पंजाब का 23वां जिला मालेरकोटला, चार लाख आबादी
ईद-उल-फितर के दिन 14 मई मालेरकोटला को पंजाब का 23वां नया जिला बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह द्वारा मालेरकोटला के आवाम के समक्ष किया
By JagranEdited By: Updated: Sun, 06 Jun 2021 11:13 PM (IST)
भूपेश जैन, मालेरकोटला (संगरूर)
ईद-उल-फितर के दिन 14 मई मालेरकोटला को पंजाब का 23वां नया जिला बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह द्वारा मालेरकोटला के आवाम के समक्ष किया। इससे पहले तहसील मालेरकोटला संगरूर जिले का हिस्सा था। नए जिला बनाए गए जिले में दो तहसीलें मालेरकोटला व अहमदगढ़ हैं। नए जिले में मालेरकोटला और अमरगढ़ दो विधानसभा क्षेत्र शामिल किए गए हैं, जबकि अब जिला संगरूर में संगरूर, धूरी, दिड़बा, सुनाम, लहरा विधानसभा हलका रह गए हैं। मालेरकोटला की आबादी चार लाख 29 हजार 754 के करीब है और यह पंजाब का सबसे छोटा जिला माना जा रहा है। जिला संगरूर में से इससे पहले बरनाला को अलग जिला बनाया गया था व मालेरकोटला को जिला बनाकर संगरूर से अलग कर दिया गया है, जो आधिकारिक तौर पर सोमवार को काम करना शुरू कर देगा। मालेरकोटला में आइएएस अमृत कौर गिल को पहली डिप्टी कमिश्नर व आइपीएस कंवलदीप कौर पहली एसएसपी के तौर पर तैनात की गई हैं। जिला बनाए जाने की लंबे समय से उठ रही थी मांग
मालेरकोटला जिले में 192 गांवों को शामिल किया गया है। मालेरकोटला जिले में तहसील अमरगढ़ व तहसील अहमदगढ़ को शामिल किया गया है। यहां के लोगों को मालेरकोटला के जिला बनाए जाने से भरपूर फायदा होगा, क्योंकि मालेरकोटला का आवाम लंबे समय से मालेरकोटला को जिला घोषित किए जाने की मांग कर रहा था। लोगों को अब अपने कामकाज के लिए 40 किलोमीटर का सफर तय करके संगरूर तक नहीं आना होगा।
लोगों को कामकाज करवाने में मिलेगी सुविधा बेशक अभी मालेरकोटला में पूरा अमला व स्टाफ तैनात नहीं किया गया है, लेकिन बड़े स्तर पर स्टाफ को तैनात करने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है, जिसके चलते अगले समय दौरान पूरा अमला मालेरकोटला में तैनात कर दिया जाएगा।
ट्यूबवेल परिसर की इमारत होगी अस्थायी जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स बेशक जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स, एसएसपी दफ्तर की नई इमारतें बनने में समय लगेगा, लेकिन ट्यूबवेल परिसर की इमारत को अस्थायी जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के तौर पर तैयार किया जा रहा है। डीसी अमृत कौर गिल का कहना है कि जिले में बड़े स्तर पर स्टाफ को तैनात करने में कुछ दिन का समय अवश्य लगेगा, लेकिन बहुत जल्द ही लोगों को जिला स्तर की हर प्रकार की सुविधा मालेरकोटला में ही मिलने लगेगी। इससे लोगों को काफी राहत महसूस होगी, क्योंकि इससे पहले मालेरकोटला, अमरगढ़ व अहमदगढ़ के लोगों को कामकाज करवाने के लिए कई किलोमीटर का सफर तय करके संगरूर जाना पड़ता है। शुरूआती समय में बेशक कुछ दिन का समय लगेगा। बड़ी ईदगाह, कूका स्मारक, बड़ा घल्लूघारा अब मालेरकोटला जिले का हिस्सा नवाबी शहर मालेरकोटला केवल मुस्लिम बहुबल इलाका होने के कारण ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यहां की ऐतिहासिक इमारतों की भी अपनी ही अलग पहचान हैं। मालेरकोटला की सबसे खूबसूरत बड़ी ईदगाह की बात करें या कूका स्मारक व बड़ा घल्लूघारा स्मारक की। ईद के दिन बड़ी ईदगाह पर मालेरकोटला ही नहीं, बल्कि जिला संगरूर सहित अन्य इलाकों से मुस्लिम भाईचारे के लोग हजारों की गिनती में लोग एक साथ ईद की नमाज अता करते थे, लेकिन अब यह ईदगाह भी संगरूर से अलग हो गई है। वहीं रियासती मकबरे भी मालेरकोटला में मौजूद हैं। कूका स्मारक व बड़ा घल्लूघारा भी जिला संगरूर की निशानी थी जो अब मालेरकोटला की विरासत होगी। मालेरकोटला शहर में एक ही सांझी दीवार वाली मस्जिद व प्राचीन मनसा देवी मंदिर भी खास आकर्षण का केंद्र हैं, जहां एक ही समय पर आरती होती है व नमाज अदा की जाती है। प्राचीन डेरा बाबा आत्मा राम मंदिर है, जहां मूंगे की बनी हुई हनुमान जी की मूर्ति भी मौजूद हैं। मान्यता है कि यहां 40 दिन माथा टेकने पर हर मनोकामना पूरी होती है। मालेरकोटला की हैदर शेख दरगाह है, जहां पर हर चांदनी पक्ष के वीरवार को मेला लगता है। नए जिले की आबादी 4.29 लाख मालेरकोटला, अहमदगढ व अमरगढ़ के कुल 192 गांव नए जिले में शामिल हो गए हैं। मालेरकोटला जिले के कुल आबादी चार लाख 29 हजार 754 है। इसमें से शहरी आबादी एक लाख 74 हजार 065 और ग्रामीण आबादी दो लाख 55 हजार 689 है।
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