Rajasthan Politics: अशोक गहलोत बोले, सचिन पायलट को किसी भी हालत में सीएम नहीं बनने देंगे
Rajasthan Politics राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साफ कहा कि वे सचिन पायलट को किसी भी हालत में सीएम नहीं बनने देंगे। आलाकमान तय कर ले कि मुझे रखना है या किसी और को सीएम बनाना है।
By Jagran NewsEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Thu, 24 Nov 2022 07:22 PM (IST)
जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan Politics: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) से करीब दस दिन पहले राजस्थान कांग्रेस में फिर राजनीतिक संकट उत्पन्न होता नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने साफ कहा कि वे सचिन पायलट (Sachin Pilot) को किसी भी हालत में सीएम नहीं बनने देंगे। आलाकमान तय कर ले कि मुझे रखना है या किसी और को सीएम बनाना है। पायलट ने कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए गद्दारी की थी। सरकार गिराने की कोशिश की थी, विधायक उनका नाम सुनना पसंद नहीं करते हैं। जिसके पास दस विधायक नहीं हो उसे कोई सीएम कैसे बना सकता है।
कहा-पायलट ने गद्दारी की
अशोक गहलोत ने कहा कि जिसने भाजपा के साथ मिलकर गद्दारी की, जिसे गद्दार नाम दिया गया हो, उसे विधायक कैसे स्वीकार कर सकते हैं। गहलोत ने कहा कि जिसके कारण हम 34 दिन तक होटलों में बैठे रहे। ये केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान के साथ मिलकर सरकार गिरा रहे थे। इन्होंने भाजपा नेताओं से दस-दस करोड़ रुपये लिए थे। गहलोत ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि पायलट की गद्दारी को मैंने भुगता है। उन्होंने कहा कि 102 में से किसी भी विधायक को सीएम बना दो, लेकिन पायलट को स्वीकार नहीं करेंगे। उधर, पायलट ने मध्य प्रदेश के बुहरानपुर में राहुल और प्रियंका गांधी से मुलाकात की। पायलट ने कहा कि यह वक्त आपस में लड़ने का नहीं है। भाजपा के खिलाफ एकजुट होने का है। गहलोत गुजरात के प्रभारी हैं, उन्हें वहां के चुनाव का काम देखना चाहिए। पायलट ने कहा कि गहलोत के सीएम रहते दो बार पार्टी चुनाव हार चुकी है।
आज तो मैं सीएम हूं
अशोक गहलोत ने कहा कि आज तो मैं सीएम हूं, आलाकमान की तरफ से इशारा तो छोड़ो, मुझे संकेत तक नहीं दिया गया। मैं आलाकमान के साथ हूं। पायलट को कोई स्वीकार नहीं करेगा। आलाकमान न्याय करेगा। प्रदेश प्रभारी अजय माकन और आलाकमान को अपनी सोच बता चुका हूं। प्रदेश में फिर सरकार आना जरूरी है। मैं तीन बार सीएम रहा हूं, मेरे लिए मुख्यमंत्री रहना जरूरी नहीं है। उन्होनें कहा कि सर्वे करवा लीजिए कि मेरे मुख्यमंत्री रहने से सरकार आ सकती है तो मुझे रखिए। अगर दूसरे चेहरे से सरकार आ सकती है तो उसे बनाइए।गहलोत ने कहा कि 2009 में मेरी सिफारिश पर पायलट केंद्रीय मंत्री बने थे। पायलट का मेरे पास फोन आया था कि मेरी सिफारिश कीजिए, जबकि मैं तो पहले ही सिफारिश कर चुका था।25 सितंबर को पायलट के कारण माहौल बिगड़ा
अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई गई। उस पायलट के कारण माहौल बिगड़ा था। उस दिन 90 विधायक एकत्रित हुए थे, जिन्होंने सरकार बचाने में सहयोग किया था। इन विधायकों ने कोई बगावत नहीं की है। उस दिन पायलट खुद विधायकों को फोन कर के कह रहे थे कि बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित होगा, फिर मैं सीएम बनूंगा। इस कारण विधायकों में भ्रम हो गया कि पायलट सीएम की शपथ लेने वाले हैं। इसलिए 90 विधायक एकत्रित हुए। ये सब निष्ठावान हैं। विधायक पायलट को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। पायलट अगर आलाकमान से माफी मांग लेते तो 25 सितंबर की घटना नहीं होती।
गहलोत और पायसट के समर्थक आमने-सामने
नागरिक सुरक्षा राज्यमंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने मीडिया से कहा कि 80 प्रतिशत विधायक यदि पायलट के साथ नहीं है तो किसी को भी सीएम बना दिया जाए। गुढ़ा ने दो दिन पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की थी। वहीं, सीएम के सलाहकार संयम लोढ़ा ने कहा किसी भी समय हाथ खड़े करवा लें। गहलोत के साथ एक सौ एक विधायक हैं।भाजपा ने कहा, आपसी झगड़ा
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने मीडिया से कहा कि गहलोत ने आपसी झगड़े को ढंकने के लिए भाजपा के लिए कुतर्क का सहारा लिया है। इसमें कोई दम नहीं है। गहलोत आरोप लगाने के आदी हैं।
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