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Lok Sabha Elections: हाईप्रोफाइल रही गुरदासपुर सीट पर इस बार मुकाबला हो सकता है रोचक, फिलहाल अभिनेता सनी देओल हैं सांसद

पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट इस 2024 के लोकसभा चुनाव में एक हाईप्रोफाइल सीट बनकर उभरी है क्योंकि इस सीट से फिलहाल बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल सांसद हैं। लेकिन इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट दिया है और यहां के एक स्थानीय नेता दिनेश बब्बू को अपना उम्मीदवार बनाया है। यहां पर भाजपा-कांग्रेस के अलावा इस बार AAP पार्टी में भी कड़ी टक्कर होगी।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Mon, 01 Apr 2024 08:13 AM (IST)
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Punjab News: हाईप्रोफाइल रही गुरदासपुर सीट पर इस बार मुकाबला हो सकता है रोचक। फाइल फोटो
जितेंद्र शर्मा, पठानकोट। हाईप्रोफाइल रही गुरदासपुर लोकसभा सीट (Gurdaspur Lok Sabha Seat) पर इस बार रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। यहां भाजपा (BJP News) के ही नेता एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। भाजपा ने इस बार किसी अभिनेता के बजाय स्थानीय नेता दिनेश बब्बू को अपना प्रत्याशी बनाया है।

पूर्व सांसद और बॉलीवुड अभिनेता की पत्नी ने मांगा था टिकट

इसके बाद टिकट के लिए पिछले कई महीनों से हाईकमान से संपर्क बनाए रखने वाली दिवंगत अभिनेता और पूर्व सांसद विनोद खन्ना (Vinod Khanna) की पत्नी कविता खन्ना (Kavita Khanna) की उम्मीदें समाप्त हो गई हैं और उन्होंने चुप्पी साध ली है। सूत्रों के अनुसार, कविता आम आदमी पार्टी (AAP) के बड़े नेताओं के संपर्क में हैं।

अगर आप उन्हें गुरदासपुर से उम्मीदवार बनाती है तो वह भाजपा छोड़ सकती हैं। हालांकि, आप नेताओं के संपर्क में होने की बात को लेकर अभी तक न तो कविता खन्ना और न ही उनके समर्थक कुछ कह रहे हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि कविता गुरदासपुर (Gurdaspur News) से चुनाव लड़ना चाहती थीं। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि भाजपा हाईकमान की ओर से उन्हें चुनाव मैदान में उतारा जाएगा।

उपचुनाव लड़ चुके स्वर्ण सलारिया भी कांग्रेस के संपर्क में

वहीं, भाजपा के टिकट से 2017 में यहां से लोकसभा का उपचुनाव लड़ चुके स्वर्ण सलारिया भी कांग्रेस के संपर्क में बताए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि टिकट के लिए वह पिछले दो महीने से प्रदेश और दिल्ली में कांग्रेस के बड़े नेताओं से मिल रहे हैं। इसी क्रम में वह कभी चंडीगढ़ तो कभी दिल्ली में डेरा जमाते हैं।

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प्रदेश कांग्रेस (Punjab Congress) प्रभारी देवेंद्र यादव से सलारिया की मुलाकात का फोटो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। सलारिया पिछले पांच वर्षों से लगातार लोकसभा क्षेत्र में रहे। सलारिया जनसेवा फाउंडेशन बनाकर उसमें पांच लाख लोगों को जोड़ा। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि पार्टी फिर उन्हें गुरदासपुर से प्रत्याशी बनाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

बाबा रामदेव ने टिकट दिलाने के लिए हाईकमान तक की थी बात

सलारिया अपने कार्यक्रमों में खुद कह रहे हैं कि इस बार चुनाव जरूर लडूंगा, पार्टी भले कोई भी हो। बाबा रामदेव ने अपने बहुत करीबी सलारिया को गुरदासपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में टिकट दिलाने के लिए हाईकमान तक पहुंच की थी।

अगर कविता एवं सलारिया भाजपा छोड़ आप और कांग्रेस का दामन थामते हैं और दोनों पार्टियां इनको अपना प्रत्याशी घोषित करती हैं तो भाजपा के ही नेता एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में होंगे।

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