Punjab Crime: उड़ता पंजाब! हेरोइन लाने से किया इनकार तो दबंगों ने चला डाली गोलियां, खौफ के साये में परिवार
Punjab Latest Crime पंजाब में हेरोइन ड्रग्स के लिए खूब मशहूर है। ऐसे में इसी से संबंधित एक मामला सामने आया है। दरअसल पंजाब के तरनतारन (Tarantaran News) गांव गग्गोबुहा में बाज सिंह के आवास पर कुछ लोगों ने गोलियां चला दीं। पीड़ित परिवार ने आरोपितों की गुंडागर्दी से संबंधित वीडियो मोबाइल पर बनाकर पुलिस थाने में दर्ज कराई है।
जागरण संवाददाता, तरनतारन। (Punjab Latest Crime) गांव गग्गोबुहा में बाज सिंह के घर पर कुछ लोगों ने गोलियां चलाईं। जिस दौरान पीड़ित परिवार ने आरोपितों की गुंडागर्दी से संबंधित वीडियो मोबाइल पर बनाकर पुलिस थाने में दे दी। थाना झब्बाल में मंगलवार को आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
हेरोइन को लेकर हुई झड़प
गांव गग्गोबुआ निवासी बाज सिंह ने बताया कि उन्हीं के गांव से संबंधित यादविंदर सिंह उर्फ यादा बाज सिंह के बेटे रशपाल सिंह को हेरोइन लाकर पीने के लिए कहता था। रशपाल सिंह ने ऐसा करने से मना कर दिया। इसी रंजिश के तहत सोमवार की दोपहर को ढाई बजे बाज सिंह अपने बेटे रशपाल सिंह और गुरपाल सिंह के साथ घर में मौजूद था।
आरोपितों के पास पिस्तौल और राइफल थीं
जिस दौरान रशपाल सिंह के फोन पर यादविंदर सिंह यादा ने फोन करके जान से मारने की धमकियां दीं। रशपाल सिंह ने अपने पिता को जानकारी दी।यह भी पढ़ें- Punjab News: सिखों में पगड़ी का क्या है महत्व, श्री आनंदपुर साहिब के संग्रहालय में बताई जाएगी अहमियत
रशपाल सिंह के पिता बाज सिंह ने जब यादविंदर सिंह को ऐसा करने से रोका तो कुछ देर बाद आरोपित यादविंदर सिंह अपने साथी जगदीप सिंह जग्गू, अवतार सिंह तारी, अर्शदीप सिंह अर्श, गुरदीप सिंह निवासी गांव गग्गोबुहा व तीन अज्ञात साथियों के साथ घर के बाहर आए। आरोपितों के पास पिस्तौल, राइफल थीं।
धारा 307 के तहत दर्ज किया केस
बाज सिंह ने बताया कि आरोपित उसके घर के करीब आकर पहले गालियां देने लगे, फिर गोलियां चलाने लगे। जिस दौरान बाज सिंह ने अपने दोनों बेटों समेत बड़ी मुश्किल से छिपकर जान बचाई।
बाज सिंह के बेटे रशपाल सिंह ने आरोपितों की गुंडागर्दी की वीडियो अपने मोबाइल पर बना ली। बाद में डीएसपी तरसेम मसीह को सौंपी। डीएसपी ने बताया कि थाना झबबाल में एएसआई राम सिंह द्वारा आरोपितों के खिलाफ धारा 307 के तहत केस दर्ज कर लिया है।यह भी पढ़ें- चंडीगढ़ में 4 हजार कर्मचारियों के सपने पर फिरा पानी, 2008 की इंप्लाइज हाउसिंग स्कीम रद; अब नहीं मिलेगा कोई फ्लैट
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