Punjab News: पंजाब में इस बार टूटा पराली जलाने का रिकॉर्ड, प्रमुख शहरों का एक्यूआइ खराब कैटेगरी में
पंजाब में अमृतसर को छोड़कर राज्य के प्रमुख शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) खराब कैटेगरी में दर्ज किया गया। राज्य में इस बार पांच नवंबर तक पराली जलाने के 17403 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि यह आंकड़ा पिछले वर्ष इस तिथि के मुकाबले कम है। गत वर्ष पांच नवंबर तक 29400 केस सामने आए थे जबकि 2021 में 28792 मामले आए थे।
जागरण संवाददाता, पटियाला। पंजाब में धान की कटाई में तेजी आने के साथ पराली जलाने के मामलों में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रविवार को इस सीजन के एक दिन में पराली जलाने के सबसे ज्यादा 3,230 मामले सामने आए। इनमें से सबसे ज्यादा 551 मामले मुख्यमंत्री के जिले संगरूर से सामने आए।
रविवार को अमृतसर को छोड़कर राज्य के प्रमुख शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) खराब कैटेगरी में दर्ज किया गया।राज्य में इस बार पांच नवंबर तक पराली जलाने के 17,403 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि यह आंकड़ा पिछले वर्ष इस तिथि के मुकाबले कम है। गत वर्ष पांच नवंबर तक 29,400 केस सामने आए थे, जबकि 2021 में 28,792 मामले आए थे।
वह जिले जहां रविवार को 100 से ज्यादा मामले आए
संगरूर 551, फिरोजपुर 299, मानसा 293, बठिंडा 247, लुधियाना में 184, बरनाला 189, मोगा 179, तरनतारन 177, पटियाला 169, फरीदकोट 163,जालंधर 155, कपूरथला में 119 (स्रोतः पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड)
प्रमुख शहरों का एक्यूआइ
बठिंडा 365, जालंधर 256, खन्ना 254, पटियाला 253, लुधियाना 235, अमृतसर 176
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स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी, मास्क पहनें
पंजाब में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर दी है। लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है। एडवाइजरी में बच्चों, बुजुर्गों, शूगर, दिल व अन्य बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को खास ख्याल रखने को कहा गया है। विभाग ने कहा कि खांसी, सांस फूलना, आंखों में खुजली, नाक का बहना व सिर भारी होना वायु प्रदूषण के लक्षण हैं।
-बाहरी गतिविधियों से बचें।
-बिना डाक्टरी परामर्श के किसी तरह की दवाएं न लें।
-अस्थमा मरीज डाक्टर द्वारा बताए इन्हेलर व दवाएं लें
-सुबह व शाम के समय सैर करने से बचना चाहिए।
-गर्भवती महिलाओं को खास तौर पर सतर्क रहने की जरूरत है।