आठ वर्ष बाद भी शुरू नहीं हो पाया पट्टी-फिरोजपुर-रेल लिक प्रोजेक्ट, पंजाब सरकार से फंढ जारी होने का इंतजार
वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की सरकार के समय पंजाब को रेलवे बजट में बड़ा व अहम प्रोजेक्ट मिला था।
By JagranEdited By: Updated: Sun, 21 Aug 2022 11:30 AM (IST)
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन: वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की सरकार के समय पंजाब को रेलवे बजट में बड़ा व अहम प्रोजेक्ट मिला था। यह प्रोजेक्ट था पट्टी से फिरोजपुर तक रेल मार्ग बनाना। अफसोस की बात समय-समय की राज्य सरकारों की उदासीनता के कारण पिछले करीब आठ साल से यह प्रोजेक्ट धरातल पर उतर ही नहीं पाया है। प्रोजेक्ट को मिले अब प्रदेश में तीसरी सरकार आ गई है। इसके बावजूद अभी तक सरकार की ओर से जमीन अधिग्रहण के लिए अपने हिस्से का फंड जारी नहीं किया गया है। इसी वजह से यह कार्य सिरे नहीं चढ़ रहा है।
फिलहाल रेलवे ने राज्य सरकार के साथ संपर्क करके इस प्रोजेक्ट के तहत 239 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने की कवायद शुरू करने की बात कही है। पट्टी-फिरोजपुर के बीच यह रेल लिक सीमावर्ती जिलों के लिए बड़ी सौगात है। 25.47 किलोमीटर तक की यह रेल पटरी तरनतारन-खेमकरण रेल मार्ग के बीच आते रेलवे स्टेशन घरियाला से शुरू की जानी है। इसके तहत तरनतारन और फिरोजपुर जिले से संबंधित 239 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने की कवायद एसडीएम पट्टी राजेश शर्मा की ओर से शुरू की जा रही है। रेलवे के डिवीजनल इंजीनियर के साथ हुई बैठक के बाद आठ गांवों से संबंधित यह जमीन अधिग्रहण करने के लिए राज्य सरकार से 46 करोड़ की राशि मांगी गई है। एसडीएम के अनुसार, बीते अप्रैल में इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की गई थी। करीब चार माह होने को हैं और अब तक राज्य सरकार से फंड मिलने का इंतजार है। अमृतसर से फिरोजपुर और अन्य प्रदेशों की दूरी हो जाएगी कम इस रेल लाइन के बनने से अमृतसर से मुंबई तक का 200 किलोमीटर से अधिक का सफर कम हो जाएगा, साथ ही पांच घंटे कम लगेंगे। इसके अलावा गुजरात, राजस्थान भी आपस में सीधे जुड़े जाएंगे। अमृतसर से वाया तरनतारन के साथ फिरोजपुर, मोगा जिले के यात्रियों के लिए भी यह रेल मार्ग वरदान साबित होगा। फिरोजपुर से अमृतसर का सफर 70 किलोमीटर रह जाएगा, जो अब 120 किलोमीटर है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने 40 करोड़ रखे थे पर केंद्र ने नहीं बढ़ाया था हाथ वर्ष 2017 में राज्य में कांग्रेस सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट के तहत करीब 40 करोड़ की राशि जमीन अधिग्रहण करने के लिए रखी गई थी, परंतु केंद्र सरकार की ओर से हाथ आगे नहीं बढ़ाया गया। सितंबर 2021 में खडूर साहिब के सांसद जसबीर सिंह डिपा ने तरनतारन, जीरा और पट्टी के कांग्रेस विधायकों को साथ लेकर फिरोजपुर के डिवीजनल रेलवे मैनेजर के साथ इस संबंधी बैठक की थी। 147 करोड़ रुपये आएगी प्रोजेक्ट पर लागत
तरनतारन-खेमकरण रेल मार्ग स्थित घरियाला रेलवे स्टेशन से मल्लावाला (फिरोजपुर) के बीच वाले इस प्रोजेक्ट पर कुल 147 करोड़ की राशि खर्च आनी है। पट्टी के एसडीएम राजेश शर्मा बताते हैं कि रेलवे के इस प्रोजेक्ट के तहत तरनतारन जिले के आठ गांवों की 239 एकड़ जमीन अधिग्रहण की जानी है। जमीन अधिग्रहण करने के लिए फिलहाल कब प्रक्रिया शुरू होगी, यह सरकार से जारी होने वाले फंड पर निर्भर करता है। दैनिक जागरण ने सांसद तक पहुंचाया था लोगों का मुद्दा बता दें कि दैनिक जागरण की तरफ से लोकसभा चुनाव के दौरान लोगों के साथ उनके क्षेत्र के मुद्दों को लेकर बातचीत की थी। इसमें कई लोगों ने पट्टंी-फिरोजपुर रेल लिंक की जरूरत को भी उठाया था। दैनिक जागरण ने घोषणा पत्र में इस मुद्दे को शामिल करके क्षेत्र के सांसद के समक्ष रखा था तो उन्होंने इस कार्य को पूरा करने का भरोसा दिया था। इस पर समय समय पर दैनिक जागरण की तरफ से लगातार खबरें प्रकाशित की जा रही हैं।
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