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Monkeys Attack: पठानकोट में बंदरों का आतंक! छत से कपड़े उतारने गए शख्स पर किया हमला, इलाज के दौरान मौत

पठानकोट के गांधी नगर मोहल्ले में बंदरों ने आतंक मचा रखा है। बंदरों के झुंड ने अब एक युवक पर हमला कर दिया। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक पठानकोट के एक प्रतिष्ठित स्कूल में टीचर था। मृतक की एक पांच साल की बेटी और तीन साल का बेटा है। स्थानीय लोगों ने वन्य जीव विभाग से बंदरों को काबू करने की अपील की है।

By Purshotam SharmaEdited By: Rajat MouryaUpdated: Mon, 18 Sep 2023 08:04 PM (IST)
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छत से कपड़े उतारने गए शख्स पर बंदरों ने किया हमला, इलाज के दौरान मौत (फोटो- जागरण)
पठानकोट, संवाद सूत्र। Monkeys Attack In Pathankot पठानकोट के मोहल्ला गांधी नगर (गुरदासपुर रोड) में रहने वाले एक युवक पर बंदरों के झुंड ने हमला कर दिया। इलाज के दौरान व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान पुनीत अग्रवाल के रूप में हुई है। वे पठानकोट के एक प्रतिष्ठित स्कूल में बतौर टीचर था। मृतक की एक पांच साल की बेटी और तीन साल का बेटा बताया जा रहा है।

मृतक के रिश्तेदार मुकेश अग्रवाल तथा आदर्श गुप्ता ने बताया कि दो दिन पहले पुनीत स्कूल से घर आया। दोपहर का भोजन करने के बाद जब वे छत पर पड़े अपने कपड़े उतारने के लिए गया तो वहां पर पहले से ही बैठे बंदरों के झुंड ने उस पर हमला कर दिया। बंदरों से अपना बचाव करते पुनीत छत से नीचे जा गिरा, जिससे उसकी एक बाजू और पसलियां टूट गई।

इलाज के दौरान हुई मौत

परिजनों ने उसे तुरंत अमनदीप अस्पताल में भर्ती कराया। सोमवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस हादसे से परिजनों का जहां रो-रो कर बुरा हाल है वहीं, दूसरी ओर मोहल्ले में भी मातम छाया हुआ है। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि उनके इलाके में बंदरों की भरमार है जिस कारण आए दिन बच्चों, बुजुर्गों तथा आमजन का घरों से बाहर निकलना तथा छतों पर जाना मुशिकल हो चुका है।

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वन्य जीव विभाग के डीएफओ ने क्या कहा?

स्थानीय लोगों ने वन्य जीव विभाग से बंदरों पर नकेल कसने की अपील की है। वहीं, दूसरी ओर वन्य जीव विभाग के डीएफओ परमजीत सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मोहल्ले में कुछ होटल हैं। होटल मालिक अक्सर ही बचे हुए खाद्य पदार्थ होटलों की छतों पर फेंक देते हैं जिस कारण ही इस एरिया में बंदरों की भरमार है।

उन्होंने कहा कि मोहल्ला वासियों की अपील पर कुछ समय पहले बंदरों को काबू करने के लिए पिंजरे भी लगाए गए थे। लेकिन उन्हें होटलों की छतों से ही खाना मिल जाता है जिस कारण वे पिंजरे के आसपास भी नहीं आते। इसी कारण इन पिंजरों को लोगों की सहमति से बाद में हटा लिया गया था। उन्होंने बताया कि अब यदि पुन: लोग कहेंगे तो वे दोबारा मोहल्ला में बंदरों को काबू करने के लिए पिंजरे लगा देंगे।

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