सुनिए सरकार, पंजाब की पुकार: उद्योगपतियों व स्थानीय लेबर के लिए नई नीति बनाने की जरूरत
सरकार अगर जिले में औद्योगिक विकास की ओर ध्यान दे तो युवाओं के भविष्य को अंधकारमय होने से बचाया जा सकता है। औद्योगिक विकास से रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं और बेरोजगारी पर अंकुश लगाया जा सकता है।
By JagranEdited By: Updated: Sun, 06 Mar 2022 07:31 AM (IST)
जागरण संवाददाता, पठानकोट: राज्य में विधानसभा चुनावों का नतीजा आने को आने में मात्र चार दिन का समय बचा है। औद्योगिक विकास को लेकर नई सरकार से लोगों को क्या उम्मीदें हैं, इसके बारे में जानने के लिए दैनिक जागरण ने शहर के व्यापारियों के साथ राउंड टेबल काफ्रेंस की। इस पर व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने कहा कि व्यापार और उद्योग को बचाने के लिए नई पालिसी बनाने की जरूरत है। पंजाब में इस संबंधी सही पालिसी न होने के चलते धीरे-धीरे पठानकोट जिले के साथ-साथ प्रदेश का व्यापार और उद्योग भी हिमाचल प्रदेश व जेएंडके में शिफ्ट होता चला जा रहा है।
सरकार अगर जिले में औद्योगिक विकास की ओर ध्यान दे तो युवाओं के भविष्य को अंधकारमय होने से बचाया जा सकता है। औद्योगिक विकास से रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं और बेरोजगारी पर अंकुश लगाया जा सकता है। बड़ी इंडस्ट्रीज के साथ-साथ लघु उद्योग पर भी विशेष ध्यान जोर देने की जरूरत है, तभी हर हाथ को रोजगार का सपना पूरा हो सकेगा। टैक्स के लिए एकल विंडो सिस्टम को लागू किया जाए : अमित नैय्यर व्यापार मंडल के प्रधान अमित नैय्यर ने कहा कि सरकार के खजाने भरने में व्यापारी वर्ग का अहम योगदान है, लेकिन व्यापार जगत के उत्थान के लिए सरकार नहीं सोचती। नई सरकार को चाहिए टैक्स सिस्टम को एकल विंडो सिस्टम में तबदील करना चाहिए। औद्योगिक इकाई स्थापित करने के समय व्यापारी को विभिन्न कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़े इसे लेकर भी कोई पालिसी या प्रविधान होना चाहिए। यहा तक कि टैक्स भरने के लिए व्यापारियों को विभिन्न कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हें। एकल विंडो की सुविधा मिलती है तो ऐसी सुविधा मिलती है तो यकीनन व्यापारी व उद्योगपति अपना कारोबार बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर सकेगा। केंद्र व राज्य सरकार मिलकर बनाएं पालिसी : राजेश शर्मा
व्यापार मंडल के सरप्रस्त राजेश शर्मा का कहना है कि पंद्रह साल पहले पूरे देश में प्रदेश की इंडस्ट्रीज का बोलबाला था, लेकिन अब धीरे-धीरे इंडस्ट्रीज अन्य प्रदेशों में शिफ्ट हो रही है। कारण, पड़ोसी राज्य उद्योगपतियों को जहा सब्सिडी मुहैया करवाती है वहीं उनकी सुरक्षा पर भी केंद्रित करती है। प्रदेश सरकार इस गंभीर विषय के समाधान को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रही। समय रहते इस पर ध्यान न दिया तो पंजाब का कारोबार प्रभावित होकर रह जाएगा। केंद्र व राज्य सरकार को मिलकर इस पर ध्यान देने की जरूरत है। नई सरकार केंद्र के साथ मिलकर एक सशक्त पालिसी बनाए और उसे अमलीजामा भी पहनाए। लघु उद्योग को बढ़ावे पर जोर हो : सुनील महाजन ठीक है उद्योग को बढ़ावा देने में इंडस्ट्रीज ज्यादा से ज्यादा होनी चाहिए, लेकिन यदि सारे काम मशीनरी पर ही हो गए तो लाखों लोग बेरोजगार भी हो जाएंगे। इसलिए लघु उद्योग को भी प्रफुल्लित करना चाहिए। इस तरफ विशेष ध्यान देने की जरूरत है। नई सरकार जिस तरह बाकी वगरें के लिए कार्य करती है उसी प्रकार व्यापार जगत को भी दोबारा पाव पर लाने के लिए पालिसी बनाए। पालिसी को तुरंत प्रभाव से अमल में लाए ताकि आने वाले दो से तीन वषरें में पंजाब दोबारा विकास की ओर अग्रसर हो सके। व्यापारियों के लिए भी हो पेंशन स्कीम का प्रविधान : भारत महाजन
व्यापार जगत के लिए जहा विशेष पालिसी की जरूरत है। वहीं, कारोबारियों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उद्योगपति-कारोबारी जिस प्रकार का जीएसटी भरता है उसी प्रकार उसके लिए पेंशन स्कीम का भी प्रविधान होना चाहिए। बाकी वगरें की भाति व्यापारियों के लिए भी एक्ट होना चाहिए ताकि उसे भी अपनी सुरक्षा की किरण नजर आए। उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पंजाब सरकार भी व्यापारियों के लिए विशेष राहत व सब्सिडी दे। इससे यहा कारोबारियों को राहत मिलेगी वहीं रोजगार के भी साधन पैदा होंगे। कौशल विकास पर विशेष ध्यान देने की जरूरत : राजेश पुरी रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश में बनने वाली नई सरकार के लिए कई प्रकार की चुनौतिया पैदा होगी। इससे पार पाना इतना आसान नहीं है। प्रदेश में उद्योग का ग्राफ बढ़े इसके लिए कौशल विकास पर भी ध्यान देने की जरूरत है। युवा पीढ़ी हुनरमंद बनेगी, तबी इसका सीधे तौर पर व्यापार को लाभ मिलेगा। प्रदेश में स्किल डेवेलपमेंट कोर्स न होने के कारण युवा दिल्ली, नोएडा या अन्य प्रदेशों में चले जाते है। स्थानीय लेबर के लिए भी पालिसी बनाएं : वालिया उत्तर प्रदेश व बिहार में इंडस्ट्रीज का ग्राफ दिन ब दिन बढ़ने लगा है। इसी कारण अब बाहरी राज्यों से आने वाली लेबर का पंजाब की ओर झुकाव कम हो रहा है जो चिंता का विषय है। प्रदेश के उद्योगपति बाहरी राज्यों की लेबर पर निर्भर है। ऐसे में बाहरी राज्यों से लेबर नहीं आएगी तो उद्योगपतियों का कारोबार प्रभावित होगा। स्थानीय लेबर महंगी होती है, जिस कारण उन्हें रोजगार नहीं मिलता। प्रदेश के उद्योगपति बाहरी राज्यों की लेबर पर निर्भर न हो इसके लिए लेबर क्लास के लिए भी एक पालिसी होनी चाहिए।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।