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आतंकियों ने रची थी सुखबीर बादल को बम धमाके में उड़ाने की साजिश, जानें कैसे हुआ खुलासा

खालिस्‍तानी आतंकियों ने बरगाड़ी कांड के बाद शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की बम धमाके द्वारा हत्‍या की साजिश रची थी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Mon, 07 Oct 2019 03:13 PM (IST)
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आतंकियों ने रची थी सुखबीर बादल को बम धमाके में उड़ाने की साजिश, जानें कैसे हुआ खुलासा
तरनतारन, [धर्मबीर सिंह मल्हार]। खलिस्‍तानी आतंकियों की बड़ी और साजिश का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। आतंकियों ने अकाली दल के अध्यक्ष व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को बम धमाके में उड़ाने की साजिश रची थी। बरगाड़ी (फरीदकोट) में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से खफा आतंकियों ने श्री गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व के मौके पर 2016 में सुखबीर के अमृतसर दौरे के दौरान बम धमाका करना था। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण आतंकी डर गए और उनकी साजिश कामयाब नहीं हुई।

आतंकियों ने 2016 में सुखबीर बादल के अमृतसर दौरे के दौरान करना था बम धमाका

यह खुलासा गांव पंडोरी गोला में बीती 4 सितंबर को हुए बम ब्लास्ट की जांच में पता चला है। माना जा रहा है कि सुरक्षा एजेंसियां तरनतारन धमाके से संबंधित बड़ी साजिश का पर्दाफाश कर सकती हैैं। उल्लेखनीय है कि पंडोरी गोला में बम ब्लास्ट में दो आतंकियों की मौत हो गई थी, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया था।

तरनतारन धमाके की जांच कर रही एनआइए द्वारा आठ आरोपितों को प्रोडक्शन वारंट पर अमृतसर जेल से हिरासत में लिया गया है। जिनमें से तीन आरोपितों गुरजंट सिंह जंटा, अमृतपाल सिंह बचड़े व हरजीत सिंह पंडोरी गोला को पुलिस रिमांड पर लेकर की गई पूछताछ में सनसनीखेज खुलासा हुआ है।

आतंकी गुरजंट सिंह जंटा, अमृतपाल सिंह व हरजीत सिंह ने उगले कई राज

सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में सामने आया है कि गांव पंजवड़ निवासी बिक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की पंजवड़ ने तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल को अमृतसर दौरे के दौरान बम धमाके में उड़ाने की साजिश रची। इसके लिए उसने अमृतसर से विस्फोटक खरीदकर बम तैयार किए थे।उसने गांव बचड़े निवासी गुरजंट सिंह जंटा को बम बनाने की ट्रेनिंग भी दी थी। जंटा ने भी एक बम तैयार किया था। इन्होंने तैयार किए बमों के परीक्षण के लिए एक धमाका ब्यास-रइया सड़क पर भी किया था, लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ था।

पहला बम विक्की पंजवड़ को फेंकना था

सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस मामले में गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में पता चला है कि 4 सितंबर को जो बम ब्लास्ट हुआ था उस बम को विक्की पंजवड़ ने तैयार किया था। सूत्रों से पता चला है कि सुखबीर बादल के काफिले पर विक्की पहला बम फेंकता और दूसरा बम मलकीत सिंह उर्फ शेरा पुत्र दिलबाग सिंह निवासी गांव कोटला गुजर (मजीठा) द्वारा फेंका जाना था। विक्की पंजवड़ बाद में 2018 में आस्ट्रेलिया भाग गया था।  

कस्सी के वार से फटा था बम

गुरजंट सिंह जंटा द्वारा बनाया गया बम गांव पंडोरी गोला स्थित खाली प्लाट में दबाया गया था। बम दबाने में जंटा के साथ उसका चचेरा भाई गांव बचड़े निवासी अमृतपाल सिंह भी था। हरजीत सिंह हीरा के घर में बैठक के बाद जंटा अपने साथी विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की निवासी गांव कदगिल के साथ अपने गांव के युवक हरप्रीत सिंह हैप्पी को भी साथ ले गया था।

हीरा के घर से कस्सी (फावड़ा) लेकर जब जमीन खोदी जा रही थी तो कस्सी का वार उक्त बम को लग गया जिसके कारण बम फट गया। इस धमाके में गांव कदगिल निवासी विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की और हरप्रीत सिंह हैप्पी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दोनों को दिशानिर्देश देने वाला गुरजंट सिंह जंटा घायल हो गया था। 

खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के नीटा से हैै विक्की पंजवड़ का संबंध

बिक्रमजीत सिंह उर्फ विक्की पंजवड़ लंबे समय से दमदमी टकसाल से जुड़ा हुआ है। उसके संबंध पाकिस्तान में रहते खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के प्रमुख रंजीत सिंह नीटा से भी हैैं, जबकि जर्मनी में रहते डॉ. गुरमीत सिंह बग्गा के संपर्क में वह आस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद आया था। आस्ट्रेलिया से खालिस्तान के नाम पर वह कई बार हवाला के जरिए पैसे भी भेज चुका था।

एनआइए ने लिया कब्जे में रिकॉर्ड

एनआइए की टीम ने रविवार को जिला पुलिस हेडक्र्वाटर पहुंचकर कुछ रिकॉर्ड कब्जे में लिया है। सूत्रों की मानें तो जिले से संबंधित पहले सक्रिय रहे आतंकियों से भी इस धमाके को जोड़कर देखा जा रहा है। डीएसपी रैैंक के अधिकारी द्वारा सीआइए स्टाफ थाना सदर, थाना झब्बाल, थाना सराय अमानत खां, थाना वैरोंवाल में भी पहुंचकर कुछ रिकार्ड के बाबत जानकारी ली गई।

हम एनआइए को सहयोग कर रहे : एसएसपी

तरनतारन के एसएसपी ध्रुव दहिया का कहना है कि ब्लास्ट मामले की जांच हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आती। यह सारी जाच एनआइए कर रही है। एनआइए की टीम को सहयोग देना हमारा फर्ज भी है और ड्यूटी भी। जिला पुलिस के पास एनआइए की टीम का कौन आया, यह बताया जाना जरूरी नहीं क्योकि जांच प्रभावित हो सकती है।

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