Move to Jagran APP

रामसर साइट में शामिल होने के बाद नंगल राष्ट्रीय वेटलैंड में आएगा और निखार

रामसर साइट में शामिल होने के बाद नंगल राष्ट्रीय वेटलैंड में आएगा और निखार।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 30 Jan 2020 12:05 AM (IST)
Hero Image
रामसर साइट में शामिल होने के बाद नंगल राष्ट्रीय वेटलैंड में आएगा और निखार

सुभाष शर्मा, नंगल: नंगल डैम झील के पास करीब 700 एकड़ क्षेत्र में फैली राष्ट्रीय वेटलैंड एवं वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी को रामसर साइट में शामिल करने से इस जलाश्य की महत्ता काफी बढ़ जाएगी। दूर देशों में अक्टूबर माह के दौरान बर्फ पड़ते ही यहां हजारों की तादाद में प्रवासी पक्षी आने शुरू हो जाते हैं। रामसर साइट यानि जलाश्यों एवं नम भूमि के संरक्षण के लिए विश्व स्तरीय प्रयास जारी हैं। भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के जलाश्यों के रख-रखाव व उनके अनिवार्य संरक्षण के लिए ही जल की गुणवत्ता को सुधारने के लिए जारी प्रयासों के अंतर्गत नंगल की राष्ट्रीय वेटलैंड को रामसर साइट में शामिल किया गया है। रामसर साइट (वैश्रि्वक वातावरण संधि) के अंतर्गत आने वाले जलाश्यों के रख-रखाव के लिए समय-समय पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जाते हैं।

नंगल डैम की विशाल सतलुज झील को राज्य की पांचवीं राष्ट्रीय वेटलैंड बनाने की घोषणा चार फरवरी 2008 को अमृतसर में केंद्रीय वेटलैंड समिति की हुई बैठक में भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन विभाग की सचिव मीना गुप्ता की अध्यक्षता में की गई थी। इसके दो साल बार वर्ष 2010 में वेटलैंड को वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी का दर्जा दिया गया था। गौर हो कि नंगल डैम झील की राष्ट्रीय वेटलैंड में हर वर्ष बर्फीले इलाकों रशिया, अफगानिस्तान, मंगोलिया, तिब्बत, श्रीलंका, वर्मा व साइबेरिया और चीन आदि से अनुकूल वातावरण के मद्देनजर गर्मियां शुरू होने तक यहां प्रवासी पक्षी प्रवास करते हैं। यह पक्षी पंजाब की वेटलैंड रोपड़, कांजली व गुरदासपुर के शालापत्तन में आकर अपने दिनों को सुखद वातावरण में बिताते हैं। यह पक्षी ठंड के दिनों में यहां करीब चार महीने तक प्रवास के बाद वापस अपने वतन लौट जाते हैं।

नंगल वेटलेंड के लिए शुरू होंगे विश्व स्तरीय प्रयास--- पर्यावरण प्रेमी डॉ. जीएस चट्ठा का कहना है कि नंगल की राष्ट्रीय वेटलैंड के रामसर साइट में आने से यहां जलाश्य एवं अन्य जरूरी इंतजामों के लिए जहां पंजाब सरकार को केंद्र से और ज्यदा फंड मिल सकेंगे। इसके अलावा वॉच टावर तथा जलगाह के रख-रखाव के लिए जरूरी मैन पावर के साथ-साथ यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों, वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए कार्य और ज्यादा व्यवस्थित एवं गंभीरता से किया जा सकेगा। जलगाहों के लिए विश्व स्तरीय कार्यक्रमों का लाभ नंगल की वेटलैंड को मिलने से इस जलाश्य की महत्ता और ज्यादा बढ़ जाएगी। 37 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी आते हैं वेटलैंड नंगल वेटलैंड में रूड़ी शेलडक, बार हेडेड गूज, मेलाडस, रेड नेकड ग्रेव, क्रस्टड पॉचर्ड, मैलोड, स्पॉटबिल व नार्दन शैवलर, सहित कॉमन कूटस पक्ष्ी हर साल आते हैं। इनके अलावा सुरखाव, रेड क्रस्टड पॉचर्ड, गेडवाल, पेंटेल डक, टफडिल डक, ग्रेट क्रस्टड गरिव, कार्मोरेंट व ग्रीन वारविट सहित कुल 37 प्रजातियों के प्रवासी पक्षी वेटलैंड में आते हैं।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें