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पेपर लीक मामले में गिरफ्तार 46 आरोपितों पर आजीवन भर्ती परीक्षा देने पर रोक, 57 लोगों को किया गया गिरफ्तार

पेपर लीक मामले में अशोक गहलोत ने फैसला किया है कि पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हुए 46 आरोपितों पर आजीवन भर्ती परीक्षा देने पर रोक लगा दी है। अब वे कोई भी भर्ती परीक्षा नहीं दे पाएंगे।

By Piyush KumarEdited By: Piyush KumarUpdated: Sat, 07 Jan 2023 05:12 AM (IST)
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पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हुए 46 आरोपितों पर आजीवन भर्ती परीक्षा देने पर रोक लगी।

उदयपुर, जेएनएन। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने शुक्रवार को एसीबी की ओर से जारी काला आदेश वापस लेने के बाद दूसरा बड़ा निर्णय किया है। इस निर्णय के मुताबिक बीते दिनों पेपर लीक मामले में गिरफ्तार हुए 46 आरोपितों पर आजीवन भर्ती परीक्षा देने पर रोक लगा दी है। अब वे कोई भी भर्ती परीक्षा नहीं दे पाएंगे। पेपर लीक मामले के सरगना भूपेंद्र बिश्नोई एवं सुरेश ढाका का गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया है। वहीं इनकी संपत्ति जब्त करवाने की भी कार्यवाही की जा रही है।

57 व्यक्तियों को किया गया गिरफ्तार 

उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने बताया कि हाल ही में आयोजित हुई द्वितीय श्रेणी भर्ती परीक्षा के संबंध में 23 दिसम्बर को नकल गिरोह के विरुद्ध दर्ज दो मामलों में कुल 57 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर सभी को न्यायिक हिरासत में भिजवाया गया है। इन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करते हुए कुल 46 परीक्षार्थियो के संबंध में राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर को उनकी सूचना भिजवाते हुए उनको आजीवन भर्ती परीक्षाओं में सम्मिलित होने से डिबार किया जाने का अनुरोध किया गया। जिस पर चयन बोर्ड द्वारा उक्त समस्त 46 परीक्षार्थियो को आजीवन राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा भर्ती परीक्षाओं से वर्जित किया गया है।

पेपर लीक सरगनाओं के विरूद्ध जारी गिरफ्तारी वारण्ट

प्रकरण के फरार सरगना जालोर के भूपेन्द्र विश्नोई पुत्र पाबुराम सारण एवं सुरेश ढाका पुत्र मांगीलाल ढाका के खिलाफ न्यायालय से गिरफ्तारी वांरट जारी हो चुके हैं । दोनोंं आरोपितों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है।

सम्पत्तियों को जब्त कराने की कार्यवाही शुरू

अधीक्षक विकास शर्मा ने बताया कि आरोपि भूपेन्द्र विश्नोई व सुरेश ढाका और उनके परिवार के स्वामित्व की सम्पत्तियां और जमीन इत्यादि जब तक की जाएंगी जबकि जाएंगी। यह सब राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा संशोधन अधिनियम 2022 की धारा 12 के तहत प्रथम दृष्टया दोनों अपराधियों को दोषी मानते हुए किया जाएगा।

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