गुजरात की 400 दलित महिलाये बड़ी मटकी के साथ पहुंची जालोर के सुराणा गांव
मृतक इंद्र मेघवाल के परिजनों से मिल सौंपी मटकी में रखी पौने तीन लाख की राशि। पहले गुजरात और राजस्थान की सरहद पर रानीवाड़ा में इस दल को प्रवेश करने से रोका गया लेकिन बाद में सहमति बनने पर दल से जुड़ी महिलाओं को मटकी समेत प्रवेश करने दिया गया।
By JagranEdited By: Vijay KumarUpdated: Wed, 28 Sep 2022 09:24 PM (IST)
जोधपुर, जासं। राजस्थान के जालोर जिले के सुराणा गांव में दलित छात्र के मटकी से पानी पीने के मामले में अध्यापक द्वारा पिटाई किए जाने का मामला एक बार फिर उठा है। इस बार गुजरात से तकरीबन 400 से अधिक महिलाएं एक बड़े से मटके के साथ यात्रा के तहत जालौर के सुराणा गांव पहुंची है जहां मृतक के परिजनों से मिलकर सहायता राशि सौंपकर छुआछूत के खिलाफ संदेश देने का प्रयास किया गया है।
सहमति बनने पर मटकी समेत प्रवेश करने दिया महिलाओं को
जालौर के सुराणा गांव में दलित छात्र के मटकी से पानी पीने के मामले मामले में कई दलित संगठनों ने सुराणा गांव पहुंचकर अपनी संवेदना व्यक्त की थी इसी कड़ी में गुजरात से 400 से ज्यादा दलित महिलाओं का एक दल सुराणा गांव पहुंचा हालांकि इससे पहले गुजरात और राजस्थान की सरहद पर रानीवाड़ा में इस दल को प्रवेश करने से रोका गया लेकिन बाद में सहमति बनने पर इस दल से जुड़ी महिलाओं को मटकी समेत प्रवेश करने दिया गया।
प्रत्येक दलित घर से एक-एक रुपये एकत्रित कर पौने तीन लाख इकट्ठे कियेगुजरात में दलित जागरूकता को लेकर दलित नारी सेवा केंद्र सहित कई संस्थाओं के बैनर तले 8 राज्यों के 1233 सौ गांवों के प्रत्येक दलित घर से एक-एक रुपये एकत्रित कर पौने तीन लाख रुपये इकट्ठे किये। इस राशि को एक वाहन में विशाल मटका में रखकर रैली के रूप में यह दल रवाना हुआ।
एकत्रित राशि मृतक दलित छात्र इंद्र मेघवाल के परिजनों को सौंपी
मटके में दलित समाज की ओर एकत्रित राशि रखी गयी, जो कि मृतक दलित छात्र इंद्र मेघवाल के परिजनों को सौंपी गई है। काफिले को लेकर राजस्थान में प्रवेश करने के साथ ही पुलिस के पुख्ता इंतजाम किए गए और सुराणा गांव में भी पुलिस बल तैनात किया गया था। इस पूरे मामले की जानकारी मिलने पर प्रशासनिक अमला भी सुराणा गांव में पहुंचा।
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