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'न एंबू बैग... न कार्डिक मॉनिटर, कैसे देंगे मरीज को सांस', सिविल अस्पताल का नजारा देख हक्का-बक्का रह गए पंजाब के मंत्री

पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने सिविल अस्पताल संगरूर का दौरा किया और कई कमियों को उजागर किया। इमरजेंसी वार्ड में एंबू बैग और कार्डिक मॉनिटर की कमी शौचालयों की खराब स्थिति काला पीलिया की दवा की कमी बिस्तरों की बदहाली सफाई व्यवस्था का अभाव और डॉक्टरों की गैरहाजिरी जैसी समस्याओं पर उन्होंने नाराजगी जताई। मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को तुरंत सुधार के निर्देश दिए।

By SACHIN DHANJAS Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Thu, 07 Nov 2024 05:30 PM (IST)
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सिविल अस्पताल, संगरूर का निरीक्षण करते पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह
जागरण संवाददाता, संगरूर। 'यह कैसा इमरजेंसी वार्ड है, जहां न ही मौके पर एंबू बैग हैं और न ही कार्डिक मॉनिटर... आपात स्थिति में आने वाले मरीज को कैसे बनावटी सांस लेंगे? जब तक अन्य वार्ड व कमरे से उठाकर एंबू बैग व कार्डिक मोनिटर उठाकर लाएंगे, तब तक मरीज के प्राण निकल जाएंगे। यह इमरजेंसी वार्ड की वह बेसिक जरूरत है, जिसकी सबसे अधिक जरूरत मरीज को पड़ती है, लेकिन आपके पास इसका भी प्रबंध नहीं है।'

यह फटकार वीरवार को सिविल अस्पताल संगरूर में विशेष दौरा पर आए सेहतमंत्री पंजाब डॉ. बलबीर सिंह ने उस समय एसएमओ संगरूर व डीएमसी डॉ. विकास धीर को लगाई, जब इमरजेंसी वार्ड के ओटी से एंबू बैग व कार्डिक मोनिटर गैरहाजिर पाए।

एसएमओ से कहा कि शार्ट सर्किट कारण कार्डिक मॉनिटर खराब हो गए, मंत्री ने पूछा कि कितने कार्डिक मानिटर अस्पताल में हैं तो वह गिनती तक नहीं बता पाया। मंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए इन्हें तुरंत ठीक करवाने व कार्डिक मानिटर के साथ यूपीएस लगाने की हिदायत दी।

शौचालय की हालत बदतर

उन्होंने इमरजेंसी के वार्ड में भर्ती मरीजों से बातचीत की। हलका विधायक नरिंदर कौर भराज, डीसी संगरूर संदीप ऋषि के साथ मिलकर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के शौचालयों का भी दौरा किया। शौचालय में पानी की लीकेज व सीलन को देखकर उन्होंने तुरंत हिदायत दी कि इसे ठीक करवाया जाए।

एस्टीमेट बनाकर इसके ठीक करने का कार्य करवाया जाए। मौके पर जब लोक निर्माण विभाग, पब्लिक हेल्थ विभाग के स्टाफ को बुलाया तो कोई मौजूद नहीं था।

काला पीलिया की दवा खत्म

सिविल अस्पताल संगरूर में पिछले समय से हैपेटाइटस-बी व सी की दवा न मिलने से परेशान मरीज गांव नमोल के निवासी ने सेहतमंत्री से शिकायत की। नौजवान ने कहा कि उसके पिता को काला पीलिया की बीमारी है, जिसका दवा शुरू करना है।

करीब बीस दिन से वह लगातार अस्पताल के चक्कर लगा रहा है, लेकिन दवा नहीं मिली है, जिससे इलाज शुरू नहीं हो पा रहा है। एेसे ही रोजाना दर्जन भर मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है। मरीजों ने कहा कि बाहर से यह दवा काफी महंगी है, जिस कारण लोग असमर्थ हैं। इस पर मंत्री डा. बलबीर सिंह ने कहा कि केंद्र से ही यह दवा नहीं आ रही है। सरकार अपने स्तर पर इसका प्रबंध कर रही है। दवा अस्पतालों में पहुंचे में कुछ दिन का समय लग जाता है, जल्द ही दवा मिल जाएगी।

मंत्री जी के आते ही बेड पर बिछाई सफेद चादरें

सिविल अस्पताल के सर्जिकल व मेडिकल वार्डों में बिस्तरों की हालत बेहद बदतर है। फट्टे पुराने गद्दों पर मरीजों को खुद अपनी चादरें बिछानी पड़ती है, लेकिन वीरवार को मंत्री के दौरे के कारण नर्सिंग स्टाफ खुद बिस्तरों पर सफेद चादरें बिछाता दिखाई दिया। जब मंत्री अस्पताल में पहुंचे तो स्टाफ इन वार्डों में भर्ती मरीजों को बिस्तरों से उठाकर चादरें बिछाते दिखे। उधर, सफाई के अभाव से गुजरते वार्डों, शौचालयों व रैंप के रास्तों पर भी बकायदा पौछा लगाया गया।

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कई डाक्टर सीट से रहे गैर हाजिर

मंत्री के दौरे दौरान ओपीडी भी बुरी तरह से प्रभावित हुई। डाक्टर मंत्री के साथ ही घूमते दिखाई दिए, बेशक मंत्री ने खुद सिविल सर्जन व एसएमओ को कहा कि जिन डाक्टरों की ओपीडी ड्यूटी है, वह अपनी सीट पर जाकर मरीजों की ओपीडी करें, लेकिन इसके बावजूद कई डाक्टर सीट से गैरहाजिर रहे। मरीज रेशमा रानी, जसवीर सिंह, पलविंदर सिंह ने कहा कि सुबह आठ बजे से अस्पताल में पहुंचे हैं, लेकिन दोपहर साढ़े बारह बजे तक डाक्टर सीट पर नहीं मिले। मंत्री का दौरा कहकर कई डाक्टर ओपीडी छोड़कर बैठे हैं, जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

रेफर मरीज टैक्सी करवाकर आया, एसएमओ से शिकायत

मरीज मुलखराज सिंह सेहतमंत्री डॉ. बलबीर सिंह के पास शिकायत लेकर पहुंचा कि उसे धूरी से सिविल अस्पताल संगरूर रेफर किया गया था, जिसके बाद वह टैक्सी करवाकर संगरूर अस्पताल पहुंचा। वहीं एक्सरे करवाने के लिए सात हजार रुपये वसूल कर लिए।

सेहतमंत्री ने इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए धूरी के एसएमओ को हिदायत दी कि रेफर किए जाने वाले मरीज को सरकारी एंबुलेंस की मदद से भेजा जाए। रेफर सेंटर के डाक्टर को सूचना दी जाए। उक्त मरीज ने धूरी के अस्पताल में एक डाक्टर पर पैसे मांगने का आरोप लगाया, जिस पर मंत्री ने सिविल सर्जन को हिदायत दी कि अस्पताल में टेस्ट, एक्सरे या अन्य प्रकार की फीस वसूलने पर मरीज को रसीद काटकर दें।

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