Move to Jagran APP

बिहार के बाद अब राजस्थान में भी जातिगत जनगणना की मांग उठी, ओबीसी वर्ग के नेताओं की सभा 29 अक्‍टूबर को

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में ओबीसी प्रकोष्ठ के संयोजक राजेंद्र सैन और गुर्जर नेता हिम्मत सिंह का कहना है कि 29 अक्टूबर को दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर की बड़ी सभा होगी। इस सभा में देशभर से अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग शामिल होंगे।

By Priti JhaEdited By: Updated: Tue, 31 Aug 2021 04:35 PM (IST)
Hero Image
बिहार के बाद अब राजस्थान में भी उठने लगी जातिगत जनगणना की मांग
जागरण संवाददाता, जयपुर। बिहार के बाद अब राजस्थान में भी जातिगत जनगणना की मांग उठने लगी है । अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से जुड़े संगठनों ने जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करने की मांग की है । जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करने की मांग कर रहे ओबीसी वर्ग के नेताओं का कहना है कि इससे समाज को लाभ होगा। अपनी मांग के समर्थन में लोगों को एकजुट करने के लिहाज से ओबीसी संगठनों के नेता जिलों का दौरा कर रहे हैं। यह जिलों में जाकर ओबीसी में शामिल सभी जातियों को एकजुट होने का आह्वान कर रहे हैं।

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी में ओबीसी प्रकोष्ठ के संयोजक राजेंद्र सैन और गुर्जर नेता हिम्मत सिंह का कहना है कि 29 अक्टूबर को दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर की बड़ी सभा होगी। इस सभा में देशभर से अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग शामिल होंगे। फुले समता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बापू भुजबल का कहना है कि जब सबकुछ जातिगत आधार पर हो रहा है तो आंकड़े सार्वजनिक करने में क्या परेशानी है।

राजनीतिक दल टिकट से लेकर सत्ता में भागीदारी तक जातिगत आधार पर दे रहे हैं। ऐसे में जातिगत आंकड़े सार्वजनिक करने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इससे पिछड़े वर्ग को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में आसानी होगी ।

उन्होंने कहा,जब पशु और पक्षियों की गणना हो सकती है तो इंसानों की जातिवार गणना क्यों नहीं हो रही है। सरकार जब तक पिछड़ों की जनगणना जातिवार कॉलम बनाकर नहीं करेगी तब तक ओबीसी वर्ग को उनका हक नहीं मिल सकेगा।

उल्लेखनीय है कि साल, 2011 में सामाजिक-आर्थिक सर्वे के साथ जातिगत जनगणना भी करवाई गई थी। उस समय भी जातिगत जनगणना पर काफी विवाद हुआ था। बाद में जातिगत आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए थे। केवल सामाजिक आर्थिक, सामाजिक जनगणना के आंकड़े ही सार्वजनिक किए गए थे । अब 10 साल बाद फिर जातिगत जनगणना का मामला जोर पकड़ रहा है। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।