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Road Accident in Punjab: कटे पेड़ों के कारण युवती की गर्दन धड़ से अलग हुई, आखिर कब जागेगा प्रशासन?

पटियाला में एक भीषण सड़क दुर्घटना में एक युवती की मौत हो गई। सरहिंद रोड पर पेड़ों की कटाई के कारण यह हादसा हुआ। कटे हुए पेड़ों को सड़क किनारे छोड़ दिया गया था जिससे वाहन चालकों को दिखाई नहीं दिया। प्रशासन की लापरवाही के कारण यह दुर्घटना हुई है। इस रोड पर रात के समय सफर करना और खतरनाक हो गया है क्योंकि यहां स्ट्रीट लाइटें भी नहीं है।

By Jagran News Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 05 Nov 2024 12:54 PM (IST)
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सरहिंद रोड पर पेड़ो से टकराने के बाद क्षतिग्रस्त गाड़ी
प्रेम वर्मा, पटियाला। पटियाला में 2 नवंबर यानी शनिवार को एक कार सड़क किनारे छोड़े गए कटे पेड़ से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के दोनों एयरबैग खुलने पर भी उसमें सवार युवती की तुरंत मौत हो गई। कार का शीशा टूटकर उसकी गर्दन पर लगा जिससे उसका सिर धड़ से अलग हो गया। एक निर्दोष युवती की इस मौत के लिए पटियाला के प्रशासन की लापरवाही जिम्मेदार है।

फोरलेन बनने वजह से चल रही पेड़ों की कटाई

सरहिंद रोड को फोरलेन करने के लिए पिछले एक महीने से मार्ग पर पेड़ों की कटाई का काम चल रहा है। काटे गए पेड़ के बड़े-बड़े हिस्से तुरंत उठाए नहीं जा रहे, वे सड़क के किनारे ही छोड़ दिए गए हैं जो रात को दुर्घटनाओं की कारण बन रहे हैं।

पिछले एक महीने में इन कटे पेड़ों के कारण दुर्घटनाओं में चार लोगों की मौत हो चुकी है। दैनिक जागरण ने सरहिंद रोड का मौका मुआयना किया तो पता चला कि 30 किलोमीटर लंबी इस रोड पर 25 किलोमीटर का एरिया ऐसा है जहां स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं।

रात के समय इस रोड पर सफर और भी खतरनाक हो गया है। तेजी से चलने वाले वाहनों को अंधेरे में सड़क किनारे पड़े पेड़ों के कटे हिस्से नहीं दिखते हैं और वे इनसे टकरा जाते हैं।

12 अक्टूबर को भी हुई थी 3 लोगों की मौत

अंधेरे में यह टक्कर कितनी भीषण और जानलेवा हो सकती है, यह 22 वर्षीय युवती श्वेता निवासी पुराना बिशन नगर पटियाला की भयानक मौत से समझ आ जाना चाहिए। 12 अक्टूबर को सड़क किनारे पड़े कटे हुए पेड़ों के कारण देर से बचने के चक्कर में ट्रैक्टर ट्राली के अचानक कट मारने से एक मारुति कार में सवार तीन लोगों की मौत हो गई थी।

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रास्तों पर नहीं लगे हैं डायवर्जन का बोर्ड

इसके बावजूद सड़क पर न तो समय पर काटे गए पेड़ों को हटाया जा रहा है और न ही यहां डायवर्जन के समय वाहन मालिकों को चेतावनी देने के लिए किसी प्रकार के बोर्ड लगाए गए हैं।

सड़क हादसे में अपने परिवार के सदस्य को खोने के बाद यद्यपि परिवार कोई कानूनी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं परंतु विभागीय स्तर पर भी सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। प्रशासन को जागने के लिए और कितनी दुर्घटनाओं का इंतजार है, यह देखने की बात है।

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