Pathankot News: अब पाकिस्तान को नहीं देना पड़ेगा देश का बहुमूल्य जल, RSD झील में तेजी से किया जा रहा पानी स्टोर
Pathankot News पंजाब के पठानकोट में अब पाकिस्तान को बहुमूल्य पानी नहीं छोड़ना पड़ेगा। दरअसल भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1960 में सिंधु जल संधि हुई थी। जिसके मुताबिक रावी सतलुज और ब्यास नदी के पानी पर भारत का अधिकार था। अब भारत ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया और रावी नदी का पानी रोक दिया है। साल 2001 में रणजीत सागर बांध का निर्माण पूरा हो गया था।
जागरण संवाददाता, जुगियाल। रावी नदी के पानी को स्टोर करने के लिए शाहपुरकंडी में बनाए गए बांध का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। जिसमें पानी भरने का काम तेजी से चल रहा है। पानी को स्टोर करने के बाद इसे जेएंडके व पंजाब के साथ लगते इलाकों के किसानों को दिया जाएगा। जिसके बाद देश का बहुमूल्य पानी पाकिस्तान को छोड़ना नहीं पड़ेगा।
1960 में हुई थी जल संधि
दरअसल भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1960 में सिंधु जल संधि हुई थी। जिसके मुताबिक रावी, सतलुज और ब्यास नदी के पानी पर भारत का अधिकार था। अब भारत ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया और रावी नदी का पानी रोक दिया है।
इसी के तहत साल 1979 में पंजाब और जम्मू-कश्मीर सरकारों ने पाकिस्तान का पानी रोकने के लिए रंजीत सागर बांध और डाउनस्ट्रीम शाहपुर कंडी बैराज बनाने के लिए समझौता हुआ था। साल 1982 में पूर्व प्रधानमंत्री ने इस परियोजना की नींव रखी थी। इसे साल 1998 तक पूरा होने की उम्मीद थी।
2001 में रणजीत सागर बांध का हुआ था निर्माण
साल 2001 में रणजीत सागर बांध का निर्माण पूरा हो गया था। लेकिन शाहपुर कंडी बांध नहीं बन पाया। साल 2008 में इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था। लेकिन इसका काम साल 2013 में शुरू हुआ था।
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साल 2014 में पंजाब और जम्मू-कश्मीर में विवाद के कारण परियोजना फिर से रोक दी गई थी। साल 2018 में दोनों राज्यों में समझौता हो गया। इसके बाद बांध निर्माण का काम एक बार फिर रूका और केंद्र की दखलअंदाजी से फिर शुरू हुआ और अब वो पूरा हो गया है।
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