Punjab: माता बनी कुमाता...जन्म दे झाड़ियों में फेंका, कांटों पर 24 घंटे चीखता रहा नवजात; नहीं पसीजा मां का दिल
पंजाब के पटियाला में माता कुमाता बन गई। नवजात को जन्म देते ही झाड़ियों में फेंक दिया। घटना बनूड़-जीरकपुर रोड पर गांव बस्सी ईसेखान के सामने की है। गांव इसेखान का रहने वाला सरदूल रोड के किनारे जूस का स्टाल लगाता है। सरदूल ने बताया कि सुबह उसने अपनी दुकान खोली और झाड़ियों की तरफ गया तो नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी।
संवाद सूत्र, बनूड़ (पटियाला)। मां नौ माह आपकी कोख में जिंदगी की कुलाछें भरता रहा। आप भी मेरे पल-पल की आहट से खुशी महसूस करती रहीं। मुझे जरा सी तकलीफ पर आपका चैन छिन जाता। लोरियां सुनाती थीं, कहती थी बेटा तुझे फूलों के सेज पर पालूंगी। जन्म दिया तो भी आपने पहले अपनी छाती से लगाया। प्यार दुलार किया तो पल भर में आखिर ऐसी क्या मजबूरी हुई जो अपने कलेजे के टुकड़े को खुद से जुदा कर दिया।
कांटों पर चीखता रहा बच्चा
कांटों पर मैं चीखता रहा, लेकिन आपने मुड़कर एक बार भी नहीं देखा। ऐसा कुछ दर्द था 24 घंटे से पटियाला में हाईवे किनारे झाड़ियों में पड़े नवजात का, जिसे जन्म देते ही मां ने ममता के आंचल से दूर कर कांटों पर फेंक दिया। कहा तो जाता है कि मांवा ठंडिया छावां होती हैं... ममता की मूरत होती हैं, लेकिन इस मासूम को तो यह भी नहीं पता आखिर उसे किस कसूर की सजा मिली।
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इस मासूम का एक ही सवाल है कि हे मां...अगर जिंदगी दी थी तो जीना भी सिखाया होता। आप जिस हाल में रहती मैं रह लेता। जो खिलाती खा लेता, जो पिलाती पी लेता। कभी किसी चीज के लिए जिद न करता। आपकी ममता की छांव ही हमारी हर खुशी थी। मैं आपके दूध का हर कर्ज अदा करता, लेकिन आपने तो मुझे जिंदगी भर के लिए लावरिस बना दिया।
बस्सी ईसेखान की है घटना
घटना बनूड़-जीरकपुर रोड पर गांव बस्सी ईसेखान के सामने की है। गांव इसेखान का रहने वाला सरदूल रोड के किनारे जूस का स्टाल लगाता है। सरदूल ने बताया कि सुबह उसने अपनी दुकान खोली और फलों के छिलके गिराने के लिए झाड़ियों की तरफ गया तो नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी। पहले तो डर गया। बाद में लकड़ी के डंडे से कपड़े को हटाया तो नवजात नजर आया।
रो रहा था नवजात
कपड़ों में लिपटा नवजात रो रहा था। इसकी सूचना तुरंत पत्नी को दी और साथ ही नगर कौंसिल बनूड़ के पूर्व प्रधान भजनलाल नंदा को बताया। मौके पर पहुंची पत्नी ने नवजात बच्चे को गर्म कपड़े में लपेटा और अपने सीने से लगा लिया। इसके बाद उसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। कौंसिल के पूर्व प्रधान भजनलाल नंदा ने बताया कि सरदूल और उसकी पत्नी नवजात का पालन पोषण करने के लिए गोद लेना चाहते हैं।
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आसपास की पुलिस कर रही जानकारी हासिल
सरकारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इन्हें बच्चा दे दिया जाएगा। सिविल अस्पताल की एसएमओ डॉ. रवनीत कौर ने बताया कि करीब नवजता एक दिन का है और पूरी तरह स्वस्था है। पुलिस को इस संबंध में जानकारी दे दी गई है। जांच के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी। पुलिस भी आसपास के क्षेत्र में जानकारी हासिल कर रही है।