मुख्यमंत्री मान ने प्रताप सिंह बाजवा को बताया 'तिकड़मबाज', पूछा सवाल- क्या आप चुनी हुई सरकार तोड़ना चाहते हैं?
आम आदमी पार्टी के 32 विधायक उनके साथ संपर्क में हैं... कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा के इस बयान पर पंजाब के मुख्यमंत्री और आप नेता भगवंत मान ने उनपर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि क्या आप जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को तोड़ना चाहते हैं। यही नहीं सीएम मान ने बाजवा को तिकड़मबाज भी बताया है।
चंडीगढ़, इन्द्र प्रीत सिंह। CM Mann on Pratap Singh Bajwa: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा (Pratap Singh Bajwa) के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि क्या आप चुनी हुई सरकार को तोड़ना चाहते हैं? सीएम मान ने इसे लेकर ट्वीट करते हुए कहा, "वह जानते हैं कि कांग्रेस ने प्रताप सिंह बाजवा की मुख्यमंत्री बनने की इच्छा की भ्रूण हत्या कर दी थी, लेकिन वह बाजवा की तरह तिकड़मबाज नहीं है बल्कि 3 करोड़ लोगों के नुमाइंदा हैं। यदि आप में हिम्मत है तो आप अपने हाई कमान से बात करें।
'... के साथ आप के 32 विधायक संपर्क में'
मुख्यमंत्री ने प्रताप सिंह बाजवा पर यह पलटवार उस समय किया है, जब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव के लिए समझौते की बातें चल रही हैं। गौरतलब है कि मुक्तसर में प्रताप सिंह बाजवा ने बयान दिया था कि आम आदमी पार्टी के 32 विधायक उनके साथ संपर्क में हैं।
नेता विपक्ष प्रताप बाजवा ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में पंजाब की सभी 13 सीटों पर कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ेगी। वर्कर सभी सीटों पर कांग्रेस का समर्थन करें। अगर कांग्रेस सभी सीटें जीत गई तो आम आदमी पार्टी की सरकार बिखर जाएगी, क्योंकि 92 विधायकों में से 32 उनके संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की बी टीम आम आदमी पार्टी में बैठी है।
आम आदमी पार्टी के साथ समझौते के खिलाफ हैं बाजवा
प्रताप सिंह बाजवा पहले ही आम आदमी पार्टी के साथ समझौते के खिलाफ हैं, वह पार्टी हाईकमान से भी कई बार कह चुके हैं कि अगर कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ समझौता करती है तो इसका पार्टी को नुकसान होगा।
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यही नहीं पिछले दिनों जब हैदराबाद में पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक हुई थी, तब भी प्रताप सिंह बाजवा ने कहा था कि कांग्रेस को आम आदमी पार्टी के साथ समझौता नहीं करना चाहिए ।आम आदमी पार्टी और कांग्रेस राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के खिलाफ बना रहे गठजोड़ के सहयोगी हैं लेकिन अब जिस तरह से दोनों ओर से बयानबाजियां शुरू हो गई हैं। इससे ऐसा लगता है कि यह गठजोड़ ज्यादा समय तक नहीं चल पाएगा।