Panchsheel Agreement: नंगल में आज ही के दिन हुआ था भारत और चीन के बीच 'पंचशील समझौता', जानें ये क्या
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और चीन के पूर्व प्रधानमंत्री चऊं इन लेई के बीच 28 अप्रैल 1954 को पंचशील समझौता हुआ था। आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने की अपनी नीति का परिचय भारत ने पूरे दुनिया को दिया था। पंचशील समझौता दरअसल दोनों देशों के बीच एक-दूसरे के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई ना करना। जैसे कई मुद्दे शामिल थे।
सुभाष शर्मा, नंगल। (Punjab Hindi News) भारत सरकार के उपक्रम भाखड़ा बांध तथा नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान दे रहा नंगल शहर ऐतिहासिक महत्ता के कारण भी पूरे विश्व में अपना अलग स्थान रखता है। भाखड़ा बांध के निर्माणकाल समय ही भारत व चीन के मध्य पंचशील समझौता करके आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने की अपनी नीति का परिचय भारत ने पूरे विश्व में दिया था।
आजादी के बाद जब देश में हरित क्रांति लाने के सपने को साकार करने के लिए भाखड़ा बांध (Bhakra Dam) का निर्माण हो रहा था, तब सभी देशों के लोग यह देखने में उत्सुक थे कि भारत में एक बड़ा बांध बन रहा है। इस वजह से भारत की तरक्की के प्रति उत्साहित विभिन्न देशों के प्रतिनिधि समय-समय पर भाखड़ा बांध का निर्माण देखने के लिए आते रहे हैं। इस दौरान ही चीन के पूर्व प्रधानमंत्री चऊं इन लेई भाखड़ा बांध आए थे।
तब से बरकरार बांध के आकर्षण के चलते यहां हर वर्ष पांच लाख से अधिक पर्यटक आधुनिक भारत के मंदिर भाखड़ा बांध को देखने आते हैं। जब बांध बन रहा था उस समय भी देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. पंडित जवाहर लाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) विदेशों से विशेष अतिथियों को आमंत्रित करके अक्सर यह दिखाया करते थे कि अब भारत आत्मनिर्भर बनने जा रहा है। सभी बांध के निर्माण को देखकर आश्चर्यचकित हुआ करते थे।
आज यही बांध विभिन्न प्रांतों की आर्थिक समृद्धि का आधार बना हुआ है बरसात के दिनों में बाढ़ से राहत दिलाने के साथ ही गर्मियों के दिनों में पीने योग्य पानी प्रांतों को उपलब्ध करवाने व मात्र 40 पैसे प्रति यूनिट बिजली उत्पादन करके देश की तरक्की में योगदान दे रहा है। भाखड़ा बांध परियोजना के निर्माण काल समय 70 वर्ष पूर्व आज ही के दिन 28 अप्रैल 1954 को भारत व चीन के मध्य पंचशील समझौता हुआ था।
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जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊं इन लेई (Chou En Lai) भारत आए तो प्रथम प्रधानमंत्री ने इस दिशा में भी कदम बढ़ा दिए कि भारत और चीन के मध्य आर्थिक व राजनीतिक संबंधों को मजबूत बनाया जाए। इस उद्देश्य से ही पंचशील समझौता किया गया था। जहां यह समझौता हुआ था वहां के ग्लास हाउस को भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड की ओर से आज भी संजोकर रखा हुआ है।
वहीं ग्लास हाउस के सामने एक शिलापट्ट भी स्थापित है जिस पर पंचशील समझौते (Panchsheel Agreement) की तिथि व उद्देश्यों का उल्लेख किया गया है।13 बार नंगल आए थे पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरूभाखड़ा बांध के निर्माण के समय प्रधानमंत्री 13 बार नंगल आए थे। उन्हें पता था कि भाखड़ा बांध परियोजना ही उत्तरी भारत में बाढ़ जैसी त्रासदी को रोक कर हरित क्रांति लाने का सपना साकार कर सकती है।
उस समय भाखड़ा बांध विश्व का सबसे ऊंचा बांध था। उनके बाद देश का कोई भी प्रधानमंत्री भाखड़ा बांध परियोजना को देखने तक नहीं आया है यहां तक कि कांग्रेस के संस्थापक नेहरू परिवार के एक भी सदस्य ने भाखड़ा बांध देखने की जरूरत समझी है। बताया जाता है कि आजाद भारत में भाखड़ा बांध का निर्माण विदेशों में भी एक बड़ा आकर्षण था। सभी यह देखना चाहते थे कि आखिर बांध परियोजना के निर्माण का व्यापक मकसद क्या है।
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