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66 साल पूर्व नंगल बना था भारत-चीन में 'पंचशील समझौता' का गवाह, मिले थे नेहरू व चाऊ

66 साल पहले भारत और चीन के पंचशील समझौता हुआ था। इस समझौता का गवाह बना था पंजाब का नंगल। यहां जवाहरलाल नेहरू और चाऊ एन लाई के बीच यहां समझौता हुआ था।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 28 Apr 2020 12:54 PM (IST)
66 साल पूर्व नंगल बना था भारत-चीन में 'पंचशील समझौता' का गवाह, मिले थे नेहरू व चाऊ
सुभाष शर्मा, नंगल (रूपनगर)। शांति और आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए भारत हमेशा प्रयासरत रहा है। वर्ष 1954 में भाखड़ा बांध के निर्माण के समय भी देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने चीन के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए उनके पहले प्रीमियर (प्रधानमंत्री) चाऊ एन लाई को भारत आमंत्रित किया था। दोनों नेताओं के बीच 28 अप्रैल 1954 को नंगल के विश्राम गृह सतलुज सदन में ऐतिहासिक पंचशील समझौता हुआ था। इसी समझौते के बाद 'हिंदी-चीनी भाई-भाई' के नारे लगाए गए थे।

समझौते के बाद लगा था 'हिंदी-चीनी भाई-भाई' का नारा, नंगल में मौजूद हैं समझौते के प्रमाण

नंगल ने आज भी 66 वर्ष पहले हुए ऐतिहासिक समझौते के पलों को संजोए रखा है। भारत और चीन के बीच हुए इस समझौते से उस वक्त दुनिया हैरान थी। तिब्बत और भारत के बीच व्यापार और आपसी संबंधों को मजबूत बनाने का आधार मानकर यह संधि की गई थी। दोनों देशों ने तय किया था कि आपसी भाईचारा बरकरार रखने के साथ-साथ एक-दूसरे के खिलाफ कभी आक्रामक कार्रवाई नहीं करेंगे। हालांकि वर्ष 1962 में चीन के बीच युद्ध से इस संधि की मूल भावना को बहुत ठेस पहुंची।

नंगल में पंचशील समझौते को लेकर लगा अभिलेख।

क्या है पंचशील समझौता

1. एक-दूसरे की प्रादेशिक अखंडता और प्रभुसत्ता का सम्मान करना।

2. समानता और परस्पर लाभ की नीति का पालन करना।

3. शांतिपूर्ण सह अस्तित्व की नीति में विश्वास रखना।

4. एक-दूसरे के विरुद्ध आक्रामक कार्रवाई न करना।

5. एक-दूसरे के आंतरिक विषयों में हस्तक्षेप न करना।

बौद्ध अभिलेखों से लिया गया है 'पंचशील' शब्द

'पंचशील' शब्द ऐतिहासिक बौद्ध अभिलेखों से लिया गया है। बौद्ध धर्म के अनुसार शील या सदाचार के पांच सिद्धांतों का आचरण प्रत्येक धर्मशील व्यक्ति के लिए आवश्यक बताया गया है। 'हत्या न करना, चोरी न करना, व्यभिचार न करना, असत्य न बोलना और मदिरापान न करना' पंचशील शब्द की परिभाषा है। 

दो साल पहले आज के दिन वुहान में थे पीएम मोदी

चीन का वुहान शहर आज कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में चर्चित है। इसे संयोग ही कहा जा सकता है कि दो वर्ष पहले 28 अप्रैल 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुहान शहर में थे। वे चीन के तीन दिवसीय दौरे पर गए थे। वुहान में ही चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी।

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