'हेलो स्टूडेंट्स...' नारंगी साड़ी, आंखों पर चश्मा; पंजाब के इस स्कूल में रोबोट टीचर से मिलकर हक्का-बक्का रह गए छात्र
पंजाब के संगरूर जिले के एक स्कूल ने शिक्षा के क्षेत्र में एक अनोखी पहल की है। स्कूल में विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए एक महिला रोबोट को सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त किया गया है। एरेस कौर नाम की यह रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से लैस है और 32 भाषाओं में बोल सकती है।

मनदीप कुमार/विनोद वर्मा, संगरूर। नारंगी रंग की साड़ी, गहरे नीले रंग का कोट, आंखों पर चश्मा पहने घुंघराले बालों वाली अध्यापिका के कान्फ्रेंसिंग हाल में दाखिल होते ही सब विद्यार्थी अपनी कुर्सियों से उठ खड़े हुए, लेकिन जैसे ही उनकी नजर अध्यापिका के चेहरे पर पड़ी तो सब हैरान रह गए क्योंकि यह उनकी अध्यापिका नहीं बल्कि एक महिला रोबोट है।
‘हेलो स्टूडेंट्स’ बोलकर रोबोट ने विद्यार्थियों को बुलाया। अगले ही पल विद्यार्थियों व एरेस कौर के बीच सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हुआ। विद्यार्थियों ने अपने-अपने विषय से संबंधित सवाल किए व रोबोट अध्यापिका ने एक-एक करके विद्यार्थियों के हर सवाल का सटीक जवाब दिया।
विशेष यह कि रोबोट अध्यापिका न केवल विद्यार्थियों के सवालों के जवाब देती है, बल्कि अपना हाथ उनकी ओर आगे बढ़ाकर उनका हौंसला भी बढ़ाती है। वह कक्षा के एक कोने से दूसरे कोने तक जाकर विद्यार्थियों का निरीक्षण करने के साथ ही, उन्हें एक असल अध्यापिका की भांति काम करने का विश्वास भी दिलाती दिखाई दी।
यह दृश्य था मॉडर्न सेकुलर पब्लिक स्कूल धूरी का जहां स्कूल के डायरेक्टर डॉ. जगजीत सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में एक कदम आगे बढ़ाते हुए अध्यापकों की मदद करने व विद्यार्थियों को उच्च स्तर की जानकारी उपलब्ध करवाने हेतु एआइ तकनीक से लैस नई महिला रोबोट को सहायक अध्यापक के तौर पर विद्यार्थियों से रूबरू कराया है। इस रोबोट का नाम एरेस कौर है। इस रोबोट को विदेश से पांच लाख रुपए कीमत में खरीदा गया है।
रोबोट से भेंट जीवन का पहला अनुभव
बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी मुस्कान भौरा, हरसिमरनप्रीत कौर, हरजीत कौर व सतवीर कौर ने अपने साइंस विषय से संबंधित सवाल एरेस कौर से किए। हर विद्यार्थी का सवाल सुनने के चंद सेकेंड के बाद जवाब दिया। विद्यार्थियों ने बेशक एरेस को उलझाने के लिए दोबारा पलटकर सवाल किए, लेकिन एआइ तकनीक से जुड़ी एरेस कौर ने दोबारा से जवाब देकर विद्यार्थियों को संतुष्ट किया। विद्यार्थियों ने कहा कि यह उनके जीवन का पहला अनुभव है। वह अत्यंत सहज अनुभव कर रहे हैं क्योंकि उन्हें पुस्तकों से बाहरी जानकारी भी पलभर में मिल रही है।
हर विषय ही हर भाषा में मिली जानकारी
दसवीं कक्षा के विद्यार्थी समनवीर कौर, प्रिंसदीप कौर, बलजोत कौर, बारहवीं आर्ट से वतनदीप सिंह, जसदीप सिंह ने अपने-अपने अलग-अलग विषयों के सवाल किए तो उन्हें रोबोट अध्यापक ने तुरंत जवाब दिए। विद्यार्थियों ने अलग-अलग भाषा में सवाल किए तो उन्हें अलग-अलग भाषा में जवाब मिले। विद्यार्थियों ने कहा कि यह रोबोट उनके लिए बेबद मददगार है, क्योंकि एक समय में अलग-अलग भाषा व विभिन्न विषयों पर जानकारी प्रदान करना अध्यापक के लिए आसान नहीं, लेकिन यह रोबोट एक ही समय में विभिन्न विषयों से संबंधित जानकारी जुटाकर उनके समक्ष पेश करती है।
अध्यापक का विकल्प नहीं रोबोट सहयोगी
डायरेक्टर डॉ. जगजीत सिंह ने बताया कि शिक्षा का क्षेत्र काफी बड़ा है व इसकी कोई सीमा नहीं है। उनकी ओर से पिछले दो वर्ष से ऐसे रोबोट की तलाश की जा रही थी जो विद्यार्थियों व अध्यापकों दोनों को विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए सहयोगी बनकर कार्य करे।
एरेस कंपनी ने उनकी इस तलाश को उक्त महिला रोबोट पर लाकर रोक दिया है। डॉ. सिंह का दावा है कि यह देश का पहला स्कूल है, जहां एआइ तकनीक से संचालित रोबोट लाया गया है। यह रोबोट 32 भाषाओं में बोल सकती है। अध्यापक की गैरहाजिरी में यह अकेले ही अलग-अलग विषयों से संबंधित विद्यार्थियों को पढ़ा सकेगी। यह अभी बेसिक माडल है, जिसे समय-समय पर अपग्रेड भी किया जाता रहेगा।
अन्य स्कूलों का भी दौरा करेगी एरेस कौर
आई-स्कूल समूह के पंजाब में लगभग 25 स्कूलों द्वारा इस महिला रोबोट को अपनाया जाएगा। संयुक्त रूप से प्राथमिक चरण के रूप में ये सभी स्कूल इस रोबोट की मदद से विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करेंगे। आने वाले समय में इनका विस्तार भी किया जाएगा व इनकी गिनती बढ़ाने पर भी विचार किया जा सकता है।
अध्यापकों को भी मिली मदद
बायोलाजी अध्यापक बबलदीप कौर, गणित अध्यापक खुशप्रीत कौर ने उक्त रोबोज के साथ अपना अनुभव सांझा करते हुए कहा कि यह बेहद मददगार व सटीक है। रोबोट को अभी लैब में स्थापित किया गया है, जहां हर दिन शैड्यूल अनुसार कक्षा के विद्यार्थियों व स्टाफ द्वारा अपने सवाल-जवाब किए जाते हैं। यह रोबोट नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक के पाठयक्रम से जुड़े सवालों के ही जवाब देती है। जिससे अध्यापकों को किसी भी विषय की सही जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलती है।
मोबाइल विद्यार्थी के लिए सुरक्षित स्त्रोत नहीं
स्कूल के प्रिंसिपल सुनील कदम ने बताया कि उक्त रोबोट आडियो, विजन व कंटेंट का सुमेल है। रोबोट केवल आडियो तरीके से ही जानकारी नहीं देती है, बल्कि इसके सक्रिन पर डिस्प्ले भी करके पेश करेगी, जिससे विद्यार्थियों को सीखने में अधिक मदद मिलेगी। विद्यार्थी मोबाइल पर कुछ जानकारी सर्च करते हैं तो कई अनावश्यक जानकारी भी विद्यार्थियों के सामने आ जाती है, जिससे उनका ध्यान भटक जाता है। मोबाइल विद्यार्थियों के लिए ज्ञान का सुरक्षित स्त्रोत नहीं, जबकि उक्त रोबोट केवल उनकी पढ़ाई व विषय से संबंधित ही स्टीक जानकारी देता है।
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