Punjab News: जल्द रुकेगा पाकिस्तान में बहने वाला पानी, 206 MW बिजली का होगा उत्पादन; 100 गांवों के किसानों को मिलेगा फायदा
Punjab News जल्द ही पाकिस्तान की ओर बहने वाला पानी अब किसानों को मिलेगा और उस पानी के जरिए 205 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। परियोजना के तहत रावी नदी से जम्मू कश्मीर को प्रतिदिन 1150 क्यूसेक पानी मिलेगा जिससे कठुआ और सांबा (Kathua and Samba) जिलों में 32173 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा।
जागरण संवाददाता, पठानकोट। रणजीत सागर डैम (आरएसडी) की दूसरी इकाई बैराज बांध के निर्माण में पिछले दो वर्ष से काफी तेजी आई है। प्रदेश की वर्तमान आप सरकार के प्रयासों की बदौलत ही इसका काम समय पर पूरा होने जा रहा है।
बांध बनने के बाद जहां इसकी क्षमता 206 मेगावाट होने से प्रदेश बिजली संकट से उभरेगा। वहीं, पंजाब और जेएंडके के 100 गांवों के किसानों को भी पर्याप्त मात्रा में पानी मिलना शुरू हो जाएगा। क्योंकि, बैराज बनने के बाद देश का बहुमूल्य पानी जिसे पाकिस्तान छोड़ना पड़ता था, वह नहीं छोड़ा जाएगा।
परियोजना से 206 मेगावाट बिजली उत्पादन हाउसों के जरिए
इस परियोजना के तहत रावी नदी से जम्मू कश्मीर को प्रतिदिन 1150 क्यूसेक पानी मिलेगा, जिससे कठुआ और सांबा जिलों में 32,173 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा। परियोजना से 206 मेगावाट बिजली उत्पादन पावर हाउसों के जरिए 2025 से शुरू हो जाएगा।
परियोजना पर करीब 2,793 करोड़ रुपये लागत आई है। इसका मंगलवार को पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने विशेष तौर पर जिक्र किया हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि अगले एक-दो महीनों के भीतर बैराज में बिजली का उत्पादन शुकू हो जाएगा।
साल2013 में इस प्रोजेक्ट की लागत 2,300 करोड़ रुपये तय हुई थी। तब, पंजाब और जम्मू कश्मीर के बीच कुछ मतभेदों को लेकर 50 महीने तक काम रुका रहा। विवाद सुलझने के बाद 2018 में फिर से काम शुरू हुआ, जोकि अब 2,793 करोड़ रुपए में पूरा होगा। यह प्रोजेक्ट रावी नदी पर बने 600 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाले रणजीत सागर बांध का पूरक है। इससे 206 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पादन होगा। साथ ही 37 हजार एकड़ जमीन भी सिंचित होगी।
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