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Punjab News: पंजाब में अभी से पराली जलना शुरू, सामने आए 11 केस; फेल हुआ सरकार का एक्शन प्लान

पंजाब में धान की कटाई के बाद पराली जलाने के मामले सामने आने लगे हैं। अभी तक राज्य में पराली जलाने के कुल 11 केस सामने आ चुके हैं। हालांकि पिछले साल की तुलना में इस साल पराली जलाने के मामलों में कमी आई है। पंजाब सरकार ने पराली जलाने पर जुर्माने का प्रावधान किया है लेकिन इस जुर्माने की वसूली लगभग न के बराबर ही रही है।

By Deepak Modgil Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 17 Sep 2024 09:13 AM (IST)
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पराली जलाने के 11 मामले आए सामने (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, पटियाला। धान की कटाई के बाद पराली जलाने वालों पर अंकुश के लिए पंजाब सरकार को इस बार भी जद्दोजहद करनी पड़ेगी। इसके संकेत मिलने भी शुरू हो गए हैं। हालांकि धान की फसल की कटाई काफी कम इलाके में शुरू हुई है लेकिन राज्य में अब तक पराली जलाने के कुल 11 केस सामने आ भी गए हैं।

पराली जलाने के 11 मामले आए सामने

पंजाब पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने इनमें से नौ केस जहां अमृतसर में पाए हैं वहीं एक-एक केस तरनतारन और फिरोजपुर में पाया है। यह सभी 11 केस कल 15 सितंबर को ही सामने आ गए थे। संतोष की बात यह रही कि पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक आज सोमवार को पराली जलाए जाने का का केस सामने नहीं आया। पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड हर साल 15 सितंबर से 30 नवंबर तक राज्य में पराली जलाए जाने के केसों की मानिटरिंग करता है।

पिछले साल पराली जलाने में आई थी कमी

धान की पराली जलाए जाने से वातावरण प्रदूषित होने के कारण पंजाब पिछले कई सालों से चर्चा में बना हुआ है। हालांकि बीते सालों के दौरान पराली को न जलाकर इसका दूसरे तरीके से निस्तारण करने के प्रयास राज्य सरकार द्वारा लगातार किए जाते रहे हैं लेकिन फिर भी हर हाल बड़ी संख्या में पराली जलाए जाने के केस सामने आते रहे हैं।

अगर पिछले सालों पर गौर करें तो साल 2022 में जहां राज्य में पराली जलाए जाने के 49922 के सामने आए थे वहीं साल 2023 में 36663 केस थे। राज्य सरकार के लिए संतोष की बात यह रही कि साल 2022 के विपरीत साल 2023 में पराली जलाने के केसों में 26 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई।

पराली जलाने पर जुर्माने का प्रावधान

वैसे पंजाब सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों के लिए आर्थिक दंड का प्राविधान भी किया हुआ है। इसके तहत जहां दो एकड़ तक जमीन की मलकीयत वाले किसान को पराली जलाने पर 2500 रुपए जुर्माना किया जाता है वहीं दो से पांच एकड़ वाली जमीन के किसान को पांच हजार रुपए जुर्माना तय किया गया है।

पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वाले किसानों को 15 हजार रुपए जुर्मान तय किया गया है। पंजाब में पिछले सालों को दौरान जिन जिलों में पराली जलाए जाने की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आयी हैं, उन जिलों में संगरूर, फिरोजपुर, बठिंडा, मोगा, बरनाला, मानसा, तरनतारन और फरीदकोट शामिल रहे हैं।

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जुर्माने की वसूली लगभग न के बराबर

हालांकि पंजाब सरकार ने पराली जलाने पर जुर्माना किया है लेकिन इस जुर्माने की वसूली लगभग न के समान ही रही है। बीते वर्ष ही पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने दस हजार से ज्यादा केसों में ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा जुर्माना किया लेकिन इसमें से वसूली महज 1.88 करोड़ रुपए की ही हो सकी।

इस बारे में पंजाब पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के चेयमरैन प्रो. आदर्शपाल विग का कहना है कि उनकी प्राथमिकता पराली जलाने वाले किसानों को जुर्माना करने की नहीं बल्कि उन्हें इस बारे में जागरूक करने की है कि वह पराली न जलाएं। पराली को खेत में मिला दिया जाए।

इसके लिए खेतीबाड़ी महकमे द्वारा सब्सिडी पर आवश्यक मशीनरी भी मुहैया करवायी जाती है। इस साल भी ऐसा ही किया जा रहा है और किसानों को इस बारे में जागरूर करने के लिए खेतीबाड़ी महकमे के साथ मिलकर सेमिनारों का सिलसिला शुरू किया जा चुका है।

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