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Video: पंजाब में लागू होगा आनंद मैरिज एक्ट, तख्त श्री केसगढ़ साहिब में पत्नी के साथ पहुंचे सीएम ने किया एलान

पंजाब में आनंद मैरिज एक्ट पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा। यह घोषणा तख्त श्री केसगढ़ साहिब में माथा टेकने पहुंचे सीएम भगवंत मान ने किया। उन्होंने कहा कि यह एक्ट देश के 22 राज्यों में लागू है पर पंजाब में नहीं है।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Tue, 08 Nov 2022 04:13 PM (IST)
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तख्त श्री केसगढ़ साहिब में सीएम भगवंत मान। फोटो मान के ट्विटर अकाउंट से

जेएनएन, चंडीगढ़/श्री आनंदपुर साहिब। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य में आनंद मैरिज एक्ट पूर्णरूप से लागू करने का एलान किया है। सीएम ने कहा कि यह एक्ट देश के 22 राज्यों में लागू है, लेकिन पंजाब में इसे लागू नहीं किया गया है। जल्द ही इसका नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। 

श्री आनंदपुर साहिब में तख्त श्री केसगढ़ साहिब में पत्नी सहित माथा टेकने पहुंचे भगवंत मान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि पंजाब में आनंद मैरिज एक्ट को पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा। हरियाणा, दिल्ली सहित कई प्रदेशों में यह पहले से लागू है। 

सीएम मान ने कहा कि आनंद मैरिज एक्ट का नोटिफिकेशन जारी करने से पहले इसका प्रचार प्रसार किया जाएगा, ताकि लोगों को पता चल सके कि यह एक्ट क्या है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एक्ट को 2016 में नोटीफाई किया गया था, लेकिन तब से यह लटक रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे कई अन्य राज्य पहले ही इस एक्ट को लागू कर चुके हैं, लेकिन पंजाब इससे पिछड़ गया है। भगवंत मान ने कहा कि इस एक्ट को अब सही मायनों में लागू किया जाएगा।

क्या है यह एक्ट

केंद्र सरकार ने यह एक्ट 7 जून 2012 को बनाया था। इसमें सिख समुदाय के लिए आनंद कारज (विवाह) का पंजीकरण होगा। पंजाब में यह एक्ट पूर्णरूप से लागू नहीं हो पाया था। इसकी लंबे समय से मांग की जा रही थी।इस एक्ट के लागू होने से सिख मैरिज एक्ट का सर्टिफिकेट मिलेगा, जिससे सिखों को अपनी पहचान मिलेगी। इससे पहले उन्हें हिंदू एक्ट का सर्टिफिकेट मिलता था। खासकर विदेशों में रहने वाले सिखों को इसका लाभ होगा, क्योंकि मैरिज सर्टिफिकेट पर हिंदू लिखे होने के कारण उन्हें सिखों को मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिलती थीं।

संगत को दी गुरु पर्व की बधाई

इससे पहले उन्होंने तख्त साहिब में माथा टेका और संगत को गुरु पर्व की बधाई दी। मान ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी एक महान आध्यात्मिक नेता थे, जिन्होंने मानवता को परमात्मा की भक्ति के द्वारा मुक्ति प्राप्त करने का रास्ता दिखाया। भगवंत मान ने कहा कि गुरु जी की ‘किरत करो, नाम जपो और वंड छको’ की शाश्वत शिक्षाएं आज के पदार्थवादी समाज में भी प्रासंगिक हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने जात-पात रहित समाज की कल्पना की थी, जिससे दुखी मानवता को तकलीफों से मुक्त करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने मानवता को नए विचारों, आदर्शों और जिज्ञासाओं के साथ प्रेरित किया और पाखंड, झूठ, फ़रेब और जात-पात की बुराईयों से छुटकारा पाने का न्योता दिया।

भगवंत मान ने लोगों से अपील की कि वह महान गुरु द्वारा दिखाई सेवा और नम्रता की भावना को अपनाएं और श्री गुरु नानक देव जी की अनमोल विरासत पर चलते हुए शांतमयी, खुशहाल और स्वस्थ समाज की सृजन करना के लिए तन-मन से यत्न करें।

मुख्यमंत्री ने लोगों को इस पवित्र मौके को जाति, रंग, नसल और धर्म के भेदभाव से पर उठ कर पूरी श्रद्धा और लगन के साथ मनाने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि अपनी उदासियों के कारण संसार भर में जगत गुरू के तौर पर सम्मान किये जाते गुरू नानक देव जी ने सांप्रदायिक सांझ और भाईचारक जड़ों को मजबूत करने का प्रचार किया। भगवंत मान ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने अपनी शिक्षाओं के द्वारा मुग़ल बादशाह बाबर के हमले के समय ज़ुल्म, अन्याय और अत्याचार का डट कर विरोध किया।

गुरबानी की तुक ‘पवनु गुरू पानी पिता, माता धरति महतु’ का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरू जी ने हवा को गुरू, पानी को पिता और धरती की माता के साथ तुलना की है। भगवंत मान ने कहा कि गुरू जी की दूरदर्शी सोच की पता इन बातों से लगता है कि उन्होंने उस समय लोगों को वातावरण की संभाल का उपदेश दिया था, जब हवा प्रदूषण कहीं भी नहीं था। उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी नारी सशक्तिकरण और समाज में महिलाओं को समानता का दर्जा देने के पक्के पैरोकार थे।