गांव सैदखेड़ी के लोगों ने 200 वर्ष पुराने तालाब को रखा सुरक्षित
संवाद सहयोगी, राजपुरा पटियाला पानी की समस्या के दौर में जहां जगह- जगह तालाब, छप्पड़, कुएं व बावड़िया
By JagranEdited By: Updated: Fri, 06 Jul 2018 07:49 PM (IST)
संवाद सहयोगी, राजपुरा पटियाला
पानी की समस्या के दौर में जहां जगह- जगह तालाब, छप्पड़, कुएं व बावड़ियां सूखते जा रहे हैं वहां राजपुरा से तीन किलोमीटर पर गांव सैदखेड़ी का 200 वर्ष पहले बना तालाब अभी भी पूरे यौवन पर है। यह तालाब उतना ही पुराना है जितना गांव, इतना ही नहीं गांव का कोई भी व्यक्ति इस तालाब से अपने खेतों व अन्य जरूरतों के अनुसार पानी उपयोग कर सकता है। गांववासियों ने इसी तरह का एक और तालाब बनाने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए वह गांव वासियों व सरकार से सहयोग देने की बात कर रहे हैं, ताकि जल संरक्षित किया जा सके। गांव सैदखेड़ी की सरपंच मनजीत कौर ने बताया कि गांव की आबादी 14 हजार के करीब है जहां करीब पांच हजार मतदाता हैं। गांव के चारों तरफ पेड़ों व झाड़ियों से घिरे झील रूपी तलाब के बारे में पूछने पर गांव के ही गुरनाम ¨सह ने बताया कि जब से गांव बसा है तब से यह तालाब 15 बीघा शामलाट जमीन में बनाया गया। पहले तो अधिक गर्मी व पानी की ज्यादा मांग के चलते इसमें पानी बेहद कम हो जाता था, लेकिन अब गांव में पानी की सरकारी टंकी बन जाने से इसका पानी तालाब को सूखने नहीं देता। इतना ही नहीं गांव वासियों ने पानी की वेस्टेज बचाने के लिए कई प्रकार के उपाय कर रखे हैं जिससे वेस्ट पानी सीधा तालाब में जमा हो जाता है। गांव वासी बरसात के मौसम में जमा गंदे के पानी की समस्या से निजात पाने के लिए काला तेल डालकर मच्छरों से गांव को मुक्त रखने का कार्य भी किया जाता है। 2014 में मनरेगा स्कीम के तहत करवाई थी तालाब की सफाई
सरपंच मनजीत कौर ने बताया कि 2014 में मनरेगा स्कीम के तहत इस तालाब की सफाई करवाई गई थी। जिससे गांव के लोग पानी में इंजन लगाकर इस पानी को खेती में प्रयोग करते हैं जिससे धान की फसल बेहद अच्छी होती है।
गांववासी पानी की बचत का रखते हैं खास ख्याल
गांव के ही बलबीर ¨सह ने बताया कि इस तालाब के किनारे हजूर पीर साहब का हर वर्ष मेला लगता है जिसमें दीवान सजाए जाते हैं। क्योंकि गांव में 11 गुरुद्वारे में हमेशा गर्मी के दिनों में पानी की छबील लगाई जाती है फिर भी गांव वासी पानी की बचत करने में विशेष ध्यान रखते हैं यही कारण है कि सदियों पुराना तालाब आज भी प्राकृति का सौंदर्य बना हुआ है। गांव के लोगों ने लिया पानी की बर्बादी को रोकने का संकल्प गांव के रविन्द्र ¨सह, मेंबर ग्राम पंचायत बलबीर कौर, समाज सेवी सुच्चा ¨सह, काला ¨सह, राजिन्द्र ¨सह, गुरप्रीत ¨सह, जत्थेदार जरनैल ¨सह, राष्ट्रभाषा समिति के प्रधान कमल वर्मा ने सरकार व गांव वासियों के सहयोग से गांव में एक और तालाब बनवाने का भी संकल्प लिया ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इसी गांव के ज्यादातर लोग विदेशों में गए हैं नया तालाब बनवाने के लिए उनसे भी मदद की गुहार लगाई जाएगी।
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