बीर खालसा गतका दल ने किया तरनतारन का दुनिया में नाम रोशन
छेवीं पातशाही श्री गुरु हरगोबिद साहिब जी ने मीरी और पीरी की दो तलवारें पहनकर सिख कौम को संदेश दिया था।
By JagranEdited By: Updated: Sat, 05 Mar 2022 11:00 AM (IST)
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : छेवीं पातशाही श्री गुरु हरगोबिद साहिब जी ने मीरी और पीरी की दो तलवारें पहनकर सिख कौम को संदेश दिया था। इसके साथ गुरु जी ने सिखों को आत्मरक्षा के लिए गतके की महारत सिखाई थी। इसी महारत को आगे बढ़ाते हुए बीर खालसा गतका दल का वर्ष 2000 में गठन हुआ था। बीर खालसा गतका दल ने गतके के साथ मार्शल आर्ट को जोड़ते हुए तरनतारन का दुनियाभर में नाम रोशन किया है। इस दल ने पांच गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड बनाने के अलावा पांच स्वर्ण पदक भी जीते हैं।
तरनतारन के रेलवे रोड निवासी कंवलजीत सिंह प्रिस ने अपने भाई गुरिदरजीत सिंह लाडी व शहर के अन्य युवकों को साथ लेकर श्री दरबार साहिब में धार्मिक समागमों के दौरान गतके के जौहर दिखाने शुरू किए थे। वर्ष 2000 में 20 युवकों के आधारित गतका दल को रजिस्टर करवाया गया। वर्ष 2006 में जब पांचवीं पातशाही श्री गुरु अर्जुन देव जी का 400 साला शहीदी पर्व तरनतारन में मनाया गया तो इस गतका दल ने अपनी कला का खुलकर प्रदर्शन किया। इसके बाद विदेशों में भी इस दल ने गतका और मार्शल आर्ट के माध्यम से अपनी धाक जमाई। 21 वर्ष के दौरान बीर खालसा गतका दल ने सिगापुर, मलेशिया, जापान, तुर्की, फ्रांस, जार्जिया, जर्मन, पैरिस में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते पांच स्वर्ण पदक जीते हैं। इतना ही नहीं इंडिया बुक, लिमका बुक, तामिल बुक सहित पांच वर्ल्ड रिकार्ड बनाने वाली इस टीम में पांच वर्ष के दो बच्चे भी शामिल हैं, जो हैरतअंगेज स्टंट करते हैं। मार्च में 10 से 15 सदस्यीय टीम आस्ट्रेलिया में होने वाले आस्ट्रेलिया गोट टैलेंट मुकाबले में हिस्सा लेगी। बड़े से बड़े कारनामे इनके लिए बाएं हाथ का खेल बीर खालसा गतका दल के प्रमुख कंवलजीत सिंह प्रिस ने बताया कि तलवारबाजी, तीरअंदाजी, घुड़सवारी से लेकर तलवार की नोक पर रखकर आंखों में काजल डालने, छाती पर पांच किलोग्राम का हैमर मारने, आंखों पर नमक रखकर काली पट्टी बांधने के बाद तलवार से मुंह में डाला हुआ खीरा काटने, भूल भुलाइया में मानव शरीर के चारों ओर रखे नारियल फोड़ने के कारनामे बाएं हाथ का खेल है। सबसे लंबे सिख जगदीप भी टीम का हिस्सा दुनिया भर में सबसे लंबे सिख के तौर पर जगदीप सिंह भी इस टीम का हिस्सा है, जिनका कद साढ़े सात फीट है। जगदीप सिंह अपनी प्रतिभा में इस कदर मजबूत है कि सबसे पहले अपने शरीर के जोर से मोटरसाइकिल रोकते थे। अब दस टन का ट्रक रोकना उनके बाएं हाथ का कमाल है। इतना ही नहीं 20 मोटरसाइकिलों को एक साथ और दो कारों को रोककर जगदीप सिंह ने दर्शकों को अपना दांतों तले उंगलियां दबाने लिए कई बार मजबूर किया है। टीम में शामिल सभी युवक सिख व अमृतधारी
टीम में शामिल सभी युवक पूर्ण तौर पर सिख व अमृतधारी होते है। टीम के सभी सदस्य पूर्ण तौर पर निहंग वेशभूषा में होते हैं। काले या नीले रंग के झोले, केसरिया रंग की दस्तार और इसी रंग के गात्रे पहनकर टीम के सदस्य जब मंच पर जो बोले सो निहाल, सतश्री अकाल के जयकारे लगाते हैं तो पंडाल में बैठे दर्शक भी वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह बुलाते हैं।
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