लापरवाही की हद: बोरवेल में गिरने से मारे गए बच्चे के अंतिम संस्कार स्थल पर भी खड़ी थी 'मौत'
दाे साल के बच्चे की बोरवेल में गिरने से मौत से पंजाब में लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं। लेकिन लापरवाही की हद देखिये कि जिस जगह बच्चे का अंतिम संस्कार हुआ वहां खुला बोरवेल मिला।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Thu, 13 Jun 2019 10:53 AM (IST)
संगरूर, [मनदीप कुमार]। जिले के सुनाम क्षेत्र के गांव भगवानपुरा में 140 फीट गहरे बोरवेल में गिरने से दो साल के बच्चे फतेहवीर सिंह की माैत पर हंगामा मचा हुआ है और लोग सड़कों पर उतरे हुए हैं। लोग प्रशासन और सरकार को इसके लिए दोषी ठहरा रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच बड़ी लापरवाही सामने आई है। यह लोगाें की जागरूकता और रवैये पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। फतेहवीर का जिस जगह पर अंतिम संस्कार किया गया उसके पास ही खुला बोरवेल मिला। इस बोरवेल पर फतेहवीर सिंह के परिवार के खेतों की तरह बोरी बंधी थी। यह बोरवेल मंडी बोर्ड द्वारा लगाया गया है।
इस बोरवेल पर भी बंधी थी, फतेहवीर के परिवार की खेतों की तरह बोरवेल पर बोरीबता दें कि कोई और फतेहवीर भविष्य में खुले बोरवेल के बीच गिरकर मौत का ग्रास न बने, इसलिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तुरंत प्रभाव से पंजाब के सभी डीसी को 24 घंटे में अपने-अपने जिले में खुले बोरवेल बंद करवाने की सख्त हिदायत दी है। लेकिन, प्रशासन के संग-संग लोगों के रवैये का भी यहां खुलासा हो गया। मंगलवार को गांव शेरों के जिस श्मशानघाट में फतेहवीर सिंह का अंतिम संस्कार किया गया, ठीक उसके बाहर गेट के सामने ही खुला बोरवेल मिला। इतनी बड़ी घटना के बाद लोगों और प्रशासन की आंखें नहीं खुलना ताज्जुब पैदा करता है।
श्मशानघाट के गेट पर मिले बोरवेल पर भी फतेहवीर सिंह के परिवार के खेतों में मौजूद बोरवेल की भांति ही बोरी बंधी मिली। इस बोरवेल का लेवल भी जमीन से मात्र कुछ इंच की ऊपर था, जिस कारण किसी भी समय कोई बच्चा इस बोरवेल में गिर सकता था।
हर दिन लोगों का यहां से होता है आना-जाना, नहीं दिया कभी ध्यानइस जगह से राेज लोगों का आना-जाना होता है। 6 जून को फतेहवीर के बोरवेल में गिरने के बाद भी लोग यहां से आते-जाते रहे, लेकिन सभी खुले बोरवेल को देखने के बाद भी अनजान बने रहे। इससे साफ है कि प्रशासन, गांव की पंचायत और लोगों ने फतेहवीर के हादसे से कोई सबक नहीं लिया है। लोग इसी बोरवेल के पास से गुजरकर रोजाना श्मशानघाट के भीतर आते-जाते है, लेकिन इस पर किसी ने आज तक ध्यान नहीं दिया। इस बारे में पूछने पर लोगों ने इसे प्रशासन की लापरवाही करार दिया। लोगों ने कहा कि प्रशासन अब अन्य हादसे का इंतजार कर रहा है।
इस बारे में ग्रामीण हरबंस सिंह, लक्ष्मण सिंह, रेशम सिंह, जसविंदर सिंह सहित कई लोगों ने कहा कि प्रशासन की लापरवाही किसी भी समय किसी की जान पर भारी पड़ सकती है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इसे तुरंत बंद किया जाए।
बोरवेल पर लगाएंगे अब ढक्कनः मंडी सचिव मंडी बोर्ड के सचिव जसपाल सिंह का कहना है कि मंडी की जगह में उक्त बोरवेल मौजूद है, लेकिन उसके मुंह को बोरी के माध्यम से बंद कर रखा है। इस बोरवेल को हर सीजन के दौरान मोटर लगाकर पानी की सप्लाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे बंद नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसे अगर बंद करवाया जाएगा तो दोबारा बोरवेल करवाना संभल नहीं है। अब इस पर पक्का ढक्कन लगवा दिया जाएगा, ताकि कोई हादसा न हो।
श्मशान के बाहर गेट पर लगा बोरवेल।
मंडी बोर्ड का है बोरवेल, होती है पानी सप्लाई: सरपंच
गांव शेरों के सरपंच प्रगट सिंह ने कहा कि यह जगह मंडी बोर्ड के अधीन है। मंडी बोर्ड ने पानी की सप्लाई के लिए इस बोरवेल की खोदाई की है। इसे बंद नहीं करवाया जा सकता। मंडी बोर्ड को इस बोरवेल पर ढक्कन लगाने की अपील की जाएगी।
एसएसओ बोले- भादसं की धारा188 धारा तहत दर्ज हो सकता है मामला इस संबंध में सिटी-1 थाने के एसएचओ हरजिंदर सिंह ने कहा कि इस संबंध में डीसी के आदेशों की अवहेलना के आरोप में 188 धारा के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। अभी तक नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अगर भविष्य में कानून में संशोधन होगा तो उसके अनुसार ही कार्रवाई होगी।एक माह सजा व जुर्माने के प्रावधान
वकील नरेश कुमार जुनेजा ने कहा कि 188 धारा की अवहेलना के आरोप में मात्र एक माह की सजा व जुर्माने का प्रावधान है। गंभीर मामले में दोनों हो सकती हैं। बता दें कि जिले के भगवानपुरा गांव में बोरवेल में गिरने से दो साल के बच्चे फतेहवीर सिंह की मौत के बाद लोग सड़कों पर उतर आए हैं। विभिन्न संगठनों के सदस्य व लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। आज संगरूर बंद भी रखा गया है। लोग बच्चे की मौत के लिए जिला प्रशासन के अफसरों और जिला उपायुक्त पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। वे डीसी और अन्य अफसरों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।यह भी पढ़ें: भेड़िया आया... भेड़िया आया... की कहानी यहां हो गई सच, युवक की यूं चली गई जानफतेहवीर सिंह पिछले वीरवार शाम बोरवेल में गिरा था और उसे मंगलवार सुबह करीब सवा पांच बजे 109 घंटे के बाद बाेरवेल से निकाला जा सका था। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बच्चे को बाेरवेल से निकालने के बाद तुरंत एंबुलेंस से डीएमसी अस्पताल ले जाया गया। वहां से उसे चंडीगढ़ पीजीआइ रेफर कर दिया गया। पीजीआइ में बच्चे काे मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद शव को हेलीकॉप्टर से सुनाम लाया गया, जहां गांव शेरों के शमशानघाट में उसका अंतिम संस्कार किया गया।अंतिम क्रिया दौरान भारी संख्या में लोग उमड़े। दूसरी ओर बच्चे की मां अब भी बेसुध है और परिवार का भी बुरा हाल है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक फतेहवीर की मौत कुछ दिन पहले ही हो गई थी। पीजीआइ की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि जब बच्चे को लाया गया उसकी नाड़ी नहीं चल रही थी। हार्ट में कोई गतिविधि नहीं थी, इसलिए बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया था। पुलिस के कहने पर पोस्टमार्टम किया गया।
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गांव शेरों के सरपंच प्रगट सिंह ने कहा कि यह जगह मंडी बोर्ड के अधीन है। मंडी बोर्ड ने पानी की सप्लाई के लिए इस बोरवेल की खोदाई की है। इसे बंद नहीं करवाया जा सकता। मंडी बोर्ड को इस बोरवेल पर ढक्कन लगाने की अपील की जाएगी।
एसएसओ बोले- भादसं की धारा188 धारा तहत दर्ज हो सकता है मामला इस संबंध में सिटी-1 थाने के एसएचओ हरजिंदर सिंह ने कहा कि इस संबंध में डीसी के आदेशों की अवहेलना के आरोप में 188 धारा के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। अभी तक नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अगर भविष्य में कानून में संशोधन होगा तो उसके अनुसार ही कार्रवाई होगी।एक माह सजा व जुर्माने के प्रावधान
वकील नरेश कुमार जुनेजा ने कहा कि 188 धारा की अवहेलना के आरोप में मात्र एक माह की सजा व जुर्माने का प्रावधान है। गंभीर मामले में दोनों हो सकती हैं। बता दें कि जिले के भगवानपुरा गांव में बोरवेल में गिरने से दो साल के बच्चे फतेहवीर सिंह की मौत के बाद लोग सड़कों पर उतर आए हैं। विभिन्न संगठनों के सदस्य व लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। आज संगरूर बंद भी रखा गया है। लोग बच्चे की मौत के लिए जिला प्रशासन के अफसरों और जिला उपायुक्त पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। वे डीसी और अन्य अफसरों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।यह भी पढ़ें: भेड़िया आया... भेड़िया आया... की कहानी यहां हो गई सच, युवक की यूं चली गई जानफतेहवीर सिंह पिछले वीरवार शाम बोरवेल में गिरा था और उसे मंगलवार सुबह करीब सवा पांच बजे 109 घंटे के बाद बाेरवेल से निकाला जा सका था। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। बच्चे को बाेरवेल से निकालने के बाद तुरंत एंबुलेंस से डीएमसी अस्पताल ले जाया गया। वहां से उसे चंडीगढ़ पीजीआइ रेफर कर दिया गया। पीजीआइ में बच्चे काे मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद शव को हेलीकॉप्टर से सुनाम लाया गया, जहां गांव शेरों के शमशानघाट में उसका अंतिम संस्कार किया गया।अंतिम क्रिया दौरान भारी संख्या में लोग उमड़े। दूसरी ओर बच्चे की मां अब भी बेसुध है और परिवार का भी बुरा हाल है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक फतेहवीर की मौत कुछ दिन पहले ही हो गई थी। पीजीआइ की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि जब बच्चे को लाया गया उसकी नाड़ी नहीं चल रही थी। हार्ट में कोई गतिविधि नहीं थी, इसलिए बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया था। पुलिस के कहने पर पोस्टमार्टम किया गया।
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