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प्लेटफार्म नहीं, स्टेशन मास्टर के कमरे की शान बनीं व्हीलचेयर और स्ट्रेचर

रूपनगर जिला सदर मुकाम पर रेलवे स्टेशन पर अगर आप पहली बार आ रहे हैं तो आपको पता नहीं चलेगा कि यहा व्हीलचेयर और स्ट्र्रेचर की व्यवस्था है या नहीं।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 10 Feb 2020 06:11 AM (IST)
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प्लेटफार्म नहीं, स्टेशन मास्टर के कमरे की शान बनीं व्हीलचेयर और स्ट्रेचर

अजय अग्निहोत्री, रूपनगर: रूपनगर जिला सदर मुकाम पर रेलवे स्टेशन पर अगर आप पहली बार आ रहे हैं, तो आपको पता नहीं चलेगा कि यहा व्हीलचेयर और स्ट्र्रेचर की व्यवस्था है या नहीं। लोग यहा आते हैं और परेशानी के बीच अपने बुजुर्गो और दिव्याग परिजनों को जैसे- तैसे करके ट्र्रेन में चढ़ाते हैं। दैनिक जागरण की टीम ने जब रविवार को रेलवे स्टेशन पर दौरा किया, तो पाया कि कुल मिलाकर यहां आने वाले लोगों को व्हीलचेयर और स्ट्र्रेचर की सुविधा के बारे में जानकारी नहीं है। टीम जब रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म एक, दो और तीन पर पहुंची तो वहां पर कोई भी व्हीलचेयर और स्ट्रेचर नजर नहीं आया। हां स्टेशन मास्टर के रूम में एक व्हीलचेयर सहित एक स्ट्रेचर जरूर था, लेकिन उनकी स्थिति भी देखकर नहीं लगा कि वह हाल ही में इस्तेमाल हुए हों। इस पर स्टेशन मास्टर कुलदीप सैनी ने कहा कि उनके दफ्तर में एक व्हीलचेयर और एक स्ट्रेचर उपलब्ध है। लोगों की माग करने पर इन्हें मुहैया करवाया जाता है। स्टोर में दो व्हीलचेयर और दो स्ट्र्रेचर भी हैं, जो ज्यादा जरूरत पड़ने पर मौके पर मंगवाई जाती हैं। वहीं हाल ही में रेलवे स्टेशन के सुपरिंटेंडेंट तेजिंदरपाल ने अपने प्रयासों से रोटरी क्लब के सहयोग से दो व्हीलचेयर उपलब्ध करवाई हैं। 1927:: में हुआ था रेलवे स्टेशन का निर्माण

19:: ट्रेनों को रोजाना होता है आवागमन

2150:: रोजाना यात्री रोजाना करते हैं सफर

02: व्हीलचेयर हैं वर्तमान में मौजूद

06:: व्हीलचेयर की अभी और है जरूरत

15: दिव्यांग रोजाना करते हैं सफर

प्यास लगी थी, वहीलचेयर न मिलने से उतर नहीं पाया: राजू सरहिद से ट्र्रेन में सवार होकर यहां आए दिव्याग राजू ने बताया कि वह मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। पाव नहीं है, इसलिए चल- फिर नहीं सकता। किसी तरह ट्र्रेन में यहा तक पहुंचा। उसे प्यास लगी, लेकिन कम समय ट्र्रेन रुकने की वजह से ट्र्रेन से उतरने की हिम्मत नहीं कर पाया। यहां पर मौके पर न तो कोई व्हीलचेयर मिली और न ही कोई अटेंडेंट न व्हीलचेयर नजर आई और न ही कोई स्ट्रेचर: राजबीर उत्तर प्रदेश से शामली से ट्र्रेन में आए बुजुर्ग राजबीर सिंह ने कहा कि वह अपने गाव से रूपनगर आए हैं। वह रूपनगर में एक ईट भट्ठे पर काम करते हैं। स्टेशन पर बुजुर्गो की सुविधा के लिए व्हीलचेयर या स्ट्रेचर की सही सुविधा नहीं है। प्रशासन को इस बारे में ध्यान देने की जरूरत है। बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रयासरत उधर रूपनगर रेलवे स्टेशन के मास्टर तेजिंदरपाल ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर बुजुगरें व दिव्यागों के लिए सभी सुविधाएं हैं। लगातार प्रयास किया जा रहा है कि और बेहतर सुविधाएं इन्हें दी जाएं।

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