Punjab: 16 दिन में ही पिछले वर्ष से डेढ़ गुना ज्यादा जली पराली, इस जिले से सामने आए सबसे ज्यादा मामले
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) द्वारा पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर से लिए गए आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष पराली जलाने में अमृतसर सबसे आगे है। जिले में 86 मामले सामने आए हैं। पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। फर्द में रेड एंट्री तक का प्रविधान है लेकिन यह प्रविधान सिर्फ कागजी ही साबित हो रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Shubham SharmaUpdated: Mon, 02 Oct 2023 05:00 AM (IST)
गौरव सूद, पटियाला: राज्य में धान की कटाई 15 सितंबर से शुरू होने के साथ ही पराली जलाने के मामले भी आने लगे हैं। पिछले दो वर्ष के मुकाबले इस बार एक अक्टूबर तक पराली जलाने का आंकड़ा बढ़ा है। राज्य में इस अवधि में वर्ष 2021 में 228, वर्ष 2022 में 192 मामले सामने आए, जबकि इस वर्ष अब तक 337 मामले सामने आ चुके हैं। इस तरह पिछले वर्ष की तुलना में 16 दिन में ही डेढ़ गुना ज्यादा पराली अब तक जल चुकी है।
86 मामले आए सामने
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) द्वारा पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर से लिए गए आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष पराली जलाने में अमृतसर सबसे आगे है। जिले में 86 मामले सामने आए हैं। पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। फर्द में रेड एंट्री तक का प्रविधान है, लेकिन यह प्रविधान सिर्फ कागजी ही साबित हो रहे हैं। पराली जलाने को लेकर अभी तक तरनतारन में ही सिर्फ दो केस दर्ज हुए हैं।
10 हजार से अधिक कर्मचारी तैनात
इस वर्ष घटनाएं रोकने के लिए सरकार ने 10 हजार से अधिक कर्मचारी भी तैनात किए हैं। इसके अलावा राज्य की 12 औद्योगिक इकाइयों ने इसे ईंधन के तौर पर उपयोग भी शुरू कर दिया है, जो कि करीब छह लाख टन पराली का प्रयोग कर रही हैं।इस संबंधी पराली प्रबंधन के लिए पीपीसीबी ने इंडस्ट्रीज को पसब्सिडी के रूप में सहायता भी दी है और 12 इंडस्ट्रीज ने इसका इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है। इसके बावजूद पराली जलाने के मामले कम नहीं हो रहे हैं। इस संबंध में पीपीसीबी चेयरमैन डॉ. आदर्शपाल विग का कहना है कि किसान पराली न जलाएं इसके लिए उन्हें जागरूक किया जा रहा है।
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