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Punjab News: ड्रग्स-हथियार और नकली करेंसी पर लगेगी लगाम, पाक को मुंहतोड़ जवाब देंगे एंटी ड्रोन; पढ़ें इनकी खासियत

पाक द्वारा पंजाब में ड्रोन के माध्यम से भेजी जा रही नशीली वस्तुएं हथियार और करेंसी पर लगाम लगाया जा सकेगा। क्योंकि इनका मुकाबला करने के लिए एंटी ड्रोन को लाया गया है। इन ड्रोन के माध्यम से पाक के नापाक इरादों को नेस्तनाबूद किया जा सकेगा। सीमावर्ती जिलों के 25 फीसदी एरिया में एंटी ड्रोन लगाए जाने का परीक्षण सफल हो चुका है।

By Rohit Kumar Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 27 Jul 2024 06:03 PM (IST)
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एंटी ड्रोन सिस्टम करेगा पाक के नापाक इरादों को फेल (जागरण फाइल फोटो)
रोहित कुमार, चंडीगढ़। पंजाब की सीमा पार से आने वाले ड्रोन का मुकाबला एंटी ड्रोन कर रहे है। सीमा पार से ड्रोन के जरिए ड्रग्स, हथियार-बारूद और नकली करेंसी भेजी जाती है।

इस साल जनवरी 2024 से लेकर 9 जुलाई के बीच पंजाब (Punjab News) की पाकिस्तान सीमा पर 126 ड्रोन मार गिराए हैं। जबकि 2023 में सीमा पर 303 से ज्यादा ड्रोन गतिविधियां देखी गई।

इनमें से दिसंबर 2023 तक 111 ड्रोन को रिकवर किया गया। सीमावर्ती जिलों के 25 फीसदी एरिया में एंटी ड्रोन लगाए जाने का परीक्षण सफल हो चुका है। पिछले साल के मुकाबले ड्रोन गतिविधियों में कमी आने लगी है।

इस साल अभी तक की पहली छमाही में 150 के करीब ड्रोन गतिविधियां देखी गई जिन में से 126 ड्रोन पकड़े गए हैं। साफ है कि अब एंटी ड्रोन के जरिए इन्हें काबू करने से सीमा पार से होने वाली गतिविधियां सफल रहीं हो रही हैं।

हेरोइन भेजने के मामलों में चार फीसदी हुई वृद्धि

पाकिस्तान से लगती 553 किलोमीटर लंबी पंजाब की सीमा पर पाकिस्तान की ओर से 2022 की तुलना में 2023 में ड्रोन से हेरोइन भेजने के मामलों में चार गुणा वृद्धि दर्ज की गई थी।

वर्ष 2022 में जहां कुल 21 ड्रोन बरामद किए गए। वहीं, 2023 में अब तक 111 ड्रोन बरामद किए जा चुके हैं। लेकिन एंटी ड्रोन सिस्टम लगने से ड्रोन गतिविधियों में ओर कमी आएगी।

एंटी ड्रोन सिस्टम क्यों खास ?

एंटी ड्रोन टेक्नालॉजी बेहद जरूरी है। इससे ना केवल बाहरी बल्कि आंतरिक सुरक्षा कवच भी मजबूत होगा। सीमा पार से पंजाब, कश्मीर और अन्य बॉर्डर इलाकों से ड्रोन के जरिए ड्रग्स, हथियार और अन्य गैर-कानूनी चीजों को भेजा जाता है। इसमें अधिकतर चाइनीज ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है।

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समस्या यह है कि अभी बॉर्डर पर डटे जवान ड्रोन की आवाज, लाइट या अन्य तरीके से इसका पता लगाते हैं। एंटी ड्रोन सिस्टम आ जाने से जैसे ही ड्रोन भारत की सीमा में प्रवेश करेगा, सिस्टम तुरंत इमरजेंसी अलर्ट देगा। इससे जवानों को समय रहते ड्रोन को मार गिराने में मदद मिलेगी।

ऐसे काम करता है एंटी ड्रोन सिस्टम

इसका असल इस्तेमाल निगरानी के लिए होता है। सीमाओं पर चारों ओर सैनिक तैनात किए जा सके। इस स्थिति में ड्रोन लगा दिए जाते हैं।

जैसे ही कोई संदिग्ध बात नजर आती है, ड्रोन के जरिए सेना तक पहुंच जाती है। एंटी ड्रोन तकनीक ऐसी जो बैलिस्टिक मिसाइल या फिर लेजर जैसी अत्याधुनिक तकनीक से लैस होती हैं।

एंटी ड्रोन सिस्टम में लेजर हथियार है जो रेडियो फ्रीक्वेंसी जैमर और जीपीएस जैमर, स्पूफर सहित अन्य सुविधाओं के साथ 1,000 मीटर की दूरी तक काम करता है। सीमा पर जब भी कोई ड्रोन, एंटी ड्रोन सिस्टम की रेंज में आ जाता है, तो वह अपने टारगेट को भूल जाता है।

उसका सारा फीड किया प्रोग्राम खराब हो जाता है। इसके चलते वह सुरक्षा एजेंसियों की गोलियों का शिकार हो जाता है। जैसे ही ड्रोन पाक सीमा से भारत की तरफ उड़ान भरता है, तो एंटी ड्रोन सिस्टम से इसकी सूचना बीएसएफ को मिल जाती है।

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