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Rajasthan: राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे VHP मार्गदर्शक मंडल सदस्य आचार्य धर्मेंद्र का निधन, पीएम ने जताया दुख

आचार्य धर्मेंद्र राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय थे। विश्व हिंदू परिषद से जुड़े वे काफी चर्चा में रहे थे।वे राम मंदिर आंदेालन के दौरान बेबाकी से बोलते थे। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में जब न्यायालय का फैसला आने वाला था तब उन्होंने कहा था कि मैं आरोपित नंबर एक हूं।

By Priti JhaEdited By: Updated: Mon, 19 Sep 2022 04:46 PM (IST)
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राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे VHP मार्गदर्शक मंडल सदस्य आचार्य धर्मेंद्र का निधन, पीएम ने जताया दुख
जागरण संवाददाता, जयपुर। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य और कट्टर हिंदूवादी नेता आचार्य धर्मेंद्र का सोमवार सुबह आठ बजे जयपुर में निधन हो गया। वे पिछले एक महीने से सवाईमानसिंह अस्पताल में भर्ती थे। 80 वर्षीय आचार्य धर्मेंद्र आंत की बीमारी से ग्रसित थे। डॉ.स्वाति श्रीवास्तव के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम उनका इलाज कर रही थी। आचार्य धर्मेंद्र का अंतिम संस्कार मंगलवार को सुबह दस बजे विराट नगर में होगा। उनका शव सोमवार दोपहर में जयपुर से विराटनगर ले जाया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके निधन पर शोक जताया है। कुछ दिन पहले पीएम व बिरला ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। आचार्य धर्मेंद्र के दो पुत्र प्रणवेंद्र शर्मा और सोमेंद्र शर्मा है। सोमेंद्र की पत्नी वर्तमान में कांग्रेस सरकार में समाज कल्याण सलाहकार बोर्ड की अध्यक्ष हैं।

आचार्य धर्मेंद्र राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे थे। विश्व हिंदू परिषद से लंबे समय तक जुड़े रहते हुए वे काफी चर्चा में रहे थे। वे राम मंदिर आंदेालन के दौरान बेबाकी से बोलते थे। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में जब न्यायालय का फैसला आने वाला था तब उन्होंने कहा था कि मैं आरोपित नंबर एक हूं। सजा से डरना क्या, जो किया सबके सामने किया। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आड़वाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और स्व.कल्याण सिंह के साथ आचार्य धर्मेंद्र को भी आरोपित माना गया था।

आचार्य धर्मेंद्र का जीवन परिचय

महात्मा रामचंद्र वीर महाराज के पुत्र आचार्य धर्मेंद्र का पूरा जीवन हिंदी और हिंदुत्व की रक्षा के लिए समर्पित रहा है। उनका जन्म 9 जनवरी,1942 कोगुजरात के मालवाड़ा में हुआ था । पिता महात्मा रामचंद्र वीर के आदर्शों और व्यक्तित्व का इन पर ऐसा प्रभाव पड़ा कि इन्होंने 13 साल की उम्र में वज्रांग नाम से एक समाचार-पत्र निकाला। राम मंदिर आंदोलन में उनके सहयोगी रहे विहिप के पूर्व केंद्रीय मंत्री जुगल किशोर ने बताया कि स्व.आचार्य धर्मेंद्र ने राम मंदिर आंदोलन को आक्रामक तरीके से उठाया था। देशभर सभाएं की थी।

महात्मा गांधी के बारे में विवादित टिप्पणी की थी

करीब सात साल पहले छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक सत्संग कार्यक्रम में आचार्य धर्मेंद्र ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि कोई डेढ़ पसली वाला,बकरी का दूध पीने और सूत काटने वाला व्यक्ति भारत का राष्ट्रपिता नहीं हो सकता। उन्होंने कहा था कि हम भारत को मां मानते हैं। ऐसे में महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहना बिल्कुल गलत है। महात्मा गांधी भारत मां के बेट हो सकते हैं। है, लेकिन राष्ट्रपिता का दर्जा देना ठीक नहीं है। 

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