भाखड़ा बांध में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं लेकिन सुरक्षा प्रबंधों और सरकारी उदासीनता के कारण पर्यटक निराश लौट रहे हैं। यहां लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं लेकिन ठहरने के लिए कोई सरकारी होटल नहीं है। मनोहारी स्थलों की खूबसूरती के आकर्षण की वजह से ही 1970 दशक के दौरान नंगल की वादियां बॉलीवुड का मुख्य केंद्र रही हैं।
सुभाष शर्मा, नंगल। भाखड़ा बांध परियोजना की गोविंद सागर झील तथा सतलुज, ब्यास व रावी नदियों की खूबसूरती के कारण नंगल की वादियां विश्व भर में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। पानी की स्वच्छता तथा मनोहरी वादियों के कारण ही नंगल डैम की राष्ट्रीय वेटलैंड को वर्ष 2019 में अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड घोषित किया गया है।
वेटलैंड में जहां हर वर्ष दूर देश साइबेरिया, स्विट्जरलैंड, तिब्बत, जापान, रूस आदि से हजारों प्रवासी पक्षी आकर आराम फरमाते हैं वहीं विश्व भर में अलग पहचान रखने वाले आधुनिक भारत के मंदिर के नाम से जाने जाते भाखड़ा बांध को देखने के लिए भी हर साल यहां पांच लाख के करीब पर्यटक आते हैं।
पंजाब सरकार की ओर से भी कई बार ऐसी घोषणाएं हो चुकी हैं। वहीं भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों व केंद्रीय नेताओं ने भी यह वादे किए हैं कि नंगल को वर्ल्ड क्लास टूरिस्ट प्लेस बनाया जाएगा। इन सभी वादों को पूरा किए जाने की प्रतीक्षा इलाके के लोग बेसब्री से कर रहे हैं।
वर्ल्ड क्लास टूरिस्ट हब बनाने की तैयारी
यदि नंगल की वादियों में पर्यटन की अपार संभावनाओं का दोहन किया जाता है तो निश्चित रूप से यहां फिल्म सिटी तथा वर्ल्ड क्लास टूरिस्ट हब बनाने जैसे सपनों को साकार करके आर्थिक समृद्धि के द्वार खोले जा सकते हैं।
बता दें कि मनोहारी स्थलों की खूबसूरती के आकर्षण की वजह से ही 1970 दशक के दौरान नंगल की वादियां बॉलीवुड का मुख्य केंद्र रही हैं।
करीब 20 सालों तक चली फिल्मों की शूटिंग के लिए बॉलीवुड के सुपर स्टार हीरो धर्मेंद्र, राजेश खन्ना, विनोद खन्ना, मुमताज, प्रवीन बोबी, रीना राय, प्रीती सप्रू, दारा सिंह, गुरदास मान आदि असंख्य सितारे शूटिंग के दौरान कई दिनों तक नंगल में रहा करते थे लेकिन पंजाब में आतंकवाद शुरू होते ही यहां पूरा इलाका सुरक्षा के घेरे में आ गया। उसके बाद से यहां पर्यटन व फिल्मों की शूटिंगें ठप पड़ गईं।
हर साल देश भर से आते हैं लाखों पर्यटक
भाखड़ा बांध देखने के लिए प्रतिवर्ष देश भर से करीब पांच लाख पर्यटक आते हैं लेकिन लंबे समय से असंख्य पर्यटक निराश लौट रहे हैं क्योंकि यहां पर्यटन की अपार संभावनाओं का उचित दोहन नहीं किया जा सका है। यदि पर्यटन कारोबार की तरफ सरकार ध्यान देती है तो यहां इलाके की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो सकती है। भाखड़ा बांध की सुरक्षा के मद्देनजर बेहद संवेदनशील माना जाता है।
इस लिए यहां कड़े किए गए सुरक्षा प्रबंधों के चलते डैम देखने के लिए रैड परमिट मिलना तो एक तरफ बल्कि डैम के ऊपर तक जाने की भी किसी को अनुमति नहीं है।भाखड़ा बांध देखने के लिए वाइट परमिट जारी किए जाते हैं जबकि एक वर्ष के दौरान विशेष रूप से भाखड़ा देखने के लिए जारी किए जाने वाले करीब दो हजार रेड परमिट नंगल की बजाए बीबीएमबी मुख्यालय चंडीगढ़ से जारी होते हैं जो पर्यटकों की परेशानी का एक बड़ा कारण है।
अब तो रेड परमिट भी करीब छह साल से बंद पड़े हैं। राष्ट्रीय वेटलैंड तथा वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी के बाद रामसर साइट का सम्मान प्राप्त कर चुकी नंगल डैम झील में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।
निराश लौट रहे हैं पर्यटक
पर्यटकों की सुविधा की बात करें तो यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए एक भी सरकारी होटल नहीं है तथा पंजाब सरकार का एकमात्र कदंबा टूरिस्ट कांप्लेक्स भी पिछले 20 वर्षों से बंद पड़ा होने के कारण खंडहर में बदल चुका है। भाखड़ा बांध देखने के लिए रैड परमिट भी आम आदमी व पर्यटक को नसीब नहीं होता। सुरक्षा प्रबंधों के चलते शहर का विशेष आकर्षण माने जाते नंगल डैम पुल पर भी किसी को खड़े होने की अनुमति नहीं है। इन हालातों के चलते यहां आने वाले टूरिस्ट निराशा लेकर ही लौट रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने संसद में की थी सराहना
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सांसद रहते देश की संसद में अपने भाषण के दौरान नंगल की खूबसूरत वादियों व झील के नीले पानी की सराहना करते हुए इस इलाके की अनदेखी पर सवाल उठाए थे।यहीं बस नहीं जब वह गत विधानसभा चुनाव के दौरान अपना रोड शो लेकर नंगल आए थे तब उन्होंने ट्रक यूनियन के निकट अपने संबोधन में यह कहा था कि आम आदमी पार्टी की सरकार पंजाब की सत्ता पर आते ही नंगल को विश्व का बेस्ट टूरिस्ट प्लेस बनाएगी।
27 सितंबर को विश्व भर में मनाया जाता है पर्यटन दिवस
विश्व पर्यटन दिवस के लिए 27 सितंबर का दिन चुना गया है। वर्ष 1970 में विश्व पर्यटन संगठन का संविधान स्वीकार किया गया था। दिवस का मुख्य उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना और पर्यटन के द्वारा अपने देश की आय को बढ़ाना है।पर्यटन की दृष्टि से भाखड़ा बांध, नंगल तथा श्री आनंदपुर साहिब में यदि प्राकृतिक खूबसूरती तथा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाता है तो निश्चित रूप से यह स्थल विश्व के मानचित्र पर उभर कर पंजाब सहित नंगल इलाके की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकते हैं।
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