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Rajasthan: डीग में ASI को मिली बड़ी सफलता, खुदाई में मिले महाभारत और मौर्यकालीन अवशेष

राजस्थान में डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) को बडी सफलता मिली है। यहां खुदाई में कुषाण कालीन शुग कालीन मौर्य कालीन महाजनपद कालीन और महाभारत कालीन अवशेष मिले हैं। बहज गांव में चार महीने से खुदाई हो रही है। एएसआई का दावा है कि इस तरह के अवशेष और औजार अब तक भारत में कहीं नहीं मिले हैं।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Thu, 02 May 2024 08:55 PM (IST)
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राजस्थान के डीग में मिले महाभारत और मौर्यकालीन अवशेष। फाइल फोटो।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में डीग जिले के बहज गांव में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) को बडी सफलता मिली है। यहां खुदाई में कुषाण कालीन, शुग कालीन, मौर्य कालीन, महाजनपद कालीन और महाभारत कालीन अवशेष मिले हैं। बहज गांव में चार महीने से खुदाई हो रही है।

खुदाई में मिले हड्डियों से बने सुई के आकार के औजार

बृज क्षेत्र में आने वाले डीग जिले के बहज गांव में खुदाई के दौरान हड्डियों से बने सुई के आकार के औजार मिले हैं। इन्हे जयपुर स्थित पुरातत्व विभाग के कार्यालय में भेजे गए हैं।

हड्डियों से निर्मित बने कई अवशेष

एएसआई का दावा है कि इस तरह के अवशेष और औजार अब तक भारत में कहीं नहीं मिले हैं। दावा किया जा रहा है कि अब तक की खुदाई में ढाई हजार साल से भी ज्यादा पुराने अवशेष मिल चुके हैं। इनमें यज्ञ कुंड, धातु के औजार, सिक्के, मौर्यकालीन मातृदेवी प्रतिमा का सिर, शुंग कालीन अश्विनी कुमारों की मूर्ति ,फलक, हड्डियों से निर्मित उपकरण एवं महाभारत कालीन मिट्टी के बर्तन के टुकड़े मिले हैं।

खुदाई में  मिली अश्विनी कुमारों की प्राचीन मूर्ति

खुदाई में अश्विनी कुमारों की प्राचीन मूर्ति मिली है। अश्विनी कुमारों का नाम महाभारत में द्रस्त्र और नास्त्य था।अश्विनी कुमारों को नकुल और सहदेव का मानस पिता माना जाता है। यहां हवन कुंड से निकली मिट्टी को अलग रखा जा रहा हे। इसका विशेष महत्व बताया जा रहा है। हवन कुंड में धातु के औजारों के सिक्के भी मिले हैं।

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