रूपनगर स्टोन क्रशर एंड स्क्रीनिंग प्लांट एसोसिएशन ने की बैठक, बेईहारा बोले- प्रदेश सरकार की खनन पालिसी समझ से परे
जिला स्टोन क्रशर और स्क्रीनिंग प्लांट के मालिकों ने सरकारी नीतियों से खफा होकर पंजाब सरकार के खिलाफ संघर्ष शुरू करने का फैसला किया है। भरतगढ़ में स्टोन क्रशर एंड स्क्रीनिंग प्लांट एसोसिएशन की बैठक रूपनगर के जिला प्रधान अजविंदर सिंह बेईहारा में हुई।
By Edited By: Updated: Mon, 19 Sep 2022 10:17 AM (IST)
जागरण टीम, रूपनगर, घनौली: जिला स्टोन क्रशर और स्क्रीनिंग प्लांट के मालिकों ने सरकारी नीतियों से खफा होकर पंजाब सरकार के खिलाफ संघर्ष शुरू करने का फैसला किया है। जिले के कस्बा भरतगढ़ में स्टोन क्रशर एंड स्क्रीनिंग प्लांट एसोसिएशन जिला रूपनगर के जिला प्रधान अजविंदर सिंह बेईहारा की अगुआई में हुई बैठक दौरान पंजाब सरकार की खनन को लेकर बनाई गई नीति का जहां खुला विरोध किया गया, वहीं 23 सितंबर को डिप्टी कमिश्नर रूपनगर के दफ्तर का घेराव करके रोष प्रदर्शन करने का फैसला किया गया।
बेईहारा ने कहा कि पंजाब के लोगों और क्रशर मालिकों को आम आदमी पार्टी सरकार से बड़ी उम्मीदें थी कि इस सरकार द्वारा सत्ता में आने के उपरांत सस्ता रेता और बजरी मुहैया करवाने के लिए लोक पक्षीय खनन नीति बनाई जाएगी, लेकिन नई खनन पालिसी ने लोगों के सपने चकनाचूर कर दिए है। बेईहारा ने बताया कि पंजाब सरकार ने जो नई खनन पालिसी बनाई है उसके मुताबिक स्टोन क्रशर की रजिस्ट्रेशन फीस दस हजार रुपये से दस गुना बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति साल कर दी गई है।
इसके अलावा पांच लाख रुपये सिक्योरिटी और कच्चे और पक्के साल के लिए दो अलग अलग कांटे (कंडे) लगाने के फरमान भी जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि एक कांटे लगाने की कीमत 25 लाख रुपये है और दो कांटों पर पचास लाख रुपये प्रति यूनिट खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि अब खनन विभाग ने स्टोन क्रशर के आस पास चारदीवारी करवाने और अन्य लोगों द्वारा की जाने वाली अवैध खनन की रखवाली करने के लिए पत्र जारी कर दिए हैं। जिसके कारण अब मौजूदा हालातों के अनुसार स्टोन क्रशर और स्क्रीनिंग प्लांट चलाना आम व्यक्ति के बस में नहीं है और पंजाब सरकार इस धंधे को सरमाएदार पूंजीपतियों के हवाले करने पर उतारू हो गई है।
पिछले लंबे समय से स्टोन क्रशर और स्क्रीनिंग प्लांट मालिक कच्चे माल की कमी का सामना कर रहे हैं और उनको आप सरकार से बड़ी उम्मीदें थी। लेकिन अब उनकी उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फिर चुका है और वह अपना धंधा समेटने के लिए मजबूर हो रहे हैं। जिसके कारण उनकी जत्थेबंदी द्वारा 23 सितंबर को डिप्टी कमिश्नर रूपनगर के दफ्तर का घेराव करके रोष प्रदर्शन करने का फैसला किया गया है जिसके बाद अगले संघर्ष का एलान किया जाएगा। इस मौके पर जत्थेबंदी के विभिन्न जोनों के नेता और बड़ी संख्या में स्टोन क्रशर और स्क्री¨नग प्लांट मालिक उपस्थित थे।
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