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Sangrur: बलिदानी परविंदर सिंह के घर पहुंचे CM मान, पैतृक गांव में जवान की प्रतिमाह स्‍थापित करने का किया एलान

कारगिल में ट्रेनिंग के दौरान हुए हादसे में बलिदान हुए जवान परविंदर सिंह के पैतृक गांव में आज सीएम मान पहुंचे। उन्‍होंने जवान के परिवार वालों से मुलाकात की। साथ ही गांव में परविंदर स‍िंह की मूर्ति स्‍थापित करने का एलान किया है। इस दौरान वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा भी उनके साथ मौजूद रहे। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि जवान की शहादत से जहां पूरे देश को गर्व है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Mon, 16 Oct 2023 01:46 PM (IST)
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बलिदानी परविंदर सिंह के घर पहुंचे CM मान

संवाद सूत्र, सुनाम (संगरूर)। कारगिल में ट्रेनिंग के दौरान हुए हादसे में बलिदान हुए गांव छाजली के जवान परविंदर सिंह के गांव सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान परिवार को धैर्य पहुंचाने के लिए पहुंचे। इस दौरान वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा भी उनके साथ मौजूद रहे। परिवार को हौंसला देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि जवान की शहादत से जहां पूरे देश को गर्व है, वहीं परिवार को बेहद ठेस पहुंची है, लेकिन बलिदानी परविंदर सिंह का परिवार बेहद हौंसले वाला परिवार है।

परविंदर का भाई भी देश की सेवा में लगा

परविंदर सिंह के पिता भी सेना से सेवानिवृत्ति हैं व भाई भी सेना में देश की सेवा कर रहा है। परिवार को पंजाब सरकार की तरफ से सहायता राशि प्रदान की जा रही है व परिवार समेत ग्रामीणों की मांग पर गांव छाजली में बलिदानी परविंदर सिंह का बुत स्थापित किया जाएगा।

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बेहद छोटी आयु में अपनी जान देश के लिए की कुर्बान

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि परविंदर सिंह ने बेहद छोटी आयु में अपनी जान देश के लिए कुर्बान कर दी है व एक वर्ष पहले ही परविंदर का विवाह हुआ था। परविंदर सिंह की पत्नी को अगर सेना की तरफ से नौकरी प्रदान न की गई तो पंजाब सरकार द्वारा उन्हें नौकरी प्रदान की जाएगी। शहीद के परिवार की हर मांग को पहल के आधार पर पुरा किया जाएगा। उन्होंने अग्निवीर योजना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह मानसा जिले के अमृतपाल सिंह के परिवार से भी मुलाकात करने जा रहे हैं।

सेना सम्मान न देना बेहद निराशाजनक

अग्निवीर योजना तहत भर्ती अमृतपाल को शहीद का दर्जा न होना या संस्कार के दौरान सेना सम्मान न देना बेहद निराशाजनक है। इस योजना से नौजवानों का हौंसला परस्त होगा। किंतु पंजाब सरकार अपने सैनिकों, शहीदों के परिवारों के साथ हमेशा खड़ी रहेगी, ताकि नौजवानों का हौंसला देश की सेवा के लिए बुलंद हो सके।

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