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आठ मिनट में बंद फाटक से निकले 82 लोग

लुधियाना के ग्यासपुरा में बंद फाटक हादसे के बावजूद न तो रेलवे प्रशासन की नींद टूटी और न ही लोगों ने कोई सीख ली।

By JagranEdited By: Updated: Mon, 02 Mar 2020 06:16 AM (IST)
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आठ मिनट में बंद फाटक से निकले 82 लोग

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन

लुधियाना के ग्यासपुरा में बंद फाटक हादसे के बावजूद न तो रेलवे प्रशासन की नींद टूटी और न ही लोगों ने कोई सीख ली। दैनिक जागरण की टीम की पड़ताल में सामने आया कि जल्दबाजी के चक्कर में लोग किस हद तक मौत का खेल खेल रहे हैं। दूसरी ओर, बंद फाटक से लोगों को निकलने से रोकने के लिए कोई आगे नहीं आया। जंडियाला रोड स्थित रेलवे फाटक के पास ही जीआरपी चौकी मौजूद है। यहां से अमृतसर से खेमकरण के बीच रोजाना आठ डीएमयू गाड़ियां निकलती हैं और इतनी ही गाड़ियां ब्यास से तरनतारन के बीच। रविवार को ब्यास रेल सेवा बंद रहती है। जागरण की टीम दोपहर एक बजे यहां पहुंची। फाटक एक बजकर तीन मिनट पर बंद हुआ जो आठ मिनट तक बंद रहा। इस दौरान 16 बाइक और छह रिक्शे आर-पार हुए। जबकि 82 लोगों ने रेलवे नियमों की धज्जियां उड़ाई। इनमें सात बुजुर्ग महिलाएं व तीन बुजुर्ग व्यक्तियों के अलावा दो महिलाएं ऐसी थी जो बच्चों के हाथ पकड़कर फाटक पार करवाते भूल गई कि किसी भी समय ट्रेन आ सकती है। इन लोगों को ऐसा करने से रोकने के लिए न तो कोई जीआरपी व न ही ट्रैफिक पुलिस का कर्मी फाटक के पास तैनात दिखा। वहीं, दो निहंग सिंह डेढ़ मिनट में मोटरसाइकिल समेत बंद फाटकों को पार गए। हादसा उस समय होते-होते बच गया जब रेलवे लाइन क्रास करते बाइक फिसल गई, जिसके चलते राहगीर ने वहां से युवक को बाइक सहित निकाला।

जिले में नौ फाटक

जिले में रेलवे के नौ बड़े फाटक है। इनमें कक्का कंडियाला, जंडियाला रोड, मुरादपुरा रोड, गोइंदवाल साहिब रोड, पट्टी, खेमकरण, दुखनिवारण, गांव कैरों, बोपाराय है।

चार साल में एक भी मामला दर्ज नहीं

स्थानीय रेलवे स्टेशन पर तैनात जीआरपी के जवानों ने कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया। हालांकि सूत्रों ने दावा किया कि बंद फाटक के नीचे से गुजरने बाबत चार वर्ष के दौरान तरनतारन व पट्टी स्थित जीआरपी की टीम द्वारा कोई भी मामला दर्ज नहीं किया गया।

ट्रैफिक पुलिस को दिए है आदेश

डिप्टी कमिश्नर प्रदीप सभ्रवाल ने कहा, बंद फाटक के नीचे से गुजरने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। फाटकों के पास जीआरपी की तैनाती स्टाफ की कमी के कारण नहीं हो रही। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि बंद फाटक के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे।

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