Punjab News: पराली में आग लगाने वाले किसानों पर पटियाला प्रशासन हुआ सख्त, 8 और किसानों पर होगी कानूनी कार्रवाई
पटियाला जिला प्रशासन ने खेतों में पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ सख्ती अपनाई है। यहां पराली को आग लगाने वाले 15 लोगों के चालान पहले ही काटे जा चुके हैं वहीं अब 8 अन्य समेत कुल 23 किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस मामले पर डीसी साक्षी साहनी ने कहा कि अब तक जिले में 23 स्थानों पर आग लगने की पुष्टि हुई है।
जागरण संवाददाता, पटियाला। खेतों में पराली जलाने के खिलाफ पटियाला जिला प्रशासन (Patiala Administration Taken Action Against 8 Farmers) ने सख्त रुख अपनाया है। यहां पराली को आग लगाने वाले 15 लोगों के चालान पहले ही काटे जा चुके हैं, वहीं अब 8 अन्य समेत कुल 23 किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
इन किसानों का काटा गया चालान
इस मामले पर डीसी साक्षी साहनी ने कहा कि अब तक जिले में 23 स्थानों पर आग लगने की पुष्टि हुई है और इन किसानों का चालान काटा गया है। उन्होंने आगे बताया कि आग लगाने वाले आठ अन्य किसानों में कसियाना के किशन चंद, ललौछी के अमरजीत सिंह, मौलवीवाला के जरनैल सिंह, मवी कलां के परगट सिंह और करनैल सिंह, रूपिंदर सिंह, दर्शन सिंह और भानरा के कुलविंदर सिंह शामिल हैं। इनके अलावा दूहड़ का एक और किसान भी शामिल है।
इन पर हो चुकी है कार्रवाई
इससे पहले संगतपुरा के चांद सिंह, अराई माजरा के हरप्रीत सिंह, दुगाल कलां के रणधीर सिंह, दुगाल खुर्द की जमीन मालिक गुरमीत कौर, घंगरोली की जमीन मालिक बलवीर कौर, अतालां के सुच्चा सिंह, जयमल सिंह लालवा, मरोड़ी अगेता के कपूर सिंह, बलजिंदर सिंह, हल्ला के जसदीप सिंह, हरियाउ खुर्द के हरविंदर सिंह, जसपाल सिंह और गुरमीत सिंह के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
डिप्टी कमिश्नर ने ये कहा
इस पर डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जिले में पराली प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक मशीनरी का पूरा प्रबंध किया है, इसके बावजूद कई किसान जानबूझ कर पराली खेतों में जला रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इसके तहत पर्यावरणीय लागत (ईसी) को उनके प्रति बकाया के रूप में दिखाया जाएगा और कोई एनओसी जारी नहीं की जाएगी।
डीसी ने कहा कि खेतों में लगी आग को बुझाने के लिए पटियाला जिला प्रशासन भी तुरंत मौके पर पहुंच रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पराली जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है और इसी के तहत पूरा जिला प्रशासन पर्यावरण की रक्षा के लिए खेतों में जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर खेतों में आग नहीं लगने दी जाएगी।
पराली में आग ना लगाने वालों को किया जाएगा सम्मानित
उपायुक्त साक्षी साहनी ने कहा कि जिले में पराली को बेलर आदि से मिलाने वाली सरफेस सीडर, सुपर सीडर, मल्चर आदि मशीनें उपलब्ध हैं। इसलिए कोई भी किसान अगली फसल लगाने की जल्दी में खेतों में पराली में आग न लगाए। उन्होंने कहा कि जो किसान पराली को आग नहीं लगाएगा उसे सम्मानित किया जाएगा।