Stubble Burning Case: पराली जलाकर किसानों ने प्रशासन को दी खुली चुनौती, खराब श्रेणी में पहुंचा अमृतसर का AQI
Stubble Burning Case पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला जारी है। रविवार को मानसा में किसानों ने 20 एकड़ में पराली जलाकर प्रशासन को खुली चुनौती दी। राज्य में लगातार दूसरे दिन पराली जलाने के मामले 100 से ज्यादा रहे। अब तक कुल 1995 मामले सामने आ चुके हैं। किसान पराली प्रबंधन के लिए सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पटियाला। सरकार की सख्ती के बावजूद पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला थम नहीं रहा। कार्रवाई से नाराज किसानों ने रविवार को मानसा में 20 एकड़ में पराली जलाकर प्रशासन को खुली चुनौती दी। सूचना पर पुलिस आग मौके पर पहुंची और आग बुझाई लेकिन वापस जाते ही किसानों ने फिर आग लगा दी।
रविवार को आए 138 नए मामले
उधर, राज्य में लगातार दूसरे दिन पराली जलाने के मामले 100 से ज्यादा रहे। रविवार को राज्य में पराली जलाने के 138 नए मामले सामने आए। अब तक कुल 1,995 मामले सामने आ चुके हैं। पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले अमृतसर में सामने आए हैं।
अब तक यहां पराली जलाने के 480 मामले सामने आ चुके हैं। माझा और मालवा इलाके में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, जिसका असर राज्य के एयर क्वालिटी इंडेक्स पर भी पड़ रहा है।
खराब श्रेणी में पहुंचा अमृतसर का AQI
अमृतसर में एक्यूआई बहुत ही खराब श्रेणी में पहुंचा गया है। सोमवार को यहां का एक्यूआई 306 रहा। मानसा में रविवार को भारतीय किसान यूनियन (एकता सिद्धूपुर) के नेताओं ने गांव खिल्लण में 20 एकड़ पराली को आग लगाकर प्रशासन को चेतावनी कि अगर उन पर कार्रवाई की गई तो कड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा।
किसानों ने दी चेतावनी
किसान नेता जगदेव सिंह, जुगराज सिंह व रूबल सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से पराली की समस्या का कोई समाधान नहीं किया जा रहा है। वे पिछले लंबे समय से पराली के निपटारे के लिए राज्य सरकार से 500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, परंतु राज्य सरकार कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।नतीजतन, किसान पराली जलाने को मजबूर हो रहे हैं। किसान नेताओं ने कहा कि अगर राज्य सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई बंद नहीं की तो संघर्ष तेज किया जाएगा।
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