ए टू जेड कंपनी से रद किया एमओयू
पंजाब की चीनी मिलों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए 2009 में पंजाब सरकार ने मिलों में को जेनरेशन प्लांट लगाने के लिए निजी कंपनियों के साथ हिस्सेदारी की थी।
संवाद सूत्र, मोरिडा: पंजाब की चीनी मिलों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए 2009 में पंजाब सरकार ने मिलों में को जेनरेशन प्लांट लगाने के लिए निजी कंपनियों के साथ हिस्सेदारी की थी। इसी स्कीम के अधीन सहकारिता विभाग की तरफ से समकालीन सहकारिता मंत्री स्वर्गीय कैप्टन कंवलजीत सिंह के प्रयासों के चलते ए टू जेड कंपनी के साथ शूगर मिल मोरिडा का भी समझौता हुआ था। इसका बाकायदा एमओयू भी साइन हुआ था। शूगर मिल मोरिडा के चेयरमैन खुशहाल सिंह ने बताया कि समझौते के अनुसार न मिल में बिजली बनाने वाला प्लांट चालू नहीं हुआ। इस कारण शूगर मिल मोरिडा बोर्ड ने एमओयू रद कर दिया है। उन्होंने कहा कि समझौते में लिखा गया था कि जितनी देर यह बिजली बनाने वाला प्लांट चालू नहीं होता, उतनी देर कंपनी वाले मिल को 50 लाख रुपये हर सीजन में देंगे। इसके एडवांस में चेक भी दे दिए गए थे। न तो यह चेक पास हुए और कंपनी ने मिल पर क्लेम का केस भी डाल दिया गया। अब अदालत में कंपनी के केस हारने के उपरांत शूगर मिल मोरिडा ने 22 फरवरी 2021 का कंपनी को शर्ते पूरा करने का समय दिया गया था, जो कि पूरा हो चुका है। शतर्ें पूरी न करने पर बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की बैठक हुई, जिसमें ए टू जेड कंपनी के साथ किया इकरार रद करने का प्रस्ताव पास कर दिया गया। उन्होंने कहा कि कंपनी की तरफ शूगर मिल का लगभग 90 करोड़ रुपये बकाया बनता है। अगर कंपनी यह रुपया जमा करवा देगी, तो ठीक है, नहीं तो कंपनी की तरफ से लगाए गए को-जनरेशन प्लांट की नीलामी कर वसूली जाएगी। बैठक में वास चेयरमैन सुखविदर सिंह, हरपाल सिंह, गुरमुख सिंह, जसमेल सिंह, गुरमेल सिंह, निरदेव सिह व रणधीर सिंह भी उपस्थित थे।