हाथरस हादसे के बाद राजस्थान में एक बाबा के दरबार लगाने पर रोक, फूल-पत्ती से कैंसर के इलाज का करता है दावा
मध्य प्रदेश के भिंड जिले के सारूपुरा गांव निवासी अनिल कुमार सीआरपीएफ में कांस्टेबल रह चुका है। अनिवार्य सेवानिवृति लेने के बाद वह खुद को हनुमान जी का भक्त बताते हुए कैंसर का इलाज करने का दावा करते दरबार लगाता है। राजस्थान और उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में दरबार में पहुंचते हैं। बाबा का कहना है कि उसके दरबार में लोग हनुमान जी की कृपा से आते हैं।
जागरण संवाददाता, जयपुर। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ और उसमें हुई मौतों के बाद राजस्थान में दरबार लगाने वाले बाबाओं पर सख्ती शुरू है। इसी कड़ी में शनिवार को भरतपुर जिले के बयाना में फूल-पत्ती से कैंसर के इलाज का दावा करते नियमित दरबार लगाने वाले कथित बाबा अनिल कुमार को प्रशासन ने पाबंद किया है। उसे नोटिस देकर इस तरह का दरबार लगाने से मना किया गया है।
मध्य प्रदेश के भिंड जिले के सारूपुरा गांव निवासी अनिल कुमार सीआरपीएफ में कॉस्टेबल रह चुका है। अनिवार्य सेवानिवृति लेने के बाद वह खुद को हनुमान जी का भक्त बताते हुए कैंसर का इलाज करने का दावा करते दरबार लगाता है।
राजस्थान और यूपी के लोग दरबार में पहुंचते हैं
राजस्थान और उत्तर प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में दरबार में पहुंचते हैं। उधर, अनिल कुमार का कहना है कि उसके दरबार में लोग हनुमान जी की कृपा से आते हैं। हनुमान जी की मर्जी से ही कैंसर के रोगियों का गुलाब के फूल की पत्तियों व लौंग से इलाज किया जाता है।
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