल फोटो
जेएनएन, पठानकोट। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री मास्टर मोहन लाल ने दावा किया है कि नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) जल्द बड़ा फैसला लेंगे और घर वापसी करेंगे। कहा कि सिद्धू का उद्धार भाजपा में ही होगा। कांग्रेस में सिद्धू का कोई भविष्य नहीं है। वह एक ईमानदार नेता हैं और उनके लिए भाजपा ही उचित मंच है।

उन्होंने दावा किया कि सिद्धू जल्द बड़ा फैसला लेंगे और भाजपा का दामन थामेंगे। उन्होंने कहा कि सिद्धू 2022 का चुनाव भाजपा से लड़ेंगे। मीडिया से बातचीत में कहा कि वे तो हमेशा से भाजपा के अकेले पंजाब में चुनाव लड़ने के हिमायती रहे हैं। सिद्धू भी इस बात पर जोर दे रहे हैं। अब समय आ गया कि भाजपा के साथ सिद्धू आएं।

बता दें, लंबे अंतराल के बाद फिर से सक्रिय हुए नवजोत सिंह सिद्धू इन दिनों एक बार फिर चर्चाओं में हैं। सिद्धू प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के प्रयासों के बाद राहुल गांधी की मोगा मेंं खेती बचाओ रैली मेंं शामिल हुए। वहां उन्हें भाषण देने का मौका मिला, लेकिन उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ बोलने के साथ-साथ अपनी ही पंजाब सरकार को भी घेरा। इसके बाद सिद्धू को किसी भी मंच से बोलने का मौका नहीं मिला। इस पर सिद्धू बाद में राहुल की ट्रैक्टर यात्रा में शामिल नहीं हुुुुए।

ये है सिद्धू का राजनीतिक सफर

बता दें, क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने वर्ष 2004 में सियासत में कदम रखा था। उन्होंने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की, लेकिन जीत दर्ज करते ही वह 1988 के गैर इरादतन हत्या के मामले में घिर गए। यह केस दोबारा खुला। दिसंबर 2006 में उन्हें मामले में तीन साल कैद की सजा सुनाई गई। इस पर सिद्धू ने जनवरी 2007 लोकसभा से इस्तीफा दे दिया और सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी। फरवरी 2007 में सिद्धू ने एक बार फिर भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद 2009 में भी सिद्धू ने जीत दर्ज कर हैट्रिक लगाई।

वर्ष 2014 में सिद्धू को भाजपा ने लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया। उनके स्थान पर अरुण जेटली ने चुनाव लड़ा, लेकिन जेटली कैप्टन अमरिंदर सिंह से चुनाव हार गए। इसके बाद सिद्धू की भाजपा से नाराजगी शुरू हो गई। हालांकि भाजपा ने सिद्धू को अप्रैल 2016 में राज्यसभा भेज दिया, लेकिन खुश नहीं थे। आखिरकार उन्होंने राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और जुलाई 2016 में भाजपा छोड़ दी। इसकेे बाद उन्होंने अपनी पार्टी आवाज-ए-हिंद बनाई। हालांकि बाद में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम दिया।

कांग्रेस का दामन थामने के बाद सिद्धू ने कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत दर्ज की। कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में उन्हें स्थानीय निकाय मंत्री बनाया गया, लेकिन बाद में उनके विभाग में फेरबदल कर दिया गया। इससे सिद्धू नाराज हो गए और वर्ष 2019 में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सिद्धू हर मंच पर चाहे वह सोशल मीडिया हो गया फिर सार्वजनिक मंच सभी जगह खामोश हो गए। इस बीच, सिद्धूू ने फिर राजनीतिक सक्रियता बढ़ाई है।

मंत्री पद से इस्तीफे के बाद कब-कब फील्ड में दिखे सिद्धू

  • 8 अगस्त 2019 : विधानसभा हलका पूर्वी में एलईटी स्ट्रीट लाइट व मोहन नगर में नाले की सफाई का शुभारंभ किया।
  • 29 अगस्त 2019 : हलके में पड़ते गंदे नाले की सफाई का काम शुभारंभ करवाया, मीडिया से दूरी बनाए रखी।
  • 9 नवंबर 2019 : श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर के उद्घाटन के पाकिस्तान श्री ननकाना साहिब गए।
  • 12 नवंबर 2019 : गुरुपर्व पर अपने हलके के गुरुद्वारा नानकसर साहिब वेरका में करतारपुर कॉरिडोर की शुकराना अरदास की।
  • 31 मार्च 2020 : कोरोना वायरस में जरूरतमंदों तक राशन पहुंचाने के लिए राशन खरीदने निकले।
  • 6 और 9 अप्रैल 2020 : कोरोना काल में डॉक्टरों को पीपीई किट व सैनिटाइजर मुहैया करवाने के लिए वह फील्ड में उतरे जरूर, पर तब भी विवादों ने उनका साथ नहीं छोड़ा।
  • 22 सितंबर 2020 : कृषि सुधार कानून के खिलाफ भंडारी पुल पर अपने हलके के पार्षदों व वर्करों के साथ प्रदर्शन किया।
  • 28 सितंबर 2020 : गांव मानवाला धूरी संगरूर में किसानों के प्रदर्शन में भाग लिया।
  • 4 अक्टूबर 2020 : राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली में हिस्सा लिया।
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