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Rajasthan: भंवरी देवी की अस्थियों को दस साल बाद भी दाह संस्कार के साथ विसर्जन का इंतजार

Rajasthan सीबीआइ की कस्टडी में रखी भंवरी की अस्थियों को आज भी विधिवत दाह संस्कार के साथ गंगा विसर्जन का इंतजार है। आज से ठीक दस वर्ष पहले सितंबर 2011 को भंवरी के पति अमरचंद ने भंवरी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Wed, 01 Sep 2021 06:45 PM (IST)
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भंवरी देवी की अस्थियों को दस साल बाद भी दास संस्कार के साथ विसर्जन का इंतजार। फाइल फोटो

जोधपुर, संवाद सूत्र। राजस्थान में भंवरी देवी को मरे हुए आज पूरे 10 साल हो चुके हैं। एक सितंबर, 2011 को भंवरी के पति अमरचंद की ओर से उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, जिसके बाद से लेकर आज तक इस मामले में एक के बाद एक कई राज सामने आए। सीबीआइ जांच में भंवरी देवी की अस्थियां भी नहर से बरामद हुईं। सीबीआइ की कस्टडी में रखी भंवरी की अस्थियों को आज भी विधिवत दाह संस्कार के साथ गंगा विसर्जन का इंतजार है। आज से ठीक दस वर्ष पहले सितंबर, 2011 को भंवरी के पति अमरचंद ने भंवरी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। भंवरी का कई दिन तक पता ही नहीं चल पाया। बाद में केस की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। सीबीआइ ने अपनी जांच में कहा कि भंवरी को मार कर जला दिया गया है। उसकी अस्थियों को राजीव गांधी लिफ्ट नहर में बहा दिया गया।

सीबीआइ ने नहर से इन अस्थियों को एकत्र किया। इन अस्थियों के डीएनए का मिलान भंवरी के बच्चों से कराने के बाद ही पुष्टि हो पाई थी कि भंवरी अब इस दुनिया में नहीं है। भंवरी की अस्थियां आज भी सीबीआइ ने संरक्षित कर रखी हुई हैं। इस मामले में सीबीआइ को कहना है कि भंवरी के परिजनों की ओर से कभी भी इन अस्थियों को सौंपने का आग्रह नहीं किया गया। भंवरी का पति अमरचंद भी दस साल से जेल में बंद था। कुछ दिन पूर्व ही वह जमानत पर जेल से बाहर आया है, वहीं भंवरी के तीन बच्चों ने भी कभी इस मामले में पहल नहीं की। नियमानुसार भंवरी की अस्थियों को हासिल करने के लिए परिजनों को कोर्ट में आवेदन करना होगा। कोर्ट की भंवरी के परिजनों को अनुमति के बाद ही अस्थियां सकती हैं।

जानें, क्या है मामला

भंवरी देवी के पति अमरचंद की ओर से एक सितंबर, 2011 को बिलाड़ा थाने में अपनी पत्नी भंवरी देवी के लापता होने की रिपोर्ट दी थी। साथ ही, अपहरण की आशंका जताते हुए तत्कालीन कांग्रेस सरकार में जल संसाधन मंत्री रहे महिपाल मदेरणा सहित 23 अन्य लोगों पर शक जाहिर किया गया था। इस मामले में भंवरी देवी के अपहरण के साथ हत्या की आशंका भी जताई गई थीस जिसके बाद जांच सीबीआइ को सौंप दी गई थी। सीबीआइ ने तीन दिसंबर 2011 को महिपाल मदेरणा के पूछताछ की और उसे गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में कांग्रेस विधायक मलखान सिंह की भी गिरफ्तारी हुई। इस मामले में 15 अन्य गिरफ्तारियां भी हुईं।

वहीं, सीबीआइ पड़ताल में यह भी बात उजागर हुई कि भंवरी देवी के पति अमरचंद को पूरे घटनाक्रम और साजिश की भनक लग चुकी थी। इसके बावजूद वह अनजान बना रहा। सीबीआइ ने उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया व उसे गिरफ्तार किया। वहीं, पूरे मामले की मास्टरमाइंड लूणी विधायक मलखान विश्नोई की बहन इंद्रा विश्नोई को माना जाता है, जो अभी भी जेल में बंद है। हाल ही में मामले के एक आरोपित मलखान विश्नोई के भाई परसराम को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद इस आधार पर अन्य आरोपितों को भी जमानत मिली है। वहीं, मामले में इंद्रा विश्नोई की जमानत याचिका पर सुनवाई 14 सितंबर को होनी है।

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