Patiala News: 70 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाने की तैयारी में पावरकाम, 4000 करोड़ रुपये का गैप होगा पूरा
पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पावरकाम) ने अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बिजली किराया दरों में बढ़ोतरी की मांग पंजाब स्टेट इलेक्ट्रीसिटी रेगुलेटरी अथारिटी के पास रखी है। खर्च और आय में करीब 4000 करोड़ रुपये का गैप पूरा करने लिए ही ऐसा किया गया है।
पटियाला, जागरण संवाददाता : पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पावरकाम) ने अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बिजली किराया दरों में बढ़ोतरी की मांग पंजाब स्टेट इलेक्ट्रीसिटी रेगुलेटरी अथारिटी के पास रखी है। खर्च और आय में करीब 4000 करोड़ रुपये का गैप पूरा करने लिए ही ऐसा किया गया है। बीते महीनों के दौरान कोयला खरीद पर अतिरिक्त खर्च और दूसरी बिजली कंपनियों से महंगे दाम पर बिजली खरीदने के कारण ही खर्च और आय के बीच यह बड़ा गैप पड़ा माना जाता है।
36 हजार 150 करोड़ रुपये की बिजली होगी सप्लाई
पावरकाम जानकार कहते हैं कि उक्त वित्तीय गैप पूरा करने के लिए बिजली किराया दरों में 70 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी करनी होगी। बिजली किराया दरों संबंधी पावरकाम के पिछले टैरिफ आर्डर में बताया था कि सभी उपभोक्ता वर्गों को मिलाकर कुल 36 हजार 150 करोड़ रुपये की बिजली सप्लाई की जाएगी। इसके साथ ही उक्त टैरिफ आर्डर में अनुमान लगाया गया था कि इसके विपरीत जहां खेतीबाड़ी सेक्टर को बिजली सप्लाई से करीब सात हजार करोड़ रुपये मिलेंगे वहीं इस सेक्टर के अतिरिक्त अन्य सभी वर्गों से करीब 29 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटेगा।
पिछले साल 10 करोड़ का रहा आय और खर्च में गैप
यहां वर्णनीय है कि खेतीबाड़ी सेक्टर से बिजली बिलों की वसूली नहीं की जाती और इसके बदले में राज्य सरकार बनती सब्सिडी का भुगतान पावरकाम को करती है। पावरकाम अधिकारी बताते हैं कि आय और खर्च में गैप पिछले साल के दौरान करीब 10 हजार करोड़ रुपये रहा। इस तरह यह गैप बढ़कर करीब 14 हजार करोड़ रुपये हो जाएगा। इस साल तो पावरकाम को अपने विभिन्न खर्च चलाने के लिए विभिन्न वित्तीय कंपनियों से करीब 1500 करोड़ रुपये का लोन भी लेना पड़ा।
औद्योगिक सेक्टर पर गिरेगी किराया दरों में बढ़ोतरी की गाज
मौजूदा पंजाब सरकार ने रिहायशी सेक्टर के लिए प्रत्येक माह तीन सौ यूनिट तक बिजली मुफ्त की हुई है। दूसरी तरफ एग्रीकल्चर सेक्टर को बिजली सप्लाई पूरी तरह से मुफ्त है। ऐसे में अगर अगले समय के दौरान बिजली किराया दरें बढ़ती हैं तो उसका खामियाजा औद्योगिक सेक्टर को भुगतान पड़ सकता है। पावरकाम अधिकारी बताते हैं कि उद्योगों को मौजूदा समय में पांच रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मुहैया करवाई जा रही है। अब इन दरों में संशोधन करके इन्हें साढ़े पांच रुपये प्रति यूनिट तक किया जा सकता है। इस तरह औद्योगिक सेक्टर के लिए बिजली किराया दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट तक बढ़ोतरी हो सकती है।