Move to Jagran APP

इस कालेज का है 144 साल पुराना इतिहास, कई हस्तियां पा चुकी हैं यहां से पढ़कर मुकाम

करीब डेढ़ सदी से समाज को शिक्षा से रोशन कर रहे पटियाला के सरकारी मोहिंदरा कालेज को आज भी देश के अग्रणी कालेजों में गिना जाता है।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Mon, 24 Jun 2019 05:59 PM (IST)
Hero Image
इस कालेज का है 144 साल पुराना इतिहास, कई हस्तियां पा चुकी हैं यहां से पढ़कर मुकाम
पटियाला [बलविंदरपाल सिंह]। करीब डेढ़ सदी से समाज को शिक्षा से रोशन कर रहे पटियाला के सरकारी मोहिंदरा कालेज को आज भी देश के अग्रणी कालेजों में गिना जाता है। समय के साथ अपने पाठ्यक्रम में उचित बदलाव करते हुए अध्ययन का यह केंद्र अपने वजूद को और दृढ़ करता जा रहा है। इस कालेज के आंगन में पंजाब ही नहीं देश की कई प्रसिद्ध हस्तियों ने शिक्षा ली है। देश का नंबर एक कालेज रहे मोहिंदरा कालेज की प्रतिष्ठा का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इसके सम्मान में भारत सरकार द्वारा डाक टिकट भी जारी किया जा चुका है।

शाही शहर में स्थित सरकारी मोहिंदरा कॉलेज पिछले 144 वर्षों से शिक्षा प्रदान कर रहा है। इस कॉलेज की इमारत अपने आप में एक पहचान बनी हुई है। कॉलेज की दो बुर्जियों से इसकी भव्यता की पहचान हो जाती है। 23 एकड़ में बने इस कॉलेज का नींवपत्थर 30 मार्च 1875 में वायसराय लार्ड नार्थ ब्रूक ने रखा था, जबकि इसका उद्घाटन 17 मार्च 1884 को हुआ।

साल 1860 में पटियाला रियासत के महाराजा नरिंदर सिंह ने शिक्षा को प्रोत्साहन के लिए भाषा स्कूल खुलवाया था। इसमें अरबी, फारसी व संस्कृत का अध्ययन करवाया जाता था और विद्यार्थियों को मौलवी आलम, मुंशी आलम की परीक्षा के लिए तैयार किया जाता था। महाराजा महिंदर सिंह के शासन काल में इस भाषा स्कूल को साल 1872 में कॉलेज का दर्जा दिया गया।

महारानी विक्टोरिया की ताजपोशी की 50वीं वर्षगांठ पर इस कॉलेज का दर्जा बढ़ा दिया गया। जिसके चलते कॉलेज में बीए तक की पढ़ाई शुरू कर दी गई और यहां अंग्रेजी, गणित, इतिहास, फिलास्फी, संस्कृत, अरबी, फारसी विषय की पढ़ाई करवायी जाने लगी। साल 1882 में पंजाब यूनिवर्सिटी, लाहौर के स्थापित होने पर इस कॉलेज को यूनिवर्सिटी के साथ जोड़ दिया गया।

बता दें कि कॉलेज में एमए स्तर की शिक्षा की शुरूआत साल 1912 में गणित विषय से हुई। वहीं दूसरी ओर एमए फिलासफी साल 1922 में, अंग्रेजी और अर्थशास्त्र साल 1948, पंजाबी और हिंदी साल 1949, राजनीति शास्त्र साल 1954 और इतिहास की एमए साल 1955 में शुरू हुई। पंजाब में एमए पंजाबी सबसे पहले इसी कॉलेज में शुरू हुई। साल 1956-57 में यूजीसी के नियम 2 एफ 12 बी अनुसार इसको मान्यता दी गई। फिर साल 1962 में पंजाबी यूनिवर्सिटी की स्थापना के बाद फिलास्फी, अंग्रेजी, गणित, अर्थशास्त्र और पंजाबी एमए की क्लासें इस कॉलेज से यूनिवर्सिटी के पास चली गईं पर कुछ समय बाद इनमें से एमए पंजाबी, अंग्रेजी और अर्थशास्त्र पुन: मोहिंदरा कॉलेज में आ गई।

ये चर्चित चेहरे यहां पढ़े हैं

मोहिंदरा कॉलेज में पढ़ाई कर चुके अनेक छात्रों ने सफलता की ऊंचाइयां छूई हैं। इनमें से पूर्व मुख्य मंत्री पैप्सू ज्ञान सिंह, एसजीपीसी के पूर्व प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर, सुप्रीम कोर्ट पाकिस्तान के चीफ जस्टिस मुनीर खान, कानून मंत्री जगन्नाथ कौशल, क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू, प्रसिद्ध रंगमंच कलाकार हरपाल टिवाणा, पूर्व राज्य सभा मेंबर तरलोचन सिंह, पूर्व डीजीपी एनपीएस औलख के अलावा कांग्रेसी नेता लाल सिंह, पंजाबी यूनिर्वसिटी की पूर्व वीसी इंद्रजीत कौर संधू के अलावा पंजाबी सिंगर गुरदास मान भी शामिल रहे हैं।

1988 में डाक टिकट हुआ जारी

मोहिंदरा कॉलेज राज्य के चार माडल कॉलेजों में से एक है। 100 वर्ष से ज्यादा पुराना कॉलेज होने के चलते 14 मार्च 1988 को केंद्र सरकार ने इस कॉलेज के सम्मान में एक डाक टिकट जारी कर इसे सम्मानित किया। इसी तरह 12 व 13 नवंबर 2002 को नैक ने ग्रेड ए भी प्रदान किया। इसी तरह फरवरी 2016 दौरान नैक ने री-एक्रीडिएशन में कॉलेज को 3.86 सीजीपीए का ग्रेड दिया गया और देशभर में कॉलेज को पहला स्थान प्राप्त हुआ। यूजीसी की ओर से कॉलेज को कॉलेज विद पोटेंशल फॉर एक्सीलेंस का खिताब भी दिया गया।

गर्व है कालेज की प्रतिष्ठा पर

प्रिंसिपल डॉ. संगीता हांडा का कहना है कि मौजूदा समय में मोहिंदरा कॉलेज में करीब 8500 विद्यार्थी हैं। कालेज के इतिहास के कारण इसकी लोकप्रियता है। साथ ही दिग्गज लोगों का यहां से पढ़े होना हमारे लिए गर्व की बात है। यही प्रतिष्ठा हमारी पहचान है।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।