Tarn Taran News: फर्जी एनकाउंटर मामले में 31 साल बाद आया फैसला, पूर्व DIG को सात साल और इंस्पेक्टर को उम्रकैद
Tarn Taran News पंजाब के पलासौर में फर्जी एनकाउंटर मामले में 31 साल बाद फैसला आया है। पंजाब पुलिस के पूर्व डीआइजी को सात वर्ष और इंस्पेक्टर को उम्रकैद की सजा मिली है। आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई लड़ने वाले दिलबाग सिंह व गुरबचन सिंह ने बाद में प्रवीण कुमार व बोबी कुमार को रिहा कर दिया जबकि गुलशन कुमार को नहीं छोड़ा था।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन। 22 जुलाई 1993 को जंडियाला रोड निवासी गुलशन कुमार, मुरादपुरा निवासी हरजिंदर सिंह, जीरा निवासी जरनैल सिंह व करनैल सिंह को गांव पलासौर के समीप फर्जी एनकाउंटर में मार डाला गया था।
मामले में 31 साल के बाद मोहाली की सीबीआई की विशेष अदालत ने पंजाब पुलिस के पूर्व डीआइजी दिलबाग सिंह को सात वर्ष कारावास व पूर्व इंस्पेक्टर गुरबचन सिंह को उम्रकैद सुनाई। खास बात ये है कि मामला उठाने वाले गुलशन कुमार के पिता चमन लाल का कानूनी लड़ाई लड़ते-लड़ते 2016 में निधन हो चुका है।
1993 में गुलशन कुमार को लिया गया था हिरासत में
तरनतारन के जंडियाला रोड पर सब्जी बेचने का काम करते गुलशन कुमार को 26 जून 1993 को उसके भाई प्रवीण कुमार व बोबी कुमार सहित तरनतारन के तत्कालीन डीएसपी दिलबाग सिंह व थाना सिटी के तत्कालीन प्रभारी इंस्पेक्टर गुरबचन सिंह द्वारा हिरासत में लिया गया था। आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई लड़ने वाले दिलबाग सिंह व गुरबचन सिंह ने बाद में प्रवीण कुमार व बोबी कुमार को रिहा कर दिया, जबकि गुलशन कुमार को नहीं छोड़ा था।पलासौर के पास किया गया था फर्जी एनकाउंटर
22 जुलाई 1993 को तरनतारन के गांव पलासौर के समीप पुलिस द्वारा फर्जी एनकाउंटर किया गया। इसमें चमन लाल के बेटे गुलशन कुमार के अलावा मुरादपुरा निवासी हरजिंदर सिंह, जीरा निवासी करनैल सिंह, जरनैल सिंह (दोनों सगे भाई) को मौत के घाट उतार दिया गया।यह भी पढ़ें: Kangana Ranaut से बदसलूकी करने वाली CISF महिला कॉन्स्टेबल पर मोहाली पुलिस का एक्शन, इन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज
अगले दिन 23 जुलाई को गुलशन कुमार के लिए उसके पिता चमन लाल चाय लेकर गए तो वहां से पता चला कि बेटा फर्जी एनकाउंटर में मार दिया गया है। इतना ही नहीं पुलिस ने चारों युवाओं के शवों को लावारिस करार देते स्थानीय श्मशानघाट में अंतिम संस्कार करवा दिया।
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